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  • राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं
  • मुख्यमंत्री ने टूटीकंडी बाल आश्रम में बच्चों के साथ मनाई दिवाली
  • मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को दीपावली की शुभकामनाएं दीं
  • मुख्यमंत्री ने होम स्टे इकाइयों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए
  • सरकार ने आम जनता की सुविधा के लिए पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह की बुकिंग को किया ऑनलाइन: मुख्यमंत्री
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  • मुख्यमंत्री ने होम स्टे इकाइयों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां राज्य में पर्यटन परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दस दिनों के भीतर होम स्टे इकाइयों के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी विभागों के लिए यूजर फ्रैंडली ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने के लिए सक्षम सॉफ्टवेयर कंपनियों की सेवाएं लेने के साथ साथ इस संदर्भ में टेंडर भी जारी किए जाएं।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों, सामान्य प्रशासन विभाग के अतिथिगृहों और विभिन्न विभागों के विश्राम गृहों में सभी भुगतान ऑनलाइन किए जाएं, जिसमें खाद्य बिलों का भुगतान आदि भी शामिल हो।
    उन्होंने एशियन विकास बैंक और पर्यटन विकास बोर्ड परियोजनाओं के लिए नक्शे तैयार करने के लिए पेशेवर आर्किटेक्ट्स की सूची तैयार करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसे दस दिनों के भीतर विज्ञापित किया जाए।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए प्रशासनिक औपचारिकताओं को पूरा करने में तेज़ी लाई जाए तथा इस प्रक्रिया को अधिक सरल बनाया जाए। उन्होंने पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद के प्रस्तावित नियमों में बदलाव करने का सुझाव भी दिया, जिस पर बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि निर्माणाधीन होटलों पर भी पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद के नियमों के तहत विचार किया जाए।
    मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की घाटे में चल रही इकाइयों के संचालन और रख-रखाव की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के निर्देश दिए ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सके।
    बैठक में मुख्य सचिव संजय गुप्ता, प्रधान सचिव देवेश कुमार, पर्यटन निदेशक विवेक भाटिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को दीपावली की शुभकामनाएं दीं
     
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट कर उन्हें दीपावली के पावन अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
    मुख्यमंत्री ने राज्यपाल और लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि की कामना की।
    इस अवसर पर विधायक एवं मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर भी उनके साथ उपस्थित थीं।
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  • मुख्यमंत्री ने टूटीकंडी बाल आश्रम में बच्चों के साथ मनाई दिवाली
     
     
    राज्य भर के बाल आश्रमों में रहने वाले बच्चों के लिए होगा खेल दिवस का आयोजन 
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां टूटीकंडी बाल आश्रम का दौरा किया और आश्रम में रहने वाले बच्चों के साथ दीपोत्सव भी मनाया।
    आश्रम के बच्चों और कर्मचारियों ने मिट्टी के दीये जलाकर और रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बच्चों कोे मिठाइयां और उपहार बांटे और उन्हें दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवाली का असली मतलब खुशियां, करुणा और एकजुटता बांटना है। ये बच्चे हमारा भविष्य हैं और यह हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है, कि हम सुनिश्चित करें कि उनकी परवरिश प्यार, सम्मान और उचित अवसरों के साथ हों। 
    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘राज्य के बच्चों’ के रूप में गोद लिया है। इन बच्चों की शिक्षा का सारा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रति माह 4000 रुपये पॉकेट मनी भी प्रदान की जा रही है।
    उन्होंने कहा कि राज्य के बाल आश्रमों में आवासीय सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा और अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि की जाएगी। 
    श्री सुक्खू ने कहा कि सरकार जल्द ही अनाथ और कमजोर बच्चों के समग्र विकास के लिए विशेष रूप से नई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करेगी।
    मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि बाल आश्रम के बच्चों के लिए हर साल 14 नवंबर को खेल दिवस का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकार पर्याप्त बजट का प्रावधान करेगी।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल आश्रमों के छात्रों को बेहतर अनुभव प्राप्त करने के लिए राज्य से बाहर शैक्षणिक दौरों पर भेजा जाएगा। उन्होंने बच्चों से अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने और उसके बाद विभिन्न क्षमताओं में राष्ट्र की सेवा करके देश का नाम रोशन करने का आह्वान किया। 
    इस अवसर पर महापौर सुरेन्दर चौहान, उप-महापौर उमा कौंडल, निदेशक महिला एवं बाल कल्याण पंकज ललित और उपायुक्त अनुपम कश्यप भी उपस्थित थे।
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  • विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल से भेंट की
     
     
     
    प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट कर उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दीं।
    राज्यपाल ने कुलदीप सिंह पठानिया का आभार वयक्त किया और दीपावली की बधाई देते हुए उनके सुखद और समृद्ध जीवन की कामना की।
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  • राज्यपाल ने नारी सेवा सदन और बालिका आश्रम का दौरा किया


    बालिकाओं और महिलाओं को दीपावली की शुभकामनाएं दीं

    दिवाली उत्सव से पूर्व राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल और उनकी धर्मपत्नी एवं राज्य रेड क्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष जानकी शुक्ला ने आज जिला शिमला के मशोबरा स्थित नारी सेवा सदन और बालिका आश्रम का दौरा किया। उन्होंने आश्रम में रह रही महिलाओं और बालिकाओं को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और मिठाइयां वितरित कीं।  
    इस अवसर पर महिलाओं और बालिकाओं से बातचीत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा जीवन को आकार देने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने बालिकाओं से आग्रह किया कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कहा कि अपना उत्साह कभी कम न होने दें और सदैव राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने का प्रयास करें।
    श्री शुक्ल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और यहां के त्यौहार राज्य की समृद्ध देव संस्कृति से जुड़े हुए हैं। हमारी भावनाएं और मूल्य सदैव इन दिव्य परंपराओं से जुड़े रहने चाहिए।
    राज्यपाल ने कहा कि ऐसे संस्थानों में रह रहे बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के समान अवसर दिए जाने चाहिए। उन्हें सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपना कौशल और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने का उपयुक्त मंच मिल सके।
    राज्यपाल के सचिव सी. पी. वर्मा, जिला प्रशासन के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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  • राज्यपाल ने युवाओं से अपनी ऊर्जा राष्ट्र निर्माण में लगाने का आह्वान किया



    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में मॉडल संयुक्त राष्ट्र एवं युवा संसद के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत एक युवा राष्ट्र है तथा इन युवाओं की रचनात्मकता और ऊर्जा इसे निकट भविष्य में एक विकसित देश का रूप प्रदान करेगी।
    इस संगोष्ठी का आयोजन केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा विकसित भारत/2047 पहल के अंतर्गत किया गया।
    राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करते हैं। इससे उन्हें वर्ष 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य की दिशा में सार्थक योगदान करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने इस बात की सराहना की कि विद्यार्थी अपनी संस्कृति को जीवंत रखते हुए राष्ट्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।यह सांस्कृतिक जागरूकता हमारे लोकतंत्र की आत्मा और भारत की वास्तविक पहचान है।
    राज्यपाल ने जेन-जेड के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के युवाओं का अपनी संस्कृति और परंपराओं के साथ गहरा जुड़ाव है। उन्होंने कुल्लू दशहरा और अन्य धार्मिक उत्सवों जैसे आयोजनों के दौरान इन मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन में युवाओं की सक्रिय भागीदारी को स्वयं देखा है। कुल्लू दशहरा में युवा श्रद्धालु भगवान रघुनाथ के रथ को अपार श्रद्धा के साथ खींचते हैं, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनके अटूट सम्मान को दर्शाता है। युवाओं में ऐसी भावना और समर्पण भारत को एक बार फिर विश्व गुरु के रूप में उभरने में मदद करेगा।
    उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं। हिमाचल के युवाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वे प्रदेश की सादगी, ईमानदारी और मानवता को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वह अपनी ऊर्जा संघर्ष में न लगाकर राष्ट्र निर्माण में लगाएं।
    विश्वविद्यालयों में हिंसात्मक गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने छात्र संगठनों का आह्वान किया कि शारीरिक संघर्षों के बजाय वे वैचारिक संघर्ष में शामिल हों। शैक्षणिक वातावरण को बाधित करने से किसी को कोई लाभ नहीं होता, इसलिए युवाओं को अपनी ऊर्जा राष्ट्र विकास में लगानी चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत के ऊर्जावान युवा इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार-विमर्श करेंगे और राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान देंगे।
    विचारों की विविधता को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए, श्री शुक्ला ने कहा कि यही लोकतंत्र की असली ताकत है। उन्होंने युवाओं को यह भी याद दिलाया कि अधिकार जिम्मेदारियों के साथ आते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने समकालीन मुद्दों पर चर्चा करते हुए कई संवैधानिक प्रावधानों का हवाला दिया।
    राज्यपाल ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गिनती दुनिया के शीर्ष नेताओं में होती है। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए पंच संकल्प इस कार्यक्रम की भावना के अनुरूप हैं। इन संकल्पों को अपनाना एक नए और विकसित भारत के निर्माण की दिशा में एक कदम है। राज्यपाल ने युवाओं से अपने विचारों, आदर्शों और कार्यों के माध्यम से 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह किया।
    कुलपति प्रो. महावीर सिंह ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास का मार्गदर्शन करते हैं।
    राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना ने विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन पर बल देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे सुंदर पहाड़ी राज्य मंे विकास के नाम पर पर्यावरण को नुकसान नहीं पहंुचना चाहिए।
    इस अवसर पर डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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