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  • मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से कहा, मैं आपके साथ, लाएंगे सैटलमेंट पॉलिसी
  • गौपाल योजना के अंतर्गत अगस्त माह से मिलेगी बढ़ी दर से प्रोत्साहन राशिः चंद्र कुमार
  • मुख्यमंत्री ने नाचन क्षेत्र के बागा, स्यांज व पंगल्यूर गांव में आपदा का जायजा लिया
  • मुख्यमंत्री ने एम्स बिलासपुर में बस दुर्घटना के घायलों का कुशलक्षेम जाना
  • मुख्यमंत्री ने सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया सम्पर्क मार्गों की शीघ्र बहाली के दिए निर्देश
  • नागरिकों को रजिस्ट्री के लिए अब केवल एक बार जाना होगा कार्यालय: मुख्यमंत्री
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  • नागरिकों को रजिस्ट्री के लिए अब केवल एक बार जाना होगा कार्यालय: मुख्यमंत्री
    मुख्यमंत्री ने राजस्व मामलों में पेपरलेस, प्रजेंसलेस और कैशलेस प्रणाली अपनाने पर दिया बल
    ‘माई डीड’, संशोधित जमाबंदी, ई-रोजनामचा और कारगुजारी पहल का शुभारम्भ किया 
     
    नागरिकों को अपनी जमीन  की रजिस्ट्री करवाने के लिए केवल एक बार कार्यालय जाना होगा। वे किसी भी समय और कहीं से भी भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिससे उनका समय और श्रम बचेगा। यह बात मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ‘माई डीड’ एनजीडीआरएस (नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ करते हुए कही। इस पहल से जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और अधिक सरल और सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। बिलासपुर जिले की बिलासपुर सदर तहसील, जिला चम्बा की डलहौजी तहसील, जिला हमीरपुर की गलोड़ तहसील, जिला कांगड़ा की जयसिंहपुर तहसील, जिला कुल्लू की भूंतर, जिला मंडी की पधर तहसील, जिला शिमला की कुमारसेन, जिला सिरमौर की राजगढ़, जिला सोलन की कंडाघाट तहसील तथा जिला ऊना की बंगांणा तहसील में इस परियोजना का शुभारम्भ किया गया है।  
    इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जमाबंदी, ई-रोजनामचा वाक्याती और कारगुजारी पहलों का भी शुभारंभ किया, ताकि राजस्व विभाग के कार्यों को और बेहतर बनाया जा सके और लोगों के लिए पंजीकरण व अन्य प्रक्रियाएं प्रक्रियाएं सरल व सुगम हो सकें। 
    उन्होंने कहा कि नई जमाबंदी का प्रारूप सरल हिंदी में तैयार किया गया है। इसमें अब उर्दू, अरबी और फारसी जैसी पुरानी भाषाओं को हटाया गया है ताकि आम लोग भूमि रिकॉर्ड को आसानी से समझ सकें। ई-रोजनामचा वाक्याती से पटवारियों को प्रतिदिन की गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने में सुविधा मिलेगी, जबकि कारगुजारी प्रणाली से वे अपनी दैनिक हाजिरी ऑनलाइन लगा सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस सुविधा से अब तहसीलदार भी अपने कार्यों की निगरानी अधिक प्रभावी ढंग से कर सकेंगे। जल्द ही ऑनलाइन म्यूटेशन रजिस्टर को भी इस पहल से जोड़ा जाएगा। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का उपयोग सेवाओं को बेहतर बनाने, पारदर्शिता लाने और राजस्व सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी व्यवस्था की ओर बढ़ना है जो पेपरलेस, प्रजेंसलेस और कैशलेस हो ताकि लोगों को घर बैठे सरकारी सेवाएं सुनिश्चित हो सकें।  
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पारदर्शी और जवाबदेह शासन के लिए प्रतिबद्ध है और सरकारी कामकाज में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार किए गए हैं। 
    उन्होंने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) और डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग को निर्देश दिए कि राजस्व सेवाओं को अधिक प्रभावी और जन हितैषी बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल मॉडयूल्स पर तेजी से कार्य करें। 
    मुख्यमंत्री ने 10 दिनों के भीतर डिजिटल हस्ताक्षर युक्त जमाबंदी मॉडयूल तैयार करने के भी निर्देश दिए ताकि लोगों को ‘फर्द’ (भूमि रिकॉर्ड की प्रति) प्राप्त करने के लिए पटवारखानों के चक्कर न काटने पड़ें।
    मुख्यमंत्री ने 15 दिनों के भीतर एक ऑनलाइन, पेपरलेस राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली तैयार करने के निर्देश दिए, जिससे लोग ऑनलाइन याचिकाएं दायर तथा समन व अपडेट डिजिटल माध्यम से प्राप्त कर सकें। इससे प्रक्रिया में तेजी आएगी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। उन्होंने एनआईसी को यह भी निर्देश दिए कि 15 दिनों के भीतर ऑनलाइन म्यूटेशन मॉडयूूल विकसित किया जाए और इसे जमाबंदी रिकॉर्ड से सीधे जोड़ा जाए, जिससे म्यूटेशन पंजीकरण की प्रक्रिया मंे तेजी आएगी। 
    मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे इन सभी पहलों को ज़मीनी स्तर पर सक्रिय रूप से लागू करें ताकि लोग इन डिजिटल सेवाओं का पूर्ण लाभ उठा सकें। उन्होंने विशेष रूप से उन मामलों में जहां भूमि एक से अधिक लोगों के संयुक्त नाम पर है के लिए ‘खान्गी तकसीम’ को मिशन मोड में अपनाने के भी निर्देश दिए। इससे ‘सिंगल खाता, सिंगल ओनर’ की अवधारणा को बढ़ावा मिलेगा और भूमि रिकॉर्ड अधिक सरल व स्पष्ट बनेंगे।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि ये डिजिटल सुधार लोगों की सरकारी कार्यालयों में बार-बार जाने की आवश्यकता को कम करेंगे। इन प्रयासों से जन समस्याओं का शीघ्र समाधान होगा और लोगों को राहत मिलेगी। 
    राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक विनोद सुल्तानपुरी और मलेंद्र राजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, निदेशक राघव शर्मा, निदेशक डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं शासन विभाग डॉ. निपुण जिंदल तथा राजस्व विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
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  • मुख्यमंत्री ने एम्स बिलासपुर में बस दुर्घटना के घायलों का कुशलक्षेम जाना
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज बिलासपुर जिला के नम्होल के समीप हुई बस दुर्घटना में घायल हुए यात्रियों का कुशलक्षेम जानने के लिए एम्स बिलासपुर का दौरा किया। उन्होंने घायलों से बातचीत की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। मुख्यमंत्री ने सभी घायलों को प्रदेश सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
    मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन को घायलों का शीघ्र एवं बेहतरीन उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
    एम्स बिलासपुर में 32 घायल यात्रियों का इलाज चल रहा है, जबकि बस चालक को मार्कंड के नागरिक अस्पताल में भर्ती किया गया है। ज़िला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही करते हुए पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सुविधा और प्रभावितों को फौरी राहत राशि प्रदान की है।
    मुख्यमंत्री के साथ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, कांग्रेस नेता विवेक कुमार, पवन ठाकुर, संजीव गुलेरिया और गौरव शर्मा, उपायुक्त राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक संदीप धवल और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने नाचन क्षेत्र के बागा, स्यांज व पंगल्यूर गांव में आपदा का जायजा लिया
     
     
     
    मृतकों की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना, प्रभावितों को मदद का दिया आश्वासन
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू वीरवार को मण्डी जिले के नाचन विधानसभा क्षेत्र में आपदा प्रभावित परिवारों से मिले और उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने आपदा प्रभावित बागा, स्यांज, पंगल्यूर गांव में हुए नुकसान का निरीक्षण किया। उन्होंने आपदा में मारे गए व्यक्तियों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और प्रभावितों को राज्य सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। 
    मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से उनकी संपत्ति को हुए नुकसान के बारे में भी जानकारी ली। प्रभावितों की बात सुनकर मुख्यमंत्री व्यथित हो गए। रास्ते में अनेक स्थानों पर रुककर मुख्यमंत्री ने लोगों की बात को ध्यान से सुना। उन्होंने कहा कि आपदा बहुत बड़ी है और बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, लेकिन राज्य सरकार हर प्रभावित का पुनर्वास करेगी और उनकी मदद करेगी।
    नाचन विधानसभा क्षेत्र के बागा में दो व्यक्तियों की मौत हुई है जबकि पंग्लयूर गाँव में नौ लोग बह गए, जिनमें से चार शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि 5 व्यक्ति अभी भी लापता हैं।
    मुख्यमंत्री ने सभी प्रभावित परिवारों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके दर्द को जानती है और इस दुःखद् समय में उनके साथ खड़ी है। बागा में प्रभावितों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पूरा पहाड़ खिसक आया और जान माल का काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रभावितों से कहा कि घर, गौशाला, गाय, भेड़ बकरी और गौशाला को हुए नुकसान का पूरा मुआवजा राज्य सरकार देगी।
    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावितों के लिए रहन-सहन के लिए बेहतर तथा समुचित प्रबंध करने के निर्देश दिए।
    इस अवसर पर कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, एपीएमसी चेयरमैन संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, लाल सिंह कौशल, पवन ठाकुर, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन तथा एसपी साक्षी वर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों से कहा, मैं आपके साथ, लाएंगे सैटलमेंट पॉलिसी



    सराज विधानसभा क्षेत्र के लिए सात करोड़ रुपये देने का ऐलान

    दूसरे दिन भी मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

    थुनाग में छात्राओं से कहा, यहां खोलेंगे सीबीएसई स्कूल

    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने वीरवार को दूसरे दिन भी मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों थुनाग, बगस्याड़, देजी गाँव, बाड़ा और स्यांज गाँव का दौरा किया। देजी गाँव में बादल फटने के कारण 11 लोग लापता हैं, जबकि बाड़ा में दो लोगों की मृत्यु हुई है। स्यांज गाँव में चार व्यक्तियों की मौत हुई है जबकि पांच व्यक्ति अभी भी लापता हैं। मुख्यमंत्री ने सभी मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के साथ संवेदनाएं व्यक्त कीं।
    पखरैर पंचायत घर में आपदा प्रभावितों ने मुख्यमंत्री को बताया कि ऐसी आपदा दो सौ साल में भी नहीं आई। लेकिन इस बार आपदा में कई बादल फटे, बहुत सारा पानी एक साथ आया और लोग बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागे। मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारियों को सभी तरह के नुकसान का आकलन तुरंत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन घरों में गाद भरी है या बड़े बड़े पत्थर आ गए हैं अथवा जो घर अब रहने के लिए असुरक्षित हैं, उनको पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घरों की श्रेणी में डाला जाए ताकि प्रभावितों को अधिक से अधिक मुआवजा मिल सके। उन्होंने प्रभावित परिवारों को आश्वासन दिया कि उनके क्षतिग्रस्त सामान और पशुधन का मुआवजा भी सरकार देगी। मुख्यमंत्री ने राजस्व अधिकारियों को फूलों की खेती करने वाले किसानों और सेब बागवानों को हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिए।
    प्रभावितों का हौसला बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ”मैं आपदा के इस दुःखद् समय में आपके साथ खड़ा हूं और आपको फिर से बसाने के लिए राज्य सरकार कैबिनेट से विचार करने के बाद विशेष राहत पैकेज जारी करेगी। आपदा बड़ी है, पुनर्वास में समय लगेगा लेकिन जितना भी पैसा लगे, राज्य सरकार आपकी पूरी मदद करेगी।’’
    बाड़ा में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को फिर बसाने के लिए वन टाइम पॉलिसी लाने पर विचार करेगी। राज्य में 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि होने के कारण मामला केंद्र सरकार की अनुमति के लिए भेजा जाएगा। थुनाग के वानिकी एवं उद्यानिकी कॉलेज की अस्थाई रूप से कक्षाएं मण्डी जिले के सुन्दरनगर में चलाई जाएंगी ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
    श्री सुक्खू ने कहा कि मंडी जिला, विशेष रुप से सराज क्षेत्र में बादल फटने के कारण काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों के लिए सात करोड़ रुपए तुरंत प्रभाव से जारी कर दिए हैं। दो करोड़ रुपए पहले ही प्रदान कर दिए हैं और अब लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभागों को दो-दो करोड़ तथा बीडीओ को एक करोड़ रुपए और दिए जाएंगे ताकि बहाली कार्यों में और गति लाई जा सके। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं नुकसान का आकलन करने के लिए आया हूँ और मैंने देखा है कि बागबानों का भी काफी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार बागवानों का सेब मंडियों तक पहुँचाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है। प्रमुख सड़कें खुल चुकी हैं और अब गांव के सम्पर्क मार्गांे को खोलने का काम युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि चिंता इस बात की है कि अभी तो बरसात की शुरूआत हुई है।
    थुनाग विश्राम गृह में आपदा प्रभावितों की सहायता कर रही एन.सी.सी. की छात्राओं ने भी मुख्यमंत्री से भेंट की। मुख्यमंत्री ने उनके सेवा भाव की सराहना की। स्कूल की छात्राओं ने उन्हें स्कूल को हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि थुनाग में राज्य सरकार सीबीएसई आधारित स्कूल खोलेगी।
    मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों में डटे एसडीआरएफ जवानों का हौसला भी बढ़ाया और उनके काम की सराहना की। भारतीय सेना के ब्रिगेडियर यजुवेंद्र सिंह ने थुनाग में चलाए जा रहे राहत कार्यों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी और आगे की रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सेना के 26 जवान लोगों की मदद में लगे हैं। मुख्यमंत्री ने सेना के सभी जवानों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस तथा होमगार्ड के साथ-साथ सभी स्वंयसेवी संस्थाओं का मदद के लिए आभार व्यक्त किया।
    कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, एपीएमसी चेयरमैन संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, लाल सिंह कौशल, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन तथा एसपी साक्षी वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • नादौन से सराज पहुंची आपदा राहत सामग्री, मुख्यमंत्री ने जताया आभार
     
     
    मण्डी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत कार्यों में जहां प्रशासन जुटा हुआ है, वहीं सामाजिक संस्थाएं और आमजन भी बड़ी संख्या में लोगों को राहत सामग्री प्रदान करने के लिए आगे आ रहे हैं। 
    इसी क्रम में, हमीरपुर जिला की नादौन विधानसभा के बड़ा जोन से भी राहत सामग्री भेजी गई है। राहत सामग्री आज मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को थुनाग में औपचारिक रूप से सौंपी गई। राहत सामग्री में 5 बोरी आटा, 11 बोरी चावल, एक क्विंटल चीनी, 60 किलो चने की दाल, 60 किलो माह, 45 लीटर तेल, 50 किलो आलू, 10 बाल्टियां, 10 मग, 90 जोड़ी जूते-चप्पल, 3700 प्लेटें व गिलास, प्रेशर कुक्र, बच्चों के दूध की बोतलें और स्नान व कपड़े धोने का साबुन शामिल है।
    एसबीआई के सेवानिवृत्त प्रबंधक सुदर्शन जरियाल, पूर्व उप-प्रधान राजेश कुमार, 20 सूत्रीय कार्यक्रम के सदस्य कुलदीप कुमार, जीत सिंह, निखिल कुमार, अतुल पटियाल और बलवीर सिंह ने मुख्यमंत्री के सराज दौरे के दौरान आज मुख्यमंत्री को यह सामग्री सौंपी।
    मुख्यमंत्री ने इस पुण्य कार्य के लिए सभी दानी सज्जनों का आभार जताया और कहा कि यह समाज में संवेदनशीलता और एकजुटता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह राहत सामग्री उपायुक्त मंडी के माध्यम से आपदा प्रभावित परिवारों को वितरित की जाएगी।
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  • मुख्यमंत्री ने क्षतिग्रस्त परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए


    प्रशासन को प्रभावित परिवारों के अस्थायी पुनर्वास के लिए सुरक्षित भूमि चिन्हित करने के निर्देश
    नेता प्रतिपक्ष के साथ राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा

    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार देर शाम मंडी ज़िला के थुनाग विश्राम गृह में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के साथ बैठक कर आपदाग्रस्त सराज क्षेत्र में हुए नुकसान और राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
    मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए सड़कों और बाधित जल एवं विद्युत आपूर्ति योजनाओं की बहाली के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर राज्य के लिए एक विशेष राहत पैकेज देने का अनुरोध करेंगे।
    श्री सुक्खू ने सम्बंधित विभागों को क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, बिजली और जल परियोजनाओं के लिए अविलम्ब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के अंतर्गत 56 किलोमीटर लंबी चैलचौक-जंजैहली सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य प्रस्तावित किए जाएंगे। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए।
    उन्होंने अधिकारियों को नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर के साथ समन्वय स्थापित कर अंतर-विभागीय सहयोग के माध्यम से प्रमुख योजनाओं की बहाली के लिए राहत कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि भारी तबाही के बावजूद, 60 प्रतिशत पेयजल योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है।
    मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को आवश्यकतानुसार क्षेत्र में बेली पुलों और सस्पेंशन पुलों का निर्माण कर सम्पर्क बहाल करने को कहा जिसके लिए राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाएगी।
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और जय राम ठाकुर ने इस आपदा में अपनी जमीन गंवाने वाले परिवारों के पुनर्वास को लेकर चर्चा की। जय राम ठाकुर ने कहा कि बादल फटने की घटनाओं से क्षेत्र में भारी तबाही हुई है और मानसून के बाद जल्द ही सर्दियां शुरू होने वाली हैं। ऐसे में जिन लोगों ने सब कुछ खो दिया है, उनके पुनर्वास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
    मुख्यमंत्री ने मंडी के उपायुक्त को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों के अस्थायी पुनर्वास के लिए तुरंत सुरक्षित स्थानों की पहचान की जाए, जहां प्री-फैब्रिकेटिड घर बनाकर उन्हें तत्काल आश्रय दिया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को बागवानी से जुड़े किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिए।
    पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी, कांग्रेस नेता चेत राम, जगदीश रेड्डी, विजय पाल सिंह, एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जीवन ठाकुर, नरेश चौहान, उपायुक्त अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा इस अवसर पर उपस्थित थे।
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