News Flash: समाचार फ़्लैश:
  • बांध सुरक्षा अधिनियम के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें उपायुक्तः जगत सिंह नेगी
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने तपोवन में सीपीए ज़ोन-2 वार्षिक सम्मेलन का शुभारम्भ किया
  • केन्द्र ने प्रदेश की सड़कों के लिए 3667 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना को दी स्वीकृतिः विक्रमादित्य सिंह
  • सरकार गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
  • आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा 19वां सांख्यिकी दिवस मनाया गया
  • मुख्यमंत्री ने नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र को 36 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी
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  • मुख्यमंत्री ने नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र को 36 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की सौगात दी
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा ज़िला के नगरोटा-बगवां विधानसभा क्षेत्र के लिए 36 करोड़ रुपये लागत की आठ विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए। 
    मुख्यमंत्री ने नगरोटा-बगवां में 3.10 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित अग्निशमन केन्द्र भवन का उद्घाटन किया। इसके अलावा, 4.80 करोड़ रुपये की लागत से मलां से गुजरेहड़ा-पठियार-सकरेहड़ सड़क, 4.84 करोड़ रुपये की लागत से खरट-जंदराह-ऐरला-रोपा-करडियाणा सड़क की मैटलिंग व टारिंग कार्य और धरुं खड्ड पर 3.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 33.40 मीटर पुल का शुभारम्भ किया जो कलेड को कराली दा बाग गांव को जोड़ेगा। 
    उन्होंने रंगेहड़-सदू-माल्मू से नेरा सड़क के निर्माण और नेरा खड्डा पर पुल तथा नगरोटा बगवां क्षेत्र के लिए 10 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विद्युत अधोसंरचना विकास कार्यों की आधारशिला भी रखीं। 
    इससे पूर्व, स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का नगरोटा-बगवां आगमन पर स्वागत किया। 
    आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, विधायक संजय अवस्थी और कमलेश ठाकुर हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम के उपाध्यक्ष अजय वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
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  • सरकार गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
    राज्य ऊन संघ ने मुख्यमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया
     
    हिमाचल प्रदेश राज्य ऊन संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने आज हजारों समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धर्मशाला आगमन पर भव्य स्वागत किया।
    इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भेड़-बकरी के नुकसान पर दी जाने वाली मुआवजा राशि को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत राहत मैनुअल को संशोधित कर अधिकतम स्तर तक बढ़ाया जाएगा ताकि पशुपालकों को उचित मुआवजा प्रदान कर लाभान्वित किया जा सके। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गद्दी समुदाय के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार पूरी  प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है और आगामी बजट में ऊन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि का प्रस्ताव शामिल किया जाएगा। इससे ऊन उत्पादकों को सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित होगा। 
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वन विभाग को गद्दी समुदाय के पारंपरिक चरागाह अधिकारों में हस्तक्षेप न करने के निर्देश दिए हैं ताकि समुदाय को उनके अधिकारों से वंचित न होना पड़े। 
    मनोज कुमार ने मुख्यमंत्री को गद्दी समुदाय की लम्बे समय से लम्बित मांगों और समस्याओं से अवगत करवाया। उन्होंने समुदाय की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। 
    आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, विधायक संजय अवस्थी, एपीएमसी के अध्यक्ष नीशू मुंगरा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
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  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने तपोवन में सीपीए ज़ोन-2 वार्षिक सम्मेलन का शुभारम्भ किया
    मुख्यमंत्री ने लोकतन्त्र की रक्षा के लिए एंटी डिफेक्शन लॉ पर बल दिया 
    पहाड़ी राज्यों के लिए अलग नीति की रखी मांग
     
    कॉमनवेल्थ पारलियामेंटरी एसोसिएशन (सीपीए) के भारत क्षेत्र ज़ोन-2 का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन आज धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में शुरू हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इस सम्मेलन का शुभारम्भ किया।
    इस सम्मेलन में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और जम्मू-काश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और उप-मुख्य सचेतक शामिल हुए। इसके अलावा कर्नाटक, असाम, उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष विशेष रूप से उपस्थित थे। 
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह सम्मेलन लोकतन्त्र को मजबूत करने, विधायी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाने और आपसी सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को इस सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दीं। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश ने पहली बार लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को गिराने का प्रयास किया गया लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने कानून के अनुसार कार्रवाई कर जिम्मेदार विधायकों को अयोग्य घोषित किया। उन्होंने कहा कि लोकतन्त्र की रक्षा के लिए ‘एंटी डिफेक्शन लॉ’ लागू करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश विधानसभा ने आयोग्य विधायकों की पेंशन पर रोक के लिए बिल पास किया है, जिसे राज्यपाल को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। 
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश डिजिटल लोकतन्त्र में देश में अन्य राज्यों के लिए अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। वर्ष 2014 में हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की पहली कागज रहित विधानसभा बनी। प्रदेश विधानसभा में सभी कार्य डिजिटल माध्यम से सुुनश्चिित किए जा रहे हैं। उन्होंने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ नीति के तहत वर्ष में एक बार उप-चुनाव करवाने का सुझाव भी रखा और लोकसभा अध्यक्ष से इसे राष्ट्रीय मंच पर उठाने का आग्रह किया। 
    मुख्यमंत्री ने राज्य की कठिन पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए अलग नीति की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के उपरांत राज्य को राजस्व का नुकसान हुआ है। इसलिए केन्द्र को चाहिए कि वह पहाड़ी राज्यों के लिए अलग नीति तैयार करे। 
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ कार्य कर रही है। सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत मंत्रियों ने अब तक 1000 से अधिक ग्राम पंचायतों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनी हैं और समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार की प्रभावी नीतियों के परिणामस्वरूप राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2021 में हिमाचल प्रदेश की एनएएस रैंकिंग 21वें स्थान पर थी, वह अब वर्तमान प्रदेश सरकार की प्रभावी नीतियों और सुधारों के फलस्वरूप 5वें स्थान पर पहुंच गई है।
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार किए हैं। राज्य में पहली बार रोबोटिक सर्जरी शुरू की गई है, जिससे मरीजों को उन्नत चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है और हिमाचल प्रदेश ने संगठित अपराध (निवारण एवं नियन्त्रण) विधेयक, 2025 पारित कर नशा तस्करों को मृत्यु दण्ड, आजीवन कारावास और दस लाख रुपये जुर्माना के अतिरिक्त अवैध तरीके़ से अर्जित सम्पत्ति की कुर्की किए जाने का प्रावधान किया है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में ही पुरानी पेंशन योजना बहाल कर 1.36 लाख कर्मचारियों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान की है। ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान निधि योजना’ के अंतर्गत लगभग 3 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,500 रुपये की सम्मान राशि दी जा रही है तथा बाकी पात्र महिलाओं को चरणबद्ध रूप से इसमें जोड़ा जा रहा है।
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सीमा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 3,930 मीटर ऊंचाई पर स्थित शिपकी-ला दर्रे पर बॉर्डर टूरिज्म गतिविधियों की शुरुआत की है। यह भारत-चीन सीमा पर स्थित है और इससे किन्नौर जिला के जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन को नई दिशा मिलेगी।
    विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी का सम्मेलन में उपस्थित होने पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन धर्मशाला में पहली बार आयोजित किया जा रहा है, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आयोजित किया जा रहा है और यह सम्मेलन धर्मशाला के लिए एक नया अध्याय साबित होगा। 
    संसदीय मामले मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी एंटी डिफेक्शन लॉ पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह बिल लोकतंत्र की मजबूती के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए विधानसभा अध्यक्ष को बधाई दी।
    राज्यसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हरिवंश नारायण सिंह ने भी अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। 
    आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में उपस्थित थे। 
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  • प्रदेश सरकार नशे के विरूद्ध शीघ्र शुरू करेगी व्यापक अभियान: मुख्यमंत्री


    मुख्यमंत्री ने शिमला में 12वीं हिमाचल प्रदेश पुलिस हाफ मैराथन विजेताओं को किया सम्मानित

    नशे के विरूद्ध जागरूकता बढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग द्वारा आज शिमला में 12वीं हिमाचल प्रदेश पुलिस हाफ मैराथन का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मैराथन विजेताओं को सम्मानित किया। इस मैराथन में पुरूष, महिला और वरिष्ठ नागरिक (75 वर्ष से अधिक) श्रेणी के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
     इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने नशे संबंधी गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने नशे संबंधी गतिविधियों में शामिल 80 सरकारी कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई है। नशे की तस्करी संबंधी मामलों में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है और राज्य सरकार पुलिस बल में अधिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पुलिस मैनुअल में संशोधन पर विचार कर रही है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार निकट भविष्य में बड़े स्तर पर नशा विरोधी अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही है। नशे पर अंकुश लगाने के लिए पंचायत स्तर पर मैपिंग करवाई जा रही हैै। सरकार नशे की तस्करी पर रोक लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का भी गठन कर रही है जिसके लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही है। इसके अतिरिक्त पुलिस विभाग को मजबूत करने के लिए 500 नए पद भरे जाएंगे।
    नशे के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं जिनको नशे की बुराई से बचाना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंे द्विआयामी रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है जिसमें नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और नशे के आदि लोगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाकर काम किया जा रहा है। वर्तमान प्रदेश सरकार ने पीआइटी-एनडीपीएस अधिनियम को लागू किया है जिसे पिछली भाजपा सरकार पांच साल के कार्यकाल के दौरान लागू नहीं कर पाई। इस अधिनियम के तहत 40 डिटेंशन आदेशों को मंजूरी दी गई जिनमें से इस वर्ष 36 आदेश जारी किए गए। सरकार ने नशे के तस्करों के विरूद्ध कड़ा रूख अपनाते हुए सात नशा तस्करों की संपत्तियों को गिराया गया है और अन्य के खिलाफ सक्रियता से कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश एंटी ड्रग्स एक्ट पारित किया है जिससे अपराधियों और पीड़ितों के बीच अन्तर किया जा सकता है। नशे से पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार कार्य कर रही है ताकि उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों के साथ खुला संवाद स्थापित करने का आह्वान किया और उन्हें नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों से नशा निवारण अभियानों में सक्रियता से भाग लेने का भी आह्वान किया।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हाफ मैराथन (21.5 किलोमीटर) पुरूष वर्ग के विजेता रविदास और महिला वर्ग की विजेता रूबी कश्यप को 51-51 हजार रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त मिनी मैराथन (10 किलोमीटर) पुरूष वर्ग के विजेता रवि चौधरी, महिला वर्ग में सुनीता, ड्रीम रन (3 किलोमीटर) 16 से 30 आयुवर्ग (पुरूष) वर्ग के प्रथम विजेता मोहम्मद सोहेल, (महिला) वर्ग के लिए विपाशा वर्मा, 31 से 45 आयुवर्ग (पुरूष) वर्ग के प्रथम विजेता नागेंद्र पाल, महिला वर्ग के लिए प्रतिभा, 46 से 60 आयुवर्ग (पुरूष) वर्ग के प्रथम विजेता कुलदीप, महिला वर्ग में विजेता, 10 से 15 आयुवर्ग के लिए पुरूष वर्ग में हर्ष कुमार, महिला वर्ग रीतिका वर्मा को सम्मानित किया।  
     मुख्यमंत्री ने ‘हार्मनी ऑफ पाइन’ के नशे पर जन जागरूकता आधारित  एक विशेष गीत को भी जारी किया।
    विधायक हरीश जनारथा, महापौर सुरेन्द्र चौहान, मुख्यमंत्री के प्रधान (मीडिया) सलाहकार नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • राज्यपाल ने ‘नशे को मात, देंगे एक साथ’ थीम पर आधारित 12वीं हाफ मैराथन को झंडी दिखाकर रवाना किया


    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग द्वारा आयोजित 12वीं हाफ मैराथन को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मैराथन का ‘नशे को मात, देंगे एक साथ’ थीम पर आयोजन करवाया गया।
    भारी बारिश के बावजूद मैराथन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों, खासकर युवाओं की हौंसला अफजाई करते हुए राज्यपाल ने कहा कि बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजन सहित सभी वर्गों के लोग इस मैराथन में भाग ले रहे हैं, जो नशे के खिलाफ सामूहिक भावना को प्रदर्शित कर रहा है।
    राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के लोग हिमाचल को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ‘नशे को मात, देंगे एक साथ’ अभियान की पहुंच हर घर तक सुनिश्चित की जानी चाहिए और उन्होंने इस अभियान के लिए पुलिस विभाग के प्रयासों की सराहना की।
    उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश की पहचान यहां संस्कृति और परम्पराओं में निहित है और हमें इसकी सांस्कृतिक पहचान को कायम रखना चाहिए। राज्य से नशे की बुराई को खत्म करने के लिए राज्यपाल ने जनसहभागिता का आह्वान करते हुए कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग से ऐसे जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए जिससे हम समाज से इस बुराई को समाप्त कर सकेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रतिभागियों को सभी प्रकार के नशीले पदार्थों से दूर रहने की शपथ दिलवाई।
    श्री शुक्ल ने राज्य पुलिस द्वारा लगाई गई एक प्रदर्शनी का भी शुभारम्भ किया तथा नशे के विरुद्ध अभियान के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए ‘हस्ताक्षर बोर्ड’ पर हस्ताक्षर किए। मैराथन को चार श्रेणियों हाफ मैराथन, मिनी मैराथन, ड्रीम रन तथा दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए विशेष दौड़ में विभाजित किया गया है। हाफ मैराथन के विजेता को 51,000 रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
    इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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  • आगामी वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होगा हिमाचलः मुख्यमंत्री
     
     
     
    प्रदेश सरकार डेंटल पीजी डाक्टरों का स्टाइपंड बढ़ाने पर कर रही विचार
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार सायं राजकीय डेंटल कॉलेज, शिमला में आयोजित इंटर कॉलेज समारोह ‘इरप्शन-2025’ की अध्यक्षता की। इस अवसर पर अपने कॉलेज के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेज दिनों में वह एससीए अध्यक्ष रहे। आज की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देखकर उन्हें अपने समय की याद आ गई। फर्क केवल इतना है कि आज विद्यार्थियों की भागीदारी अधिक है। विद्यार्थी जीवन में सपने देखना स्वाभाविक है लेकिन डिग्री के उपरांत जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार रहना भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी, मेहनत और संकल्प से जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सरकारी स्कूल में शिक्षा ग्रहण की और उनका एक साधारण परिवार से सम्बंध है। ऐसे ही सामान्य परिवेश से निकलकर आज उन्हें राज्य की सेवा का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री बनने के समय राज्य पर 75 हजार करोड़ रुपये के कर्ज और कर्मचारियों की देनदारी के 10 हजार करोड़ का बोझ था। प्रदेश को कर्ज मुक्त करने के लिए प्रदेश सरकार ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का ध्येय मानकर कार्य कर रही है। 
    उन्होंने कहा कि प्रदेश की बागडोर संभालने के उपरांत हमने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का आकलन किया तो पाया कि पूर्व सरकार के कुप्रबंधन के कारण वर्ष 2021 में शिक्षा गुणवत्ता के मामले में हिमाचल प्रदेश 21वें स्थान पर था। पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी लाभ के लिए सैंकड़ों घोषणाएं कीं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। वर्तमान प्रदेश सरकार ने विद्यार्थियों को पूर्व सरकार के गलत निर्णयों से बचाने के लिए एक हजार स्कूलों का विलय किया और विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार लागू किए। कक्षा पहली से ही अंग्रेजी माध्यम शुरू करने के अलावा शिक्षकों और मेधावी विद्यार्थियों को एक्सपोजर विजिट के लिए विदेश भ्रमण पर भेजा जा रहा है। विरोध के बावजूद प्रदेश सरकार ने डायरेक्टरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन की स्थापना की। इन प्रयासों से हिमाचल अब गुणवत्ता शिक्षा के क्षेत्र में 21वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुुंच गया है, लेकिन हमारा लक्ष्य सर्वश्रेष्ठ स्थान पर पहुंचना है।
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आगामी वर्ष से राज्य में 10 राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल शुरू हो जाएंगे और हिमाचल जल्द ही शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी निरंतर कार्य कर रही है ताकि प्रदेशवासियों को राज्य में ही गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित हो सकें और ईलाज के लिए अन्य राज्यों में जाने की आवश्यकता न पड़े। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चिकित्सा महाविद्यालयों के उन्नयन पर 1100 करोड़ खर्च कर रही है। यह बहुत प्रसन्नता की बात है कि प्रदेश के एआईएमएसएस चमियाणा में पहली रोबोटिक सर्जरी मशीन स्थापित की गई है। इसी प्रकार राज्य के अन्य चिकित्सा महाविद्यालयों में भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि आगामी तीन माह के भीतर प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में पैट स्कैन और 3-टेक्सला एमआरआई मशीनें स्थापित की जाएंगी। एक वर्ष के भीतर     चिकित्सा क्षेत्र में विशेष परिवर्तन देखने को मिलेंगे। 
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एमडी डाक्टरों का स्टाइपेंड 60 हजार रुपये से एक लाख रुपये कर दिया है और सुपर स्पेशेयलिटी डॉक्टरों के स्टाइपंड में भी आशातीत बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि एमडी करने वाले डेंटल डॉक्टरों को स्टाइपंड भी इसी आधार पर बढ़ाया जाएगा।
    वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता पर बल देते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने प्रदेश के संसाधनों का दुरूपयोग किया जबकि वर्तमान सरकार प्रत्येक पैसे की बचत कर विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम प्रतिभा प्रदर्शित करने और व्यक्तित्व विकास का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि आज का युवा हमारे देश का भविष्य है। मुख्य मंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट के रूप में अपनाया है, ताकि उनकी देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है। मुख्य मंत्री सभी को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं।
    उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को 5 लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की।
    इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, कॉलेज प्राचार्य डा. आशु भारती, कॉलेज स्टॉफ और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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