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  • शिक्षा में डिजिटल परिवर्तन की नई इबारत
  • मुख्यमंत्री ने एपीएआर सॉफ्टवेयर विकास की प्रगति की समीक्षा की
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  • मुख्यमंत्री ने एपीएआर सॉफ्टवेयर विकास की प्रगति की समीक्षा की
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) सॉफ्टवेयर के विकास कार्य की प्रगति की समीक्षा की। यह सॉफ्टवेयर डिजिटल टेक्नोलॉजीज एवं गवर्नेंस विभाग द्वारा विकसित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के लिए एक पारदर्शी, प्रभावी एवं पूर्णतः डिजिटल प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली स्थापित करना है।
    बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि एपीएआर पोर्टल के माध्यम से एपीएआर तथा वार्षिक कार्य योजनाओं की एंड-टू-एंड ऑनलाइन प्रोसेसिंग एक सुव्यवस्थित डिजिटल वर्कफ्लो के तहत की जा सकेगी। यह प्रणाली प्रदर्शन मूल्यांकन प्रक्रिया में निष्पक्षता, जवाबदेही तथा निगरानी में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए तैयार की गई है।
    मुख्यमंत्री को बताया गया कि एपीएआर की शुरुआत संबंधित रिपोर्टिंग अथॉरिटी द्वारा तैयार की गई वार्षिक कार्य योजना एवं स्पष्ट रूप से निर्धारित गुणात्मक एवं मात्रात्मक लक्ष्यों के आधार पर की जाएगी। सॉफ्टवेयर में यह प्रावधान भी होगा कि प्रशासनिक आवश्यकताओं एवं बदलती प्राथमिकताओं के अनुरूप व्यक्तिगत अधिकारियों अथवा संपूर्ण कैडर के लक्ष्यों में वार्षिक संशोधन किया जा सके।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि समूह ‘ए’, ‘बी’, ‘सी’ एवं ‘डी’ के सभी कर्मचारियों के लिए एक समान एवं मानकीकृत एपीएआर प्रारूप लागू किया जाएगा, जिससे प्रदर्शन मूल्यांकन में एकरूपता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित होगी। पोर्टल के माध्यम से एपीएआर की शुरुआत के समय रिपोर्टिंग, रिव्यूइंग एवं एक्सेप्टिंग अधिकारियों की ऑनलाइन पहचान एवं अनुमोदन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
    मुख्यमंत्री को यह भी अवगत करवाया गया कि यह प्रणाली एक ही वित्तीय वर्ष में एक से अधिक एपीएआर शुरू करने की सुविधा प्रदान करेगी, बशर्ते प्रत्येक एपीएआर की न्यूनतम अवधि तीन माह हो। इससे स्थानांतरण अथवा दायित्वों में परिवर्तन की स्थिति में अधिक सटीक मूल्यांकन संभव हो सकेगा।
    मुख्यमंत्री ने प्रगति की समीक्षा करते हुए सॉफ्टवेयर को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने तथा इसे उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एपीएआर पोर्टल प्रदर्शन-आधारित शासन को सुदृढ़ करने, पारदर्शिता बढ़ाने तथा सरकारी तंत्र में जवाबदेही की संस्कृति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
    बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल टेक्नोलॉजीज एवं गवर्नेंस) गोकुल बुटेल, विधायक सुरेश कुमार, डिजिटल टेक्नोलॉजीज एवं गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, संयुक्त निदेशक अनिल सेमवाल तथा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
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  • शिक्षा में डिजिटल परिवर्तन की नई इबारत
    मुख्यमंत्री ने समग्र शिक्षा निदेशालय में अत्याधुनिक शैक्षणिक अवसंरचना का लोकार्पण किया
    प्रदेश सरकार विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशल विकसित करने के लिए प्रयासरतः ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज समग्र शिक्षा निदेशालय में नव-निर्मित विद्या समीक्षा केंद्र, शिक्षा दीर्घा, कार्यक्रम प्रबंधन स्टूडियोदृसम्मेलन क्षेत्र, नए सम्मेलन कक्ष तथा आधुनिक केंद्रीय ताप व्यवस्था का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह अत्याधुनिक सुविधाएं न केवल प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्य प्रणाली को अधिक सक्षम बनाएंगी, बल्कि हिमाचल प्रदेश में डिजिटल शिक्षा प्रबंधन के एक नए युग की शुरुआत करेंगी। यह पहल सरकार की उस दूरदर्शी सोच का सशक्त प्रमाण है, जिसमें शिक्षा को विकास की रीढ़ माना गया है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अनेक निर्णायक सुधार लागू किए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम आज स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता के आकलन में हिमाचल प्रदेश ने 21वें स्थान से उल्लेखनीय सुधार करते हुए पांचवां स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों की सामूहिक मेहनत के साथ-साथ प्रदेश सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
    उन्होंने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्र इस परिवर्तनकारी यात्रा का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय है। हिमाचल प्रदेश उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, जहां एकीकृत डिजिटल मंच के माध्यम से शिक्षण, मूल्यांकन, उपस्थिति, संसाधन प्रबंधन और विद्यालय संचालन से संबंधित वास्तविक समय का आंकड़ा उपलब्ध करवाया जा रहा है। ‘अभ्यास हिमाचल’, भू-स्थानिक तकनीक आधारित स्मार्ट उपस्थिति प्रणाली तथा ‘निपुण प्रगति’ जैसे नवाचार विद्यार्थियों के सीखने के स्तर का वैज्ञानिक विश्लेषण सुनिश्चित कर रहे हैं। अब सीखने की कमियों की पहचान अनुमान के आधार पर नहीं, बल्कि ठोस आंकड़ों के माध्यम से की जा रही है, जिससे शिक्षा व्यवस्था अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और परिणाम-केंद्रित बन रही है।
    उन्होंने कहा कि ‘शिक्षक सहायक’ डिजिटल उपकरण शिक्षकों के लिए एक सशक्त मंच बनकर उभरा है। इसके माध्यम से शिक्षक शिक्षण सामग्री, दिशा-निर्देश और शैक्षणिक संसाधन त्वरित रूप से प्राप्त कर पा रहे हैं, जिससे शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ प्रशासनिक बोझ में भी कमी आई है। 
    ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता केवल नए संस्थान स्थापित करना नहीं है, बल्कि मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को सशक्त, सक्षम और आधुनिक बनाना है, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों तक भी समान रूप से पहुंच सके। 
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों में 21वीं सदी के कौशल विकसित करने के लिए प्रयासरत है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र से प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों द्वारा स्कूल परिसर में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया जाएगा। अध्यापक अपने मोबाइल फोन स्टाफ रूम या बैग में रख सकते हैं।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की दिशा में दृढ़ता से कार्य किया जा रहा है। स्कूली पाठ्यक्रम में संगीत, संस्कृति और भविष्य के विषयों का समावेश भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग में व्यापक स्तर पर भर्तियां करने जा रही है, जिसमें अस्थाई व स्थाई दोनों तरह की भर्तियां की जाएंगी। अस्थाई भर्तियां पांच वर्ष के लिए व स्थाई भर्तियां बैच वाइज व प्रतिस्पर्धा के आधार पर की जाएंगी। मल्टी यूटिलिटी वर्कर्ज की भर्ती भी की जाएगी। आगामी शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक विद्यालयों की खेल प्रतिस्पर्धाएं भी आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2032 तक प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में देश के सबसे बेहतरीन स्कूल होंगे। हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में देश भर में नंबर एक स्थान पर होगा। प्रदेश सरकार द्वारा गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की परिकल्पना बहुआयामी दृष्टिकोण से की गई है। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग में बेहतर तबादला नीति लाने पर विचार किया जा रहा है। राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल और सीबीएसई पाठ्यक्रम स्कूलों के लिए विशेष कैडर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को शिक्षा विभाग से सबसे अधिक सहयोग प्राप्त हो रहा है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संकल्प वर्कबुक का विमोचन भी किया। 
    शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। प्रदेश की साक्षरता दर 99.30 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है। प्रदेश सरकार ने सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार किए हैं, जिनकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की जा रही है। उन्होंने कहा कि संसाधनों के समुचित उपयोग के लिए क्लस्टर स्कूल प्रणाली लागू की गई है, जिसके तहत 300 से 500 मीटर की परिधि में स्थित विद्यालयों को एक क्लस्टर के रूप में विकसित किया गया है। इस मॉडल ने पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं, खेल सामग्री और शिक्षकों की विशेषज्ञता का साझा उपयोग संभव बनाया है। इससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच और सीखने के अनुभव दोनों में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा की परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स में भी हिमाचल का प्रदर्शन उल्लेखनीय रूप से उभरा है। मेधावी छात्रों के लिए जेईई और एनईईटी कोचिंग की मुफ्त सुविधा प्रदेश सरकार का अत्यंत महत्त्वपूर्ण कदम है। यह पहल सुनिश्चित कर रही है कि आर्थिक स्थिति किसी भी बच्चों के भविष्य के रास्ते में बाधा ना बने। उन्होंने शिक्षा विभाग की विभिन्न पहलों का विस्तार से वर्णन किया। 
    परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा राजेश शर्मा ने समग्र शिक्षा की उपलब्धियांे का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश ने विभिन्न सर्वेक्षणों में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। शिक्षकों को आईआईटी और आईआईएम में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। शिक्षण कौशल को और निखारने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।
    भविष्य उन्मुख शिक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए यूनेस्को के साथ हिमाचल प्रदेश फ्यूचर्स प्रोग्राम के अंतर्गत एक महत्त्वपूर्ण समेझौता किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा तंत्र में नवाचार, सतत विकास लक्ष्य और वैश्विक सहभागिता को बढ़ावा देना है। 
    इस अवसर पर विधायक सुरेश कुमार, सुदर्शन बबलू, निदेशक शिक्षा आशीष कोहली, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. अमरजीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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  • जनजातीय सलाहकार परिषद् की 50वीं बैठक आयोजित
    सरकार के सतत प्रयासों से समृद्धि और सम्पन्नता की नई तस्वीरः मुख्यमंत्री
    जनजातीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकासः प्रति व्यक्ति आय और सामाजिक सूचकांकों में अव्वल
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद् की 50वीं बैठक की अध्यक्षता की।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों में परिवहन क्षेत्र के माध्यम से आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए बस और ट्रेवलर वाहनों की खरीद पर पात्र युवाओं को 40 प्रतिशत तक सब्सिडी तथा सड़क कर पर चार माह की छूट प्रदान की जाएगी।
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार रोजगार व स्वरोजगार के अवसर सृजित करने को विशेष अधिमान दे रही है। जनजातीय इलाकों में सौर ऊर्जा क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए सरकार निजी क्षेत्र में 250 किलोवाट से एक मेगावाट तक की सौर परियोजना स्थापित करने के लिए ब्याज उपदान प्रदान करेगी।
    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बर्फबारी वाले क्षेत्रों में विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि मार्च-अप्रैल माह में स्थिति सामान्य होने पर निर्माण कार्य आरम्भ कर उन्हें शीघ्र पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि पांगी और स्पीति में विद्युत आपूर्ति से संबंधित समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए पांगी के धनवास में  1.2 मेगावाट तथा स्पीति के रोंगटोंग में 2 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्रों को शीघ्र ही कार्यशील किया जाएगा।
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा शिपकी-ला से शुरू करने के लिए प्रयासरत है और इस मामले को केन्द्र सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाया गया है। चीन अधिकृत तिब्बत में भी व्यापारिक गतिविधियां शुरू करने के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है।
    प्रदेश सरकार के सतत प्रयासों से हिमाचल प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास हुआ है। आज जनजातीय क्षेेत्र दूसरे भागों से अधिक सम्पन्न और समृद्ध है। हमारे जनजातीय क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय का औसत प्रदेश के अन्य जिलों से अधिक है। इन क्षेत्रों में न केवल आर्थिक सम्पन्नता है बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी ये क्षेत्र प्रदेश में अग्रणी हैं। इन क्षेत्रों में जन्म के समय लिंगानुपात प्रदेश के अन्य भागों से अच्छा है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश, विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि निगुल सरी में सड़क अक्सर बाधित होती है, वहां नई सड़क का निर्माण किया जाएगा। किन्नौर जिला में लोगों को निर्बाध सम्पर्क सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दृढ़ प्रयास किए जा रहे हैं।
    जनजातीय क्षेत्रों में नौतोड़ स्वीकृत करने की मांग प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस पर राज्य मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान कर राज्यपाल के अनुमोदन के लिए प्रस्ताव भेजा है। अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वनवासी अधिनियम-2006 के तहत सितम्बर, 2025 तक 1,039 पट्टे वितरित किए जा चुके हैं। जनजातीय क्षेत्र किन्नौर और स्पीति के लोगों की सुविधा के लिए रामपुर में जनजातीय भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। नूरपुर जनजातीय भवन शीघ्र ही लोगों की सुविधा के लिए समर्पित किया जाएगा।
    पांगी घाटी को राज्य का पहला प्राकृतिक खेती उपमंडल घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों को अधिमान देते हुए फरवरी, 2024 कोे, स्पीति से इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना आरम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में समुचित शैक्षणिक संस्थान, दो क्षेत्रीय अस्पताल, 6 नागरिक अस्पताल, 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 46 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 3 आयुर्वेदिक अस्पताल, 73 आयुर्वेदिक डिस्पेंसरियां, 48 पशु चिकित्सालय, 118 पशु औषधालय, 5 भेड़ एवं ऊन प्रजनन विस्तार केन्द्र स्थापित हैं। जनजातीय क्षेत्रों में 3,148 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिनमें से 61 प्रतिशत पक्की सड़कें हैं।
    बैठक में जनजातीय क्षेत्रों के विकास से सम्बन्धित विभिन्न विकासात्मक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास के मामले में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
    बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम 2025-26 के लिए 638.73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में भूमि सम्बन्धी समस्याओं के कारण एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) पांगी, भरमौर एवं लाहौल में नए परिसरों के निर्माण कार्य लम्बित थे। इन तीन विद्यालयों के लिए भूमि स्थानांतरित की गई है। पांगी और लाहौल के विद्यालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जबकि भरमौर के लिए इस विद्यालय की निर्माण सम्बन्धी औपचारिकताएं सीपीडब्ल्यूडी द्वारा पूरी की जा रही हैं। ईएमआरएस निचार में भी अतिरिक्त आवास का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में विभिन्न विकास कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।
    बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक डॉ. जनकराज, अनुराधा राणा, विवेक शर्मा, सुदर्शन बबलू और हरदीप बावा, जनजातीय सलाहकार परिषद् के गैर सरकारी सदस्य, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत तथा ओंकार चन्द शर्मा, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, विभिन्न विभागों के सचिव और विभागाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 
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  • मुख्यमंत्री ने कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रदान की सहायता राशि
    जन संकल्प सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपये के वित्तीय लाभ दिए
     
    मंडी में आयोजित जन संकल्प सम्मेलन के दौरान आज मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का लोकार्पण किया तथा प्रदेश सरकार की योजनाओं और महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के तहत लाभार्थियों को लाभ वितरित किए। उन्होंने सामुदायिक राहत केन्द्र राहकोट थुनाग जनता को समर्पित किया।
    मुख्यमंत्री ने माईडीड पोर्टल का लोकार्पण, नक्शा योजना का शुभारम्भ, डिजिटली साइनड एवं अपडेटेड जमाबंदी मॉडयूल का लोकार्पण, भू-नक्शा 5.0 का शुभारम्भ तथा ग्रामीण बैंक के ‘लोगो’ का अनावरण भी किया। उन्होंने रविंद्र नाथ टैगोर राजकीय महाविद्यालय सरकाघाट में बास्केटबॉल खेल छात्रावास (बालिका) का लोकार्पण भी किया।
    ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने राजीव गांधी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के 401 लाभार्थियों के खातों में 50.63 लाख रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा प्रदान किए। चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, लाहौल-स्पिति, सिरमौर, सोलन और ऊना जिला के आपदा प्रभावितों को 51 करोड़ 1 लाख 22 हजार 700 रुपये की विशेष राहत राशि प्रदान की। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के अंतर्गत 25 लाभार्थियों को ई-टैक्सी की सांकेतिक चाबियां सौंपी तथा विदेशों में रोजगार प्राप्त करने वाले 21 युवाओं को एयर टिकट और वीजा प्रदान किए। मुख्यमंत्री सुखाश्रय और मुख्यमंत्री शगुन योजना के  लाभार्थियों को भी सहायता राशि प्रदान की।
    उन्होंने मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना के तहत कांगड़ा, मण्डी, हमीरपुर और ऊना जिला के 10 लाभार्थियों को 10.83 लाख रुपये, मण्डी जिले में मुख्यमंत्री मधु मांडव विकास योजना के लाभार्थियों को 1.76 लाख रुपये और हिमाचल पुष्प क्रांति योजना के लाभार्थियों को भी सहायता राशि प्रदान की। किन्नौर जिला के पांच लाभार्थियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत उनकी पारम्परिक वन भूमि पर भू-स्वामित्व पट्टे प्रदान करने के प्रमाण पत्र जारी किए। 
    ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने श्री निवास रामानुजन स्टूडेंटस डिजिटल योजना के तहत मेधावी छात्रों को उनके डिजिटल गैजेट प्राप्त करने के लिए ई-₹ वाउचर प्रदान किए। इस योजना में लैपटॉप, टेबलेट और स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाए जाते हैं। वर्ष 2025 में प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है। अब छात्र ई-₹ वाउचर के माध्यम से अपनी पसन्द का डिजिटल गैजेट चुनकर प्राप्त कर सकेंगे। कक्षा 10वीं और 12वीं के 8,450 टॉपर मेधावी छात्रों और 900 स्नातक अन्तिम वर्ष के छात्रों को इसका लाभ प्रदान किया गया। 
    यह पहल छात्रों को आधुनिक शिक्षा और ऑनलाइन संसाधनों तक आसान पहुंच देने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।      
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  • दो वर्ष में हिमाचल की तकदीर और तस्वीर बदलेंगेः मुख्यमंत्री
    राजनीति में सच्चे जन सेवक किसी से नहीं घबरातेः मुख्यमंत्री
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज मण्डी के पड्डल मैदान में आयोजित जन संकल्प रैली के दौरान पिछले तीन वर्षों के घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक, राजनीतिक और प्राकृतिक चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार नेे पांच वर्षांे के वित्तीय कुप्रबन्धन से प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज छोड़ा। वर्तमान प्रदेश सरकार को इस कर्ज को चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। यही नहीं, कर्मचारियों के एरियर की अदायगी का 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी का बोझ भी वर्तमान सरकार पर छोड़ गई।
    उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने कस्टमाईजड पैकेज के नाम पर बिना रजिस्ट्री के 4500 बीघा भूमि सिर्फ एक करोड़ 12 लाख रुपये में बेच दी। हमारी सरकार प्रदेश की संपदा और हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। हिमाचल के हितों को लुटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लिए बड़े निर्णय लिए गए हैं, साथ ही केन्द्र और पड़ोसी राज्यों से अपने हक लेने के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखा है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइल्ड फ्लावर हॉल, शिमला मामले में कानूनी लड़ाई जीती है, जिससे प्रदेश को हर वर्ष 20 करोड़ रुपये की आय होगी। प्रदेश सरकार के प्रयासों से कड़छम-वांगतु परियोजना में रॉयल्टी 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हुई है, जिससे प्रदेश को हर वर्ष 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के चार वर्ष के कार्यकाल में शराब की दुकानों को रिन्यू करने से मात्र 450 करोड़ रुपये की आय हुई जबकि वर्तमान सरकार ने एक वर्ष में ही आबकारी से 450 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि कि भाजपा दुष्प्रचार और व्यक्तिगत आक्षेप की राजनीति कर रही है। यहां तक कि मैंने जब अपनी ऑल्टो गाड़ी का प्रयोग किया, उस पर भी ओछी टिप्पणियां की गई। लेकिन प्रदेश सरकार अपनी उपलब्धियों के दम पर वर्ष 2027 में 52 सीटर वॉल्वो में पुनः सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा कि राजनीति के सच्चे सेवक किसी से नहीं घबराते, वर्ष 2027 में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर बनेगा।
    श्री सुक्खू ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के लिए जनहित सर्वोपरि है। हमने सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना लागू की। कानून बनाकर अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया। यह सरकार की गारंटी नहीं थी, बल्कि संवेदनशील सोच का परिणाम है। उन्होंने प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावितों की मदद के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों को भी इंगित किया।
    मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि ओपीएस देने का निर्णय राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं लिया गया बल्कि कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए लिया गया। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के जन सरोकार व देश सेवा के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने दो प्रधानमंत्री देश की एकता और अखंडता के लिए बलिदान किये हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर योगदान दिया है।
    उन्होंने प्रदेशवासियों से आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माण के लिए सहयोग देने का आग्रह करते हुए कहा कि हम दो वर्ष में हिमाचल की तकदीर और तस्वीर बदलेंगे। निर्णायक युद्ध में जीत जनता की होगी और कांग्रेस पुनः सत्तासीन होगी।
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  • हिमाचल के विकास और परिवर्तन की गूंज मंडी मेंः विकास का जनोत्सव, दिखा ऐतिहासिक नजारा
    तीन वर्षों की उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ता हिमाचल- पड्डल मैदान में भव्य जन संकल्प सम्मेलन आयोजित
    यह केवल समय की उपलब्धि नहीं, बल्कि जनता के विश्वास, पारदर्शी सुशासन, आर्थिक सुधारों और जन समर्पित नीतियों की ऐतिहासिक यात्राः ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू
    नेतृत्व पर भरोसा, भविष्य पर विश्वासः रजनी पाटिल
    जनता का सौंपा विश्वास, मेरी सबसे बड़ी ताकतः मुख्यमंत्री
     
    हिमाचल प्रदेश सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज मंडी के पड्डल मैदान में भव्य जन संकल्प सम्मेलन आयोजित किया गया। प्रदेश भर से आए हजारों लोगों की अभूतपूर्व उपस्थिति ने इसे उत्सवी माहौल बना दिया। सम्मेलन में राज्य की विकास यात्रा, व्यवस्था परिवर्तन, सुशासन, आर्थिक सुधार, सामाजिक कल्याण और जनता की भागीदारी के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का तेजस्वी व प्रभावक रूप प्रदर्शित हुआ।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने अपने सम्बोधन में कहा कि पिछले तीन वर्ष जनता-हित, पारदर्शिता और प्रणालीगत सुधारों के रहे हैं, जिनका उद्देश्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना, युवाओं को सशक्त बनाना, कमजोर वर्गों को सुरक्षा देना और हिमाचल प्रदेश को समृद्ध, हरित और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार की हर योजना का केन्द्र बिन्दु जनता है और हमारा हर निर्णय जनता के विकास, सुुविधा व प्रदेश के भविष्य को ध्यान में रखकर लिया गया है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमने सत्ता संभाली उस समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमराई हुई थी। पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश की आर्थिक सेहत और संपदा के साथ खिलवाड़ किया था। हमने संकल्प लिया कि जो व्यवस्था हमें विरासत में मिली है हम उसे बदलकर एक आत्मनिर्भर और समृद्ध हिमाचल की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि तीन साल में कांग्रेस सरकार ने ऐतिहासिक और क्रांतिकारी निर्णय लिए हैं। हमने चुनाव के समय 10 गारंटियां दी थीं जिनमें से सात को पूरा कर समाज के विभिन्न वर्गों को बड़ी राहत दी है। प्रदेश के 1,36,000 कर्मचारियों से किए गए ओपीएस के वायदे को पहली कैबिनेट बैठक में पूरा किया और सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को सम्मान व आर्थिक सुरक्षा प्रदान की। प्रदेश सरकार ने जब ओपीएस शुरू की तो केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपये की बॉरोइंग बंद कर दी जिससे प्रदेश सरकार को तीन वर्ष में 4800 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
    ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत पात्र महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से सम्मान राशि के रूप में हर महीने 1500 रुपये प्रदान किया जा रहे हैं। वर्तमान में 35,687 महिलाओं को यह लाभ दिया गया है। पूर्व में अन्य पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हो रही 2,37,000 महिलाओं को भी इसके दायरे में लाकर मासिक पेंशन को बढ़ाकर 1500 रुपये किया गया है। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिए 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना शुरू की है और प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू करने की गारंटी को पूरा किया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए गाय के दूध पर 51 रुपये और भैंस के दूध पर 61 रुपये प्रति लीटर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गोबर खरीदने की योजना शुरू की गई है। बागवानों को बेहतर दाम सुनिश्चित करने के लिए यूनिवर्सल कार्टन प्रणाली शुरू की गई है और हिमाचल बागवानी नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है।
    उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार ने निरंतर नई पहल की और अब तक सरकार 23,200 युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है, जबकि पिछली सरकार 5 वर्षों में केवल 20,000 नौकरियां ही दे पाई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार प्रदेश पर 76,185 करोड़ रुपये का कर्ज छोड़कर गई जिसके मूलधन का भुगतान और ब्याज की वापसी हमें करनी पड़ रही है। वर्तमान सरकार को मजबूरी में जो लोन लेना पड़ रहा है उसका 70 प्रतिशत विरासत में मिले कर्ज का मूलधन और ब्याज चुकाने में ही जा रहा है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 की बरसात के दौरान प्रदेश में 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ लेकिन केंद्र सरकार ने कोई विशेष मदद नहीं की। प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों को अपने संसाधनों से 4500 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया और आपदा प्रभावितों को दिए जाने वाले मुआवजा में ऐतिहासिक वृद्धि की। प्राकृतिक आपदा से इस वर्ष भी हिमाचल को लगभग 12000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लेकिन केंद्र सरकार ने कोई आर्थिक मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बताएं कि वो जो प्रदेश को 5000 करोड़ रुपये मिलने का दावा कर रहे हैं वह पैसा कहां है। इसके दस्तावेज कहां है। झूठ कौन बोल रहा है हम बोल रहे हैं या भाजपा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक सुरक्षा को विशेष अधिमान दे रही है। सामाजिक सुरक्षा के तहत पिछले 3 वर्षों में 12095 लाभार्थियों को 28 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 6000 बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना के तहत प्रदेश में 19,479 विधवा, निराश्रित तथा दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों को प्रतिमाह 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
    श्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है जिसके परिणामस्वरुप राष्ट्रीय स्तर के सर्वेक्षण में हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग में 21वें स्थान से पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों में सीबीएसई पाठ्यक्रम शुरू करने का महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है और 20 विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का कार्य शुरू कर दिया गया है उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में वर्तमान सरकार की पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नवीन प्रौद्योगिकी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। चमियाना अस्पताल और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी से चिकित्सा क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा मशीनें प्रदान करने पर 3000 करोड़ रुपये खर्च करेगी तथा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधार किए जा रहे हैं।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा विशेष राजस्व अदालतों में रिकॉर्ड 4,63,000 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्राकृतिक खेती से उगाई गई गेहूं, मक्की और कच्ची हल्दी को क्रमशः 60, 40 और 90 पर प्रति किलो की दर से खरीदा जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र को विस्तार देते हुए प्रदेश सरकार ने विभिन्न परियोजनाओं पर 3000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है। जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है और देहरा के बनखंडी में 619 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है।
    ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। प्रदेश में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं और प्रदेश सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपये की राजीव गांधी वन संवर्धन योजना चलाई जा रही है। सरकार ने उद्योग, ई-वाहन और परिवहन क्षेत्र में भविष्य की ऊर्जा खपत का लगभग 90 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के दोहन से पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल के हकों के लिए मजबूती से अपना पक्ष रखा है। प्रदेश सरकार ने वित्तीय प्रबंधन, आबकारी नीति में बदलाव और नए संसाधनों का सृजन करके तीन वर्षों में 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व कमाया है जिसे सामाजिक कार्यों के लिए खर्च किया जा रहा है। वाइल्ड फ्लावर हाल मामले में सरकार ने कानूनी लड़ाई जीती है जिससे प्रतिवर्ष 20 करोड़ रुपयेे की आय होगी। कड़छम वांगतु परियोजना में रॉयल्टी 12 से 18 प्रतिशत होने से हर वर्ष 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी।
    मुख्यमंत्री ने प्रहारक शब्दों में कहा कि जो लोग चिट्टा बेचते हैं, जो बच्चों के भविष्य को जहर दते हैं, जो घर बर्बाद करते हैं, उनके लिए देवभूमि हिमाचल में कोई जगह नहीं है। हम ऐसा हिमाचल बनाना चाहते है, जहां चिट्टे का नाम सिर्फ इतिहास की किताबों में लिखा जाए, एक खत्म हो चुकी बुराई की तरह।
    मुख्यमंत्री ने जनता के अटूट विश्वास, समर्थन और सहभागिता के लिए धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाला समय परिवर्तन, प्रगति और पारदर्शी शासन का होगा।
    उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा, ‘आइये हम सब मिलकर हिमाचल के बेहतर कल के लिए संकल्पित हों।’
    जन संकल्प सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने प्रदेश कांग्रेस सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सरकार के उल्लेखनीय कार्यकाल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश ने विकास के नए मानक स्थापित किए हैं। सरकार ने सिर्फ घोषणाएं नहीं कीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर काम करते हुए प्रदेश के हर वर्ग के लिए ठोस पहलें की हैं।
    रजनी पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने आपदा और आर्थिक अन्य गंभीर चुनौतियों का सामना करते हुए हिमाचल को एक आत्मनिर्भर, सक्षम और प्रगतिशील राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए हैं।
    उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए अनैतिक हथकंडे अपना कर लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश की लेकिन हिमाचल की जनता ने उसका लोकतांत्रिक तरीके से करारा जवाब दिया है। कांग्रेस पार्टी का मजबूत और सशक्त नेतृत्व भाजपा के मंसूबों को बेनकाब करने के लिए देश भर अपनी आवाज बुलंद कर रहा है। कांग्रेस पार्टी संवैधानिक मर्यादाओं की रक्षा के लिए पूर्णता वचनबद्ध है।
    रजनी पाटिल ने कहा कि गांधी परिवार का हिमाचल से गहरा नाता और स्नेह है। कांग्रेस पार्टी हिमाचल को आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाना चाहती है। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी पुनः सत्ता में आएगी।
     इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के तीन वर्षों की उपलब्धियां ऐतिहासिक हैं, क्योंकि ये उपलब्धियां केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर हुए वास्तविक कार्यों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पेयजल आपूर्ति व्यवस्था, सांस्कृतिक संरक्षण व संवर्धन, बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण,  कृषि तथा बागवानी क्षेत्रों में, जो कदम उठाए गए हैं, वे हिमाचल प्रदेश की निरंतर प्रगति और समग्र विकास को दर्शाते हैं।
    उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जो निर्णय और नीतियां लागू की हैं, वे न केवल प्रदेश में परिवर्तन ला रही हैं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी व्यापक रूप से सराही जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल मॉडल आज देश में चर्चा का विषय है और सरकार की उपलब्धियां हर मंच पर उजागर हो रही हैं।
    मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह सरकार कागजों पर नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं पर काम कर रही है और आगामी वर्षों में विकास की यह गति और अधिक तेज होगी।
    उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भाजपा के नेता दिल्ली से हिमाचल के हकों को रोकने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हकों की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने एचआरटीसी की उपलब्धियों का विवरण देते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार करने वालों का पर्दाफाश किया जाएगा।
    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के पिछले तीन वर्ष में उपलब्धियों और क्रांतिकारी बदलावों के स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में सरकार ने सामाजिक न्याय, आर्थिक प्रगति और समावेशी विकास के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं।
    विनय कुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार की इन उपलब्धियों और विकासपरक पहलों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए व्यापक जन संपर्क अभियान चलाएगी, ताकि आम जनता को सरकार की योजनाओं, सुधारों और लाभकारी कार्यक्रमों की संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।
    उन्होंने कहा कि पार्टी का उद्देश्य केवल उपलब्धियों को बताना ही नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि सरकार की कल्याणकारी नीतियों का लाभ प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
     कार्यक्रम के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने अपने संबोधन में सरकार के तीन वर्षों के महत्व पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। इस तथ्य पर बल दिया कि इन तीन वर्षों की उपलब्धियां मात्र सांख्यिकीय उपलब्धियां नहीं हैं, बल्कि आमजन के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन की साक्षी हैं।
    विधायक चन्द्रशेखर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और सम्मेेेलन में पधारने के लिए आभार व्यक्त किया।
    मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग द्वारा सरकार की तीन वर्षों की उपलब्धियों को इंगित करती कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।
    सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार की तीन वर्षों की उपलब्धियों एवं भविष्य की प्रमुख योजनाओं को प्रदर्शित करते हुए सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग कृत वृत्तचित्र भी प्रस्तुत किया गया। 
    इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल सहयोगी, विधायकगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के सलाहकार, ओएसडी, पार्टी सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन चौहान, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, पदमश्री नेक राम शर्मा, विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी, पूर्व मंत्री व विधायक, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ता और गणमान्य उपस्थित थे।   
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