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  • निर्वाचन आयोग के प्रयासों से महिला मतदाता लिंग अनुपात में वृद्धि दर्ज
  • राज्यपाल ने मूल्यों और आधुनिकता में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर दिया बल
  • मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की
  • राज्यपाल ने महापरिनिर्वाण दिवस पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की
  • मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 63वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की
  • मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय छात्र संघ आईजीएमसी के वार्षिक समारोह ‘स्टीमुल्स’ की अध्यक्षता की
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  • मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय छात्र संघ आईजीएमसी के वार्षिक समारोह ‘स्टीमुल्स’ की अध्यक्षता की
     
     
     
    चिकित्सकों के लिए इन्सेंटिव पॉलिसी लाने की घोषणा 
     
    प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालय होंगे विश्व स्तरीय चिकित्सा तकनीक से लैस 
     
    आईजीएमसी में लेप्रोस्कोप के लिए पांच करोड़ तथा एनेस्थीसिया विभाग के लिए छह करोड़ रुपये की घोषणा 
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला (आईजीएमसी) के सभागार में केन्द्रीय छात्र संघ आईजीएमसी द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह स्टीमुल्स-2025-26 की अध्यक्षता की।
    मुख्यमंत्री ने आकर्षक एवं भावपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि आईजीएमसी के छात्र हर क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन करते हैं। इस चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों ने देश-विदेश में प्रदेश का नाम रोशन किया है। राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र का विकास इस तरह कर रही है कि प्रदेश के युवा हर वैश्विक चुनौती और प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के लिए इन्सेंटिव पॉलिसी लाने की घोषणा की। यह इन्संेटिव विभिन्न मानकों पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में पीजी रेजिडेंट छात्रों को प्रथम वर्ष में 50 हजार रुपये, द्वितीय वर्ष में 60 हजार रुपये और तृतीय वर्ष में 65 हजार रुपये प्रतिमाह करने का प्रावधान किया जाएगा। 
    मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी में लेप्रोस्कोप के लिए पांच करोड़ रुपये प्रदान करने और एनेस्थीसिया विभाग के लिए छह करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने आईजीएमसी के छात्रावास निर्माण के लिए संबंधित अधिकारियों को भूमि हस्तांतरण शीघ्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने आईजीएमसी प्रधानाचार्य को केएनएच से स्त्री रोग विभाग को आईजीएमसी स्थानांतरित करने के लिए प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने को भी कहा। 
    मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी, एआईएमएसएस चमियाणा, आरपीजीएमसी टांडा, नेरचौक और हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालयों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट अधोसंरचना विकास के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डायग्नोस्टिक सेवाओं में विश्वस्तरीय गुणवत्ता लाना चाहती है ताकि मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके। उन्होंने प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालयों को विश्व स्तरीय चिकित्सा तकनीक से लैस करने की घोषणा की। 
    उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय छात्र संघ को पांच लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि चमियाणा संस्थान, आईजीएमसी और टांडा चिकित्सा महाविद्याल में स्मार्ट लैब स्थापित करने के लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। 
    प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ तथा आधुनिक बनाने के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। हिमाचल के इतिहास में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरम्भ की है। हाल ही में जिला शिमला के चमियाणा स्थित अटल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज और जिला कांगड़ा के टांडा अस्पताल में रोबोटिक मशीनें स्थापित कर इस सुविधा की शुरूआत की गई है। यह सुविधा राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र के इतिहास में एक नए युग का आगाज़ है। 
    राज्य सरकार ने प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास और विस्तार पर तीन हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि व्यय करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों में दो दशकों से  इस्तेमाल हो रहे पुराने चिकित्सा उपकरणों को नए और अत्याधुनिक उपकरणों से बदलने का निर्णय लिया है। राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा उपकरण गुणवत्ता और आधुनिकता के मानकों में एम्ज दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ के समान होंगे। प्रदेश सरकार ने बीएससी मेडिकल लेबोरेटरी, रेडियोलॉजी एवं इमेजिंग तथा एनेस्थीसिया एवं ओटी तकनीक में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आईजीएमसी शिमला में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 की हैं तथा मेडिकल कॉलेज टांडा में सीटों की संख्या 18 से बढ़ाकर 50 की हैं। 
    प्रदेश सरकार ने रेजिडेंट डाक्टरों के कार्य समय रेगुलेट किए, पहले इन्हें 36 घंटे ड्यूटी देनी पड़ती थी, अब सिर्फ 12 घंटे अधिकतम लगातार ड्यूटी निर्धारित की गई है। हम मानवीय मूल्यों को विशेष अधिमान दे रहे हैं। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि सीनियर रेजिडेंट का स्टाइफंड 60 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया है। सुपर स्पेशियलिटी में स्टाइफंड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक लाख तीस हजार रुपये किया है। पिछले तीन वर्षों में वर्तमान सरकार ने मेडिकल एजुकेशन में आधारभूत संरचना और आधुनिक उपकरणों पर 1,207 करोड़ रुपये व्यय किए हैं, यह भी प्रदेश सरकार की पहल है। चम्बा, हमीरपुर, नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रम आरम्भ करवाए गए हैं।
    इसके साथ-साथ सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में डिपार्टमेंट ऑफ एमरजेंसी मेडिसिन आरम्भ किया है। प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा में निरंतर गुणवत्ता ला रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों में 57 कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न महाविद्यालयों में आपात सेवाओं के लिए विशेषज्ञों के 32 पद सृजित किए गए हैं, यह देश भर में पहली बार हुआ है। यह भी प्रदेश सरकार की अनूठी पहल है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा तथा आईजीएमसी में ट्रॉमा और नया ओपीडी ब्लॉक आरम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को न केवल सुदृढ़ कर रही है, बल्कि इस क्षेत्र में आदर्श राज्य बनने के लिए कार्य कर रही है। 
    प्रदेश सरकार सकारात्मक सोच के साथ व्यवस्था को बदल रही है ताकि आने वाले समय में प्रदेश आत्मनिर्भर बन सके। हम हर क्षेत्र में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। 
    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे छात्रों और चिकित्सकों को सम्मानित किया।  
    इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। 
    प्रधानाचार्य डॉ. सीता ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चिकित्सा महाविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों, सुविधाओं और मांगों के बारे अवगत करवाया। 
    केंद्रीय छात्र संघ के मुख्य सलाहकार डॉ. पुनीत महाजन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विविध गतिविधियों से अवगत करवाया। 
    फॉेेरेंसिक चिकित्सा विभाग के प्रो. पीयूष कपिला ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। 
    कार्यक्रम में नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, पार्षदगण, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा,  वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव, प्रधानाचार्य और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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  • मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 63वें स्थापना दिवस की अध्यक्षता की



    अग्निशमन सेवाओं में महिलाओं को किया जाएगा शामिल

    प्रदेश में शीघ्र होगी होम गार्ड की भर्ती

    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला स्थित सरघीण में हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 63वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता की।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश गृह रक्षा, नागरिक सुरक्षा अग्निशमन सेवा तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि विभाग के कर्मचारियों का प्रदेश की सुरक्षा और निर्माण में उल्लेखनीय योगदान है।
    उन्होंने कहा कि गृह रक्षा एवं अग्निशमन सेवाओं ने वर्षभर में 708 खोज एवं बचाव अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। इन अभियानों में 448 लोगों की जान बचाई गई। यह विभाग की कार्यकुशलता का परिणाम है। विभाग की पेशेवर क्षमता व दक्षता से प्रदेश में दो हजार करोड़ की संपत्ति को नुकसान से बचाया गया है। गृह रक्षा विभाग ने एक हजार 35 स्थलों पर जल स्रोतों एवं जल निकायों का जीर्णोद्धार किया है, जो अत्यंत सराहनीय है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण को विशेष अधिमान दे रही है। सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से सकारात्मक बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि अग्निशमन विभाग में महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा, इसके दृष्टिगत भर्ती नियमों में जरूरी बदलाव किये जाएंगे। प्रदेश में होम गार्ड की भर्ती भी शीघ्र ही की जाएगी।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अग्निशमन विभाग में चार नई अग्निशमन इकाइयां स्थापित की गई है, जिनमें देहा, उबादेश, नेरवा तथा इंदौरा शामिल हैं। इस वर्ष 27 अग्निशमन वाहनों की खरीद की गई है। इन इकाइयों के लिए 150 पद स्वीकृत किए गए हैं।
    उन्होंने कहा कि अग्निशमन आधुनिकीकरण योजना के तहत 55 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। एसडीआरएफ की संचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए छह करोड़ रुपये के उन्नत उपकरणों की खरीद की गई है, जिनमें हवाई सर्वेक्षण, खोज और आपदा सम्भावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए ड्रोन शामिल हैं, इससे प्रतिक्रिया तैयारी और प्रयासों में सुधार हुआ है।
    प्रदेश सरकार द्वारा होम गार्ड महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश प्रदान किया गया है। इस निर्णय से न केवल उन्हंे मातृत्व के समय आवश्यक सहयोग मिला है बल्कि उनके कार्यस्थल पर जॉब सेक्योरिटी भी सुनिश्चित हुई है।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नशा निवारण पर आधारित ‘‘मिरेकल ऑफ मांइड एप’’ भी लॉंच किया। इसे इशा फांउडेशन के सहयोग से विकसित किया गया है।
    मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाली वाहनियों और कर्मचारियों को भी पुरस्कृत किया।
    हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा द्वारा ‘सुरक्षित हिमाचल’ प्रदर्शन भी किया गया। इसमें अग्निशमन तथा खोज एवं बचाव मॉकड्रिल मुख्य आकर्षण रहे।
    अतिरिक्त महानिदेशक सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विभाग की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गृह रक्षा एवं अग्निशमन द्वारा लगभग 11 हजार मॉक ड्रिल एवं तीन हजार जागरूकता शिविर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और दो लाख नागरिकों को प्रशिक्षित किया गया है।
    डिप्टी कमांडेंट जनरल अरविंद पराशर ने आभार प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
    ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्याम भगत नेगी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी, विशेष सचिव सुदेश मोक्टा, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • राज्यपाल ने महापरिनिर्वाण दिवस पर भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की



    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की।
    इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने सामाजिक न्याय, समानता और संवैधानिक मूल्यों की मजबूत नींव रखी, जो आने वाली पीढ़ियों का निरंतर मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के आदर्शों को अपनाकर एक समावेशी, न्यायपूर्ण एवं सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देना हम सभी की जिम्मेदारी है।
    राज्यपाल ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान पर आधारित भारतीय लोकतंत्र को विश्व का आज सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान के विभिन्न प्रावधानों और अनुच्छेदों के माध्यम से देश का प्रत्येक नागरिक अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों से भलीभांति परिचित है।  
    श्री शुक्ल ने कहा कि हम अपने अधिकारों के प्रति हमेशा सजग रहते हैं लेकिन हमारे अधिकार तभी सुरक्षित रह सकते हैं जब हम अपने कर्त्तव्यों का पूरी निष्ठा से पालन करेंगें। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
    इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस फेडरेशन के देव जी भुज्जिया एवं रचना तथा अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी के जॉन जॉर्ज तथा राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी डॉ. अम्बेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की।
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  • मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की



    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भारत रत्न और भारत के संविधान  निर्माता डॉ. भीम राव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर आज चौड़ा मैदान, शिमला स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर एक महान राजनीतिज्ञ और सामाजिक उन्नायक थे। उन्होंने समानता, न्याय और अधिकारों की लड़ाई लड़ी। उन्होंने भारतीय संविधान तैयार करते समय सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित किए और देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विरासत आधुनिक भारत को आकार दे रही है।
    ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विनय कुमार, उप महापौर उमा कौशल, महाधिवक्ता अनूप रत्न, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, पूर्व महापौर, पार्षदगण, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और अन्य गणमान्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • राज्यपाल ने मूल्यों और आधुनिकता में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर दिया बल
    आरकेएमवी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता की
    छात्राओं से राष्ट्र प्रथम की भावना अपनाने का किया आह्वान
     
    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां कहा कि आधुनिकता आवश्यक है, लेकिन किसी भी चीज के अत्यधिक उपयोग से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अत्यधिक आधुनिकीकरण हमें हमारी प्राकृतिक पहचान से दूर ले जाता है। हमें अपनी मौलिकता और सिद्धांतों को संजोकर रखते हुए आधुनिक बनना चाहिए।
    यह बात राज्यपाल ने आज राजकीय कन्या महाविद्यालय (आर.के.एम.वी.) शिमला के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही। उन्होंने महाविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान केवल शिक्षा का केंद्र ही नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। महाविद्यालय की छात्राएं पढ़ाई के साथ-साथ खेल, संस्कृति, अनुसंधान, एन.सी.सी., एन.एस.एस. और सामाजिक गतिविधियों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।
    राज्यपाल ने कहा कि भारत आज आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है और देश की बेटियां भी राष्ट्र की प्रगति में बढ़-चढ़कर अपना योगदान दे रही हैं। जहां महिलाओं का सम्मान और विकास होता है, वहीं समाज और राष्ट्र प्रगति करते हैं। इस संस्थान की छात्राएं नेतृत्व, विज्ञान, कला, तकनीक और प्रशासन के क्षेत्रों में जिस तरह आगे बढ़ रही हैं, वह पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है।
    उन्होंने छात्राओं से नई तकनीकें सीखने, नवाचार और शोध को अपनाने, पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने और जीवन मूल्यों, संवेदनशीलता तथा सामाजिक जिम्मेदारी को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मजबूत राष्ट्रीय नेतृत्व के कारण देश तेजी से विकास कर रहा है। उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हालिया कथन का उल्लेख किया कि ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो सोचते हैं, उसे पूरा करके दिखाते हैं।’’
    राज्यपाल ने कहा कि देश की जनता को ऐसे नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास रखना चाहिए और राष्ट्र प्रथम की भावना को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश सुरक्षित होगा, तभी उसके नागरिक सुरक्षित रहेेंगे।
    राज्यपाल ने कहा कि आरकेएमवी राज्य का एकमात्र महाविद्यालय है, जो युवा रेडक्रॉस के साथ औपचारिक रूप से पंजीकृत है। यह दर्शाता है कि यह संस्थान शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों, सेवा, करुणा और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी समान रूप से समर्पित है। उन्होंने महाविद्यालय के नशा-निवारण प्रयासों और जागरूकता अभियानों की भी सराहना की। 
    उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय समाज, विशेषकर युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए नियमित कार्यक्रम चला रहा है। महाविद्यालय की यह गतिविधियां समाज को सकारात्मक दिशा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महाविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे ‘एंटी-चिट्टा अभियान’ की विशेष सराहना की। 
    उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे, विशेषकर सिंथेटिक ड्रग ‘चिट्टा’ की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। आरकेएमवी द्वारा इसे रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय और प्रेरणादायक हैं।
     उन्होंने महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा नशा-निवारण पर प्रस्तुत नुक्कड़-नाटक की भी सराहना की।
    राज्यपाल ने कहा कि महाविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू कर एक आदर्श संस्थान के रूप में विकसित हुआ है। आरकेएमवी जनजातीय और ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित छात्राओं के लिए एक मजबूत मंच बन गया है, यह संतुलित, सम्मानजनक और प्रबुद्ध समाज की नींव रखता है।
    इससे पूर्व, प्राचार्य डॉ. अनुरिता सक्सेना ने राज्यपाल का स्वागत किया और महाविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
    अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. सुरेंद्र शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
    लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला, राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य और अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
     
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  • राजभवन में नागालैंड और असम के स्थापना दिवस कार्यक्रम आयोजित
    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में नागालैंड और असम के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश में रहने वाले असम और नागालैंड के लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि भारत की वास्तविक ताकत इसकी एकता और विविधता में निहित है। विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों, परंपराओं और रीति-रिवाजों से एक-दूसरे के प्रति समझ और लगाव बढ़ता है। इसी तरह, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण से देश की एकता व अखंडता और सुदृढ़ होगी। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उपस्थित थीं।
    राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल आपसी संबंधों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि देश की जीवंत सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने का अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास सांस्कृतिक सद्भाव, पारस्परिक समझ और राज्यों के बीच विश्वसनीयता को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
    उन्होंने कहा कि यह अवसर हमारे महान राष्ट्र की एकता का प्रतीक है, जहां विविधता हमारी शक्ति है और संस्कृति हमारी पहचान हैै।
    राज्यपाल ने असम और नागालैंड के लोगों को हिमाचली टोपी और शॉल भेंट कर सम्मानित भी किया।
    इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा भी उपस्थित थे।
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