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18th September 2016

सड़क दुर्घटनाओं में कमी के लिये निगम के गंभीर प्रयास

 
प्रदेश में निगम की 2700 बसें दे रही सेवाएं
   सड़कों पर लग्ज़री व सुपर लग्ज़री बसें उतारने से सफर हुआ आसान
 
पर्वतीय राज्य हिमाचल प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थितियों के मद्देनजर हिमाचल सरकार दूर-दराज़ के क्षेत्रों तक लोगों को आधुनिक परिवहन सुविधाएं प्रदान करने पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश में परिवहन का एकमात्र साधन भूतल परिवहन है और राज्य सरकार द्वारा यात्रियों को सुरक्षित व आरामदायक यात्रा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। 
लोगों की सुविधा के लिये प्रदेश सरकार ने परिवहन प्रणाली का आधुनिकीकरण आरम्भ किया है। अनेक बसों में नवीनतम तकनीक को शामिल करने के अतिरिक्त कार्यशालाओं में उचित सुविधाएं उपलब्ध करवाने के अतिरिक्त विभिन्न बस अड्डों का निर्माण, स्तनोन्यन व आधुनिकीकरण किया गया है। राज्य के विभिन्न भागों में लग्जरी व सुपर लग्जरी बसें बड़ी संख्या में सड़कों पर उतारी गई हैं जिनसे लम्बा सफर अत्यंत आरामदायी हुआ है। 
       हिमाचल प्रदेश के गठन के उपरांत प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़़ करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और आज सरकार के प्रयासों से प्रदेश में 37000 किलोमीटर लम्बी सड़कों का एक बृहद जाल है और सभी सड़कों पर बसों की माकूल उपलब्धता सुनिश्चित बनाई जा रही है। 
पथ परिवहन निगम के पास आज लगभग 2700 बसों का एक बड़ा बेड़ा है, जिसमें 72 लग्ज़री व सपुर लग्ज़री बसें शामिल हैं। प्रदेश भर में 2400 रूट कार्य कर रहे हैं और लगभग 8700 स्टाफ के माध्यम से प्रतिदिन 4.60 किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जा रहा है। इसमें संकरे मोड़ पहाड़ियों व उबड़-खाबड़ मार्गों व दर्रों पर समुद्रतल से 16 हजार फुट तक की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में निगम की बसें दौड़ रही हैं। यह कार्य चालकों के लिए एक जोखिम व चुनौतिपूर्ण है और इसके लिए उत्कृष्ट परिचालक क्षमता आवश्यक है। 
     सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये  सरकार गंभीर प्रयास कर रही है। भारत सरकार के सहयोग से राज्य में ब्लैक स्पोट्स को चिन्हित कर इनका सुधार करने तथा क्रेश बेरियर लगाने की योजना है। राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम दो ड्राईविंग स्कूल खोले जाएंगे और प्रत्येक स्कूल के लिये भारत सरकार एक करोड़ का अनुदान देगी।
      राष्ट्रीय उच्च मार्गों एवं राज्य उच्च मार्गों पर जीवन रक्षक उपकरणों से लैस 1000 नई एम्बुलेन्स उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसी प्रकार इन मार्गों के समीप ट्रॉमा केन्द्रों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी तथा दुर्घटना की स्थिति में तुरन्त उपचार प्राप्त हो सके। राज्य के विभिन्न मार्गों में स्पीड गवर्नर्ज स्थापित किए जा रहे हैं। 
  प्रदेश सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए अनेक पग उठाए हैं। शिमला शहर में पॉयलट परियेजना के आधार पर कैशलेस टिकट प्रणाली आरम्भ की गई है। प्रतिवर्ष बेहतर माइलेज देने के लिए चालकों एवं परिचालकों को एक लाख रुपये प्रत्येक को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है इसी तरह तकनीकी कर्मचारियों के भी क्रियाशील लागत को कम करने के लिए पुरस्कृत किया जाता है। 
यात्रियों की सुरक्षा को प्रदेश सरकार द्वारा विशेष अहमियत दी गई है। इसे सुनिश्चित बनाने के लिए चालकों को नियुक्ति के समय विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है और चालकों द्वारा दुर्घटना की स्थिति पर उनके विरूद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाती है। बसों में कैसेट प्लेयर चलाने व बड़े आकार के मिरर लगाने पर पाबंदी लगाई गई है। नशे की स्थिति में कोई चालक वाहन न चलाएं, इसके लिए  डियूटी के दौरान श्वास विश्लेषकों से जांच की जाती है। समय-समय पर इनकी चिकित्सा जांच को अनिवार्य बनाया गया है। सड़क जांच समिति द्वारा बसों को चलने योग्य घोषित करने के उपरांत ही इन्हें सड़कों पर उतारा जाता है। विभिन्न बस अड्डों पर सीसीटीवी स्थापित किए गए हैं और चरणबद्ध तरीके से सभी बस अड्डों पर स्थापित किया जा रहा है।
इसी प्रकार लग्जरी बसों जैसे वाल्वो आदि में सीसीटीवी स्थापित करने की प्रक्रिया आरम्भ की गई है। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए हेल्पलाईन नम्बर 94180-00529 तथा 98050-00529 को आरम्भ किया गया है। प्रतिदिन तकरीबन पथ परिवहन निगम व निजी बसों से सम्बन्धित 50 से 60 कॉल प्राप्त हो रही है। 
गत तीन वर्षों के दौरान पथ परिवहन निगम के बेड़े में 1300 नई बसें शामिल की गई और 316 और बसें, जिन में 16 नई लग्जरी बसें भी बेडे़ में शामिल की जाएंगी। इसी दौरान 365 नए रूट भी आरम्भ किए गए हैं। इन बसों को जीपीएस, सीसीटीवी व यात्री सूचना प्रणाली से सुसज्जित किया गया है। सरकार प्रदेश के प्रमुख धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों को लग्जरी बस सेवाओं से जोड़ने के लिए प्रयासरत है।
मनाली-जयपुर, शिमला-कटड़ा, शिमला-हरिद्वार सुपर स्पैशियलिटि बसें चलाई जा रही हैं। 25 ईलेक्ट्रिक बसों की निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जबकि 50 छोटी बसें दूरवर्ती एवं संकरे मार्गों के लिये शीघ्र ही बेड़े में शामिल की जा रही हैं। 
 शिमला, दिल्ली, मनाली, चम्बा, धर्मशाला, कांगड़ा, बैजनाथ, पालमपुर, मैकलोडगंज, हमीरपुर, हरिद्वार और चंडीगढ़ में सभी प्रकार की बसों के लिए ऑनलाइन बुकिंग सेवा आरम्भ की गई है। शीघ्र ही इसे रामपुर व सरकाघाट में भी आरम्भ किया जाएगा।प
पथ परिवहन निगम को आत्मनिर्भर बनाने व इसके राजस्व को बढ़ाना राज्य सरकार का मुख्य लक्ष्य है। बेहतर गुणवत्तायुक्त बसों के कारण किलोमीटर प्रति लीटर (केएमपीएल) 3.65 से बढ़कर 3.72 तक पहुंच गई है और निगम का राजस्व बढ़कर 220 करोड़ हो चुका है। 
 पथ परिवहन निगम ने शिमला शहर में टैक्सी सेवा आरम्भ की है, जो प्रतिबंधित सड़कों पर सफलतापूर्वक चल रही है और लोगों विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, बीमारों, शारीरिक रूप से अक्षमों, महिलाओं व बच्चें लाभान्वित हो रहे हैं। निगम ने पर्यटकों की सुविधा के लिए मनाली से रोहतांग रूटों पर सीएनजी बस सेवा आरम्भ करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 
सामाजिक दायित्व के तहत प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों व महाविद्यालयों के विद्यार्थियों व शारीरिक रूप से अपंग को निःशुल्क बस सेवा उपलब्ध करवा रही है। इसके अतिरिक्त सरकारी कर्मचारियों, पुलिस जवानों और जेल वार्डनों इत्यादि को रियायती दरों पर परिवहन सुविधा प्रदान की जा रही है, जिस पर 110 करोड़ रुपये वार्षिक व्यय हो रहे हैं। प्रदेश सरकार ने पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक पग उठाए हैं। पथ परिवहन निगम 147 करोड़ रुपये वार्षिक पेंशनों पर व्यय कर रही है, जबकि वर्ष 2012-13 में इसकी देनदारी 47 करोड़ रुपये थी।  
 

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