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27th September 2015

बेहतर यातायात सेवाओं के लिये पथ परिवहन निगम का आधुनिकीकरण

  दुर्गम भौगोलिक स्थितियों के चलते हिमाचल प्रदेश में आवागमन का मुख्य साधन सड़क परिवहन है। राज्य में 90 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या सार्वजनिक यातायात पर आश्रित है। सार्वजनिक परिवहन प्रदेश के उन सभी लोगों जिनके पास निजी वाहन नहीं है तथा आम जनमानस को मूलभूत आवागमन की सुविधा मुहैया कर रही है।
   सरकार, राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश सरकार ने यात्रियों को आरामदेय, भरोसेमन्द एवं सुरक्षित आवागमन सुविधाएं उपलब्ध करवाने का जिम्मा हिमाचल पथ परिवहन निगम को सौंपा है।
   निगम के बेड़े में वर्तमान में 2642 बसें शामिल हैं जो प्रतिदिन लगभग 4.50 लाख किलोमीटर सफर तय करके प्रदेशभर में 2318 रूटों पर लोगों को यातायात सुविधाएं प्रदान कर रही हैं। ये बसें रोजाना  घुमावदार, पहाड़ी, अति दुर्गम एवं सर्पीली सड़कों यहां तक की समन्दर तल से 15000 फीट की उंचाई पर बनी सड़कों से गुजरती हैं और लोगों को सुरक्षित उनके गन्तव्यों तक पहुंचाने के दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रही हैं। हालांकि इस तरह की दुर्गम सड़कों पर बसें चलाना बेहद चुनौतिपूर्ण कार्य है और इसके लिये चालकों में उच्च स्तर की दक्षता की नितान्त आवश्यकता रहती है।
  
     राज्य सरकार ने निगम की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ करने के लिये अनेक पग उठाए हैं। शिमला शहर में पायलट आधार पर कैशलेस टिकट सुविधा परियोजना आरम्भ की जा रही है। इस परियोजना के अन्तर्गत निगम टिकट के लिये  ‘क्लोजड लूप स्मार्ट कार्ड’ जारी करेगा। इससे सिक्कों की समस्या से भी निजात मिलेगी। बसों की माईलेज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चालकों एवं परिचालकों प्रत्येक को हर वर्ष एक लाख रूपये का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। इसी तरह कार्यशाला मैकेनिक जो बस की आप्रेशनल कीमत को कम करने में योगदान करेगा उसे भी एक लाख रूपये का पुरस्कार दिया जाएगा। यात्रियों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये प्रथम चरण में 23 बस अड्डों पर सीसीटीवी स्थापित किये जा रहे हैं। इसी तरह, वोल्वो जैसी लग्जरी बसों में भी सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया जारी है। यात्रियों की सुविधा के लिये दो हैल्पलाईन नम्बर 94180-00529 तथा 98050-00529 आरम्भ किये गये हैं जिन्हें प्राथमिकता के आधार पर सुना जाता है और प्रतिदिन निगम तथा निजी बसों से सम्बन्धित 50 से 60 कालें प्राप्त हो रही हैं जिनका तत्काल समाधान करने के प्रयास किये जा रहे हैं।  
    बीते अढाई वर्षों के दौरान निगम के बेड़े में 1147 नई बसें जोड़ी गई हैं और 153 अतिरिक्त बसें जल्द ही बेड़े में शामिल हो जाएंगी। ये बसें जीपीएस, सीसीटीवी और यात्री सूचना प्रणाली जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। निगम के लग्ज़री फ्लीट में वृद्धि करने के लिये 10 नई वोल्वो बसों की खरीद के लिये आर्डर दिया गया है और ये बसें इस माह के अन्त तक प्राप्त हो जाएंगी। पर्यटकों को आकर्षित करने एवं उनकी सुविधा के लिये निगम ने सात सीटों वाली 7 मिनी लग्जरी बसें खरीदने की प्रक्रिया भी अन्तिम चरण पर है। ये बसें शिमला-चण्डीगढ़, मनाली-चण्डीगढ़ तथा धर्मशाला-चण्डीगढ़ राजमार्गों पर चलाई जाएंगी। सरकार प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक गन्तव्यों को मुख्य शहरों से जोड़ने के प्रयास कर रही है।   
    परिवहन निगम की महता के दृष्टिगत राजस्व वृद्धि मुख्य चुनौतियों में से है। अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के लिये राज्य के विभिन्न भागों में 17 फिटनेस केन्द्र चलाए जा रहे हैं और निगम ने बीते दो वर्षों के दौरान इनसे 3.73 करोड़ रूपये की आय अर्जित की है। इन केन्द्रों से निजी बस आप्रेटर भी लाभान्वित हो रहे हैं। निगम ने बसों पर विज्ञापन के जरिए 4.22 करोड़ रूपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। निगम से 50 या इससे अधिक बसें किराये पर लेने वाले लोगों अथवा पार्टियों को किराये में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है। पूर्व में यह छूट 125 बसें हायर करने पर ही मिलती थी। स्कूलों द्वारा 5 या इससे अधिक बसें हायर करनेे पर भी किराये में 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है।    
    अन्य सुविधाओं के साथ-साथ निगम ने शिमला शहर में विशेषकर वृद्धजनों, विशेष तौर पर सक्षम व्यक्तियों, बीमार व्यक्तियों, महिलाओं एवं बच्चों की सुविधा के टैक्सी सेवा आरम्भ की है। वर्तमान में यह सेवा संजौली-आई.जी.एम.सी., पुरान बस अड्डा से सीटीओ भवन, सीटीओ से चक्कर तथा कसुम्पटी से उच्च न्यायालय के बीच उपलब्ध करवाई जा रही है। निगम ने मनाली-रोहतांग के बीच आम लोगों एवं पर्यटकों की सुविधा के लिये सीएनजी बसें चलाने की प्रक्रिया आरम्भ की है।
    चालक एवं परिचालक निगम की रीढ़ हैं। निगम में जुलाई, 2015 में 533 अनुबन्ध कर्मियों की सेवाओं को नियमित करने के अतिरिक्त, पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले 228 पीसमील कर्मियों की सेवाओं को अनुबन्ध आधार पर लाया गया। 500 चालकों की भर्ती की प्रक्रिया अन्तिम चरण पर है। निगम ने वर्ष 2014-15 के दौरान 130 पात्र लोगों को करूणामूलक आधार पर नियुक्ति दी है। दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से बसों को फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त होने के उपरान्त ही चलाने के सम्बन्ध में सभी फील्ड अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
    निगम ने अपने कर्मचारियों के कल्याण के लिये विभिन्न कदम उठाए गए हैं। निगम अपने संसाधनों से हर महीने 8 करोड़ रूपये खर्च करके 4330 कर्मियों को पेंशन प्रदान कर रहा है। पेंशन मामलों के शीघ्र निपटारे के लिये दल का गठन करके एक विशेष अभियान चलाया गया जिसके परिणामस्वरूप मार्च 2015 तक के सभी पेंशन मामलों का निपटारा किया गया। बीते माह के दौरान 28.73 करोड़ रूपये की राशि खर्च करके पेंशन के 110 मामलों को अन्तिम निपटारा किया गया। अपे्रल्, 2015 से 164 पेंशनभोगियों को अवकाश के बदले वेतन पर 4ण्70 करोड़ रूपये की राशि के लाभ प्रदान किये गए वहीं 116 पेंशनधारकों को 5.23 करोड़ रूपये की गे्रच्यूटि राशि प्रदान की गई। सामान्य भविष्य निधि मामलों के निपटारे के लिये विशेष दल का गठन किया गया है और अगस्त, 2015 के दौरान सामान्य भविष्य निधि के 91 मामले निपटाकर उन्हें अदायगी की गई।
 
 

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