प्रदेश सरकार ने समाज सेवा के अपने दायित्व को निभाते हुए गंभीर बीमारी से पीड़ित समाज के कमजोर वर्गों के मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए सहारा नाम से एक महत्वाकांक्षी योजना आरम्भ की है। इस योजना के तहत रोगी को 2,000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। गम्भीर बीमारियां में पार्किन्सन, मलाईन्ड कैंसर, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हैमोफिलिया तथा थेलेसेमिया इत्यादि को शामिल किया गया है।
अपनी तरह की इस महत्वपूर्ण योजना के तहत किडनी की गंभीर बीमारी अथवा व्यक्ति को स्थाई रूप से अक्षम करने वाली अन्य बीमारी से पीड़ित रोगियों को भी कवर किया जाएगा। सहारा योजना का मुख्य उद्देश्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को लम्बे उपचार के दौरान पेश आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके दुःख-दर्द को कुछ हद तक कम करना है।
सहारा योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगी, जो गंभीर बीमारी का लम्बे समय से उपचार करवा रहे हैं और जिनकी चार लाख रुपये तक की पारिवारिक वार्षिक आय है, उन्हें इस योजना का लाभ मिल सकेगा। बीमारी की पुष्टि चिकित्सा बोर्ड द्वारा अथवा उपचार के ब्यौरे के साथ की जा सकेगी। बीमारी की पुष्टि अक्षमता प्रमाणपत्र से भी की जा सकती है।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने योजना का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस नई योजना की घोषणा मुख्यमंत्री ने इस वर्ष अपने दूसरे बजट को प्रस्तुत करने के दौरान की थी। इस योजना से गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को बड़ी राहत पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में लगभग 6000 रोगियों को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा, जिसके लिए इस वर्ष 14.40 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रिंट तथा इलैक्ट्रॉनिक मीडिया सहित विभिन्न एजेंसियों की भागीदारी के साथ इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए एक अभियान आरम्भ किया जाएगा। मान्यता-प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (आशा) तथा अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को लाभार्थियों को चिन्हित करने और निर्देशित औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा। रोगियों को चिन्हित तथा उनका आवेदन पूर्ण करने के लिए आशा कार्यकर्त्ताओं को 200 रुपये प्रति लाभार्थी प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
योजना की अधिसूचना के अनुसार, लाभार्थी अपने आवश्यक दस्तावेज सीधे ज़िला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। पूर्ण आवेदन पत्र खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में भी जमा किए जा सकते हैं, जो सत्यापन तथा आर्थिक सहायता प्रदान करने की आगामी कार्रवाई के लिए दस्तावेज मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय भेजेंगे।
योजना का लाभ उठाने के लिए निर्देशित फार्म सभी संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध करवाए गए हैं तथा प्रदेश में निचले स्तर तक लोगों को जागरूक बनाने के लिए एक विशेष अभियान आरम्भ किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार ने पहले से ही हिमकेयर, अटल आर्शीवाद योजना तथा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष जैसी विभिन्न लोक आधारित स्वास्थ्य सेवाएं आरम्भ की है, जो प्रदेश के जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता दिए जाने के फलस्वरूप प्रदेश में जमीनी स्तर तक स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण हुआ है।