News
 

   No. 1301/2025 21th November 2025

राजस्व विभाग की डिजिटल पहल के सकारात्मक परिणामों से लाभान्वित हो रहे नागरिक

नई डिजिटल प्रणाली से 55,874 पेपरलेस रजिस्ट्री की गई
 
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए राजस्व विभाग ने पारदर्शी कार्य प्रणाली के लिए विस्तृत स्तर पर नई और आधुनिक तकनीक को अपनाया है। इससे राजस्व संबंधी मामलों का तेजी से निपटारा सुनिश्चित हो रहा है साथ ही लोगों को अपने काम करवाने के लिए बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की ज़रूरत भी नहीं रही है। राजस्व विभाग में नवाचार पहल के फलस्वरूप लोग व्यापक स्तर पर लाभान्वित हो रहे हैं। 
दो साल पूर्व, राज्य सरकार ने राजस्व प्रबंधन पोर्टल जनता को समर्पित किया था जिसके माध्यम से 1,16,490 मामलों में ऑर्डर अपलोड किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त राजस्व मामलों से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी को पोर्टल पर नियमित तौर से अपडेट किया जा रहा है, जिससे लोग घर बैठे एक क्लिक पर अपने मामलों से संबंधित जानकारी ऑनलाइन देख सकते हैं।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार विभागों की कार्य प्रणाली में दक्षता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। सरकारी कामकाज में डिजिटाइजेशन और ई-फाइलिंग प्रणाली को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में लगभग 90 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है और इसके दृष्टिगत एक पारदर्शी, कुशल और टेक्नोलॉजी युक्त मज़बूत भूमि संबंधी प्रशासन प्रणाली अत्यंत आवश्यक है।
राज्य में शुरू की गई कागज रहित पंजीकरण प्रणाली ‘माई डीड’ के भी सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इस प्रणाली के तहत अब तक राज्य में 55,874 रजिस्ट्री की जा चुकी हैं। इस सुविधा का लाभ उठाते हुए कोई भी व्यक्ति किसी भी समय तहसीलदार के पास रजिस्ट्री के लिए आवेदन कर सकता है जिसके लिए उसे केवल एक बार तहसील कार्यालय जाने की आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया के शुरू होने से समय के साथ-साथ धन की भी बचत हो रही है।
राजस्व अधिकारियों की सुविधा के लिए, ई-रोज़नामचा प्रणाली शुरू हो गई है जिससे अधिकारी प्रतिदिन की गतिविधियों का डिजिटल रिकॉर्ड सुनिश्चिित कर रहे हैं। सुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, राज्य के सभी राजस्व न्यायालय पहली सितंबर, 2025 से ऑनलाइन कर दिए गए हैं। इसके ज़रिए तकसीम, निशानदेही, दुरूस्ती और अतिक्रमण से जुड़ी फाइलिंग से लेकर सुनवाई तक की प्रक्रिया ई-फाइलिंग के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही है। इस सुविधा के शुरू होने के बाद से, 5,940 मामले फाइल किए गए हैं। 
इसके अलावा, राज्य के सभी लैंड रिकॉर्ड मैप को भी डिजिटाइज़ और जियो-रेफरेंस किया गया है यानी वे अब डिजिटल मैप से जुड़े हुए हैं। इससे ज़मीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता के साथ-साथ भूमि मालिकों को त्वरित सुविधा मिल रही है। 
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश सरकार प्रशासन में पारदर्शिता को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। इससे प्रदेश के लोगों को घर-द्वार पर बेहतर सेवाएं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि विभागों में डिजिटाइजेशन पहल के उपयोग से पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित किया जा रहा है। 
.0.
 

You Are Visitor No.हमारी वेबसाइट में कुल आगंतुकों 8886512

Nodal Officer: UC Kaundal, Dy. Director (Tech), +919816638550, uttamkaundal@gmail.com

Copyright ©Department of Information & Public Relations, Himachal Pradesh.
Best Viewed In Mozilla Firefox