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  • मुख्यमंत्री ने शिमला में लिफ्ट के समीप ‘हिमाचल हाट’ की आधारशिला रखी
  • चिकित्सा से संबंधित उपकरणों की खरीद त्वरित विश्वसनीय और पारदर्शी होनी चाहिएः डॉ. धनी राम शांडिल
  • हिमाचल प्रदेश को बी.आर.ए.पी.-2024 में ‘टॉप अचीवर’ का दर्जा
  • राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष ने बसंतपुर स्थित वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया
  • आयुष विभाग 12 आयुर्वेदिक अस्पतालों में पंचकर्मा तकनीशियन पाठयक्रम शुरू करेगा
  • राज्य सरकार ग्रामीण विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
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  • राज्य सरकार ग्रामीण विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री
    प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की
     
    हिमाचल प्रदेश राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट कर अपनी विभिन्न मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी सभी समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे भविष्य की चुनौतियों का आत्मविश्वास के साथ सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
    श्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किए हैं। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल प्रदेश शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में देश में 21वें स्थान पर था, जबकि वर्तमान सरकार के समन्वित प्रयासों से अब राज्य पांचवें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार, शिक्षकों और शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक लाभ के लिए खोले गए स्कूलों को वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है। ग्रामीण छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ाने और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं।
    श्री सुक्खू ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाने के लिए पहले चरण में 100 स्कूलों को सीबीएसई आधारित बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष से पूरे राज्य में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा शुरू की गई है और स्कूलों में छात्रों के लिए स्वेच्छा से स्मार्ट यूनिफॉर्म चुनने की अनुमति प्रदान की गई है।
    मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान और प्रतिनिधिमंडल के पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
     
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  • मुख्यमंत्री ने शिमला में लिफ्ट के समीप ‘हिमाचल हाट’ की आधारशिला रखी
    एसएचजी की महिलाओं को विपणन और आजीविका मंच होगा उपलब्ध
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला में लिफ्ट के समीप ‘हिमाचल हाट’ की आधारशिला रखी। दो करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाला यह हिमाचल हाट प्रमाणिक हिमाचली उत्पादों को प्रदर्शित करने वाला एक जीवंत बाजार होगा। साथ ही हिम ईरा ब्रांड के तहत ग्रामीण उद्यमियों, विशेष रूप से महिला स्वयं सहायता समूहों की आय, पहचान और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा।
    हिमाचल हाट को 24-25 दुकानों वाले एक आधुनिक तन्य संरचना के रूप में विकसित किया जाएगा। यह हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों के स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जाएगी। यहां ग्रामीण कला और शिल्प, हथकरघा, हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों और पारंपरिक हिमाचली व्यंजनों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे, जिससे स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए एक स्थायी विपणन और आजीविका मंच उपलब्ध होगा।
    इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों का हिम ईरा ब्रांड के तहत विपणन द्वारा सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, कि इन उत्पादों की बिक्री से स्वयं सहायता समूहों को पहले ही 25 लाख रुपये की आय हो चुकी है, जिसके आने वाले समय में काफी बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वयं सहायता समूहों को फूड वैन भी उपलब्ध करवाई हैं, जिससे उन्हें लगभग 50,000 रुपये प्रति माह की आय हो रही है, और जल्द ही 60 अतिरिक्त फूड वैन वितरित करने की योजना है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिमला में लोगों के लिए सुविधाओं के उन्नयन के दृष्टिगत काम कर रही है, जिसमें विद्युत लाइनों को भूमिगत करने के लिए 145 करोड़ रुपये की लागत से एक यूटिलिटी डक्ट का निर्माण भी शामिल है। शहर में चौबीसों घंटे पानी और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि यातायात की भीड़भाड़ को कम करने के लिए सर्कुलर रोड को डबल-लेन में बदलने का कार्य भी प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है और इन प्रयासों के परिणाम जल्द ही जनता के सामने आएंगे।
    ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि हिमाचल हाट ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री के दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह हाट 4,000 वर्ग फुट क्षेत्र में विकसित किया जाएगा और इसे आठ माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने परियोजना के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए महापौर सुरेंद्र चौहान और नगर निगम शिमला का भी आभार व्यक्त किया।
    इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा और सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरेंद्र कंवर, सचिव राजेश शर्मा, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के निदेशक राघव शर्मा, एसआरएलएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिवम प्रताप सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य उपस्थित थे।
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  • राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर मंडी जिले में आयोजित होगा राज्य स्तरीय समारोह
    मुख्यमंत्री ने तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
     
    हिमाचल प्रदेश सरकार अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 11 दिसंबर को मंडी ज़िले में राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम स्थल के चयन के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और धर्मपुर विधायक चंद्रशेखर शामिल हैं।
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज यहां आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी साझा की। उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में पिछले तीन वर्षों के दौरान वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ‘व्यवस्था परिवर्तन’ पहल के माध्यम से हासिल सकारात्मक परिवर्तन को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर सरकार की उपलब्धियों और विभिन्न विभागों में सुधारों पर आधारित एक कॉफ़ी टेबल बुक का भी विमोचन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह को सूचना एकत्र करने के लिए समन्वयक नियुक्त किया गया है।
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे राज्य भर के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ राजस्व सृजन में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थी भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने वाले व्यक्तियों और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को इस कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा।
    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विकासात्मक गतिविधियों में तेजी लाने और जमीनी स्तर पर सरकार की प्राथमिकताओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए दो वर्षीय रोडमैप तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने लोगों के घर-द्वार तक और अधिक सेवाएं पहुंचाने, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और सभी विभागों में सुशासन को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। राज्य के सभी उपायुक्त भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।     
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  • मुख्यमंत्री ने पीजी कर रहे आयुष डॉक्टरों को शत-प्रतिशत वेतन देने के निर्देश दिए
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आयुष विभाग के अंतर्गत स्नातकोत्तर (पीजी) कर रहे डॉक्टरों को शत-प्रतिशत वेतन देने के निर्देश दिए हैं। पिछली अधिसूचना में केवल 40 प्रतिशत वेतन देने का प्रावधान था। यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में लिया गया।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल में स्वास्थ्य पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है और इस पहल में आयुष विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रदेश की जलवायु और प्राकृतिक परिवेश स्वास्थ्य पर्यटन की अपार संभावनाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने विभाग को उच्च ओपीडी टर्नआउट वाले आयुष स्वास्थ्य संस्थानों का अध्ययन करने के निर्देश दिए ताकि इन सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन संस्थानों में रोगियों की संख्या अधिक है, उन्हें पर्याप्त स्टाफ और बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी ताकि लोगों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सके।
    श्री सुक्खू ने विभाग को बेहतर ट्रैकिंग और सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए रोगी डेटा को हिम परिवार के आंकड़ों के साथ एकीकृत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नाहन में एक नए आयुष महाविद्यालय की स्थापना पर विचार कर रही है और पपरोला स्थित आयुर्वेदिक महाविद्यालय को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने रिक्त पदों को शीघ्र भरने सहित हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
    मुख्यमंत्री ने विभाग को स्पीति घाटी जैसे उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हर्बल उद्यान विकसित करने के निर्देश दिए, जिससे इस क्षेत्र की अनूठी जैव विविधता का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के बालिका आश्रमों और वृद्धाश्रमों में योग कक्षाएं शुरू की जाएं ताकि निवासियों को समग्र स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।
    बैठक में आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा, सचिव ए. शायनामोल, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक रोहित जम्वाल और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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  • प्रदेश विश्वविद्यालय ने सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास पहलों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला और भारतीय सेना के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास पहलों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। 
    ब्रिगेडियर अनुराग पांडे ने भारतीय सेना जबकि कुलपति प्रोफेसर महावीर सिंह ने प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समझौता भारतीय सेना और प्रदेश विश्वविद्यालय के बीच एक सहक्रियात्मक साझेदारी की शुरुआत का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य विविध क्षेत्रों में सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना है।
    इसके मुख्य क्षेत्रों में भारत-तिब्बत संबंधों पर संयुक्त ऐतिहासिक शोध, निवेश और सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों पर आर्थिक और विकासात्मक अध्ययन, ड्रोन प्रौद्योगिकी और ड्रोन-रोधी उपायों की खोज और तैनाती, साइबर सुरक्षा की सर्वाेत्तम प्रथाओं का विकास और कार्यान्वयन तथा हरित ऊर्जा और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए पहल शामिल हैं।
    यह प्रभावी सूचना प्रसार, अनुसंधान एवं शैक्षणिक सहयोग के लिए संकाय एवं कर्मचारियों के आदान-प्रदान तथा संयुक्त संगोष्ठियों, कार्यशालाओं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के लिए रणनीतिक एवं जनसंचार पहलों पर भी बल देता है। यह समझौता ज्ञापन भारतीय सेना के कर्मियों को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला में शैक्षणिक पाठ्यक्रम करने का अवसर प्रदान करेगा। 
    राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा और सचिव, शिक्षा राकेश कंवर इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • सेना सीमावर्ती क्षेत्रों में 20 स्थानों पर विंड टरबाइन परियोजनाएं स्थापित करेगी
    मुख्यमंत्री ने सेना की परियोजनाओं की समीक्षा की, सीमा पर्यटन पहलों पर हुई चर्चा 
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज भारतीय सेना की सेंट्रल कमांड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हिमाचल प्रदेश में सेना द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
    मुख्यमंत्री ने सेना की परियोजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। बैठक में जानकारी दी गई कि सेना सीमावर्ती क्षेत्रों में 20 स्थानों पर विंड टरबाइन परियोजनाएं स्थापित करने पर विचार कर रही है जिसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इस परियोजना से सालाना 68,000 से 80,000 किलोवाट घंटे ऊर्जा उत्पन्न होने की उम्मीद है, जो 120 से 160 घरों को बिजली प्रदान करने के लिए पर्याप्त है।
    श्री सुक्खू ने संतोष व्यक्त किया कि राज्य सरकार और भारतीय सेना द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई सीमा पर्यटन पहल उत्साहजनक परिणाम दे रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटकों की आमद में उल्लेखनीय वृद्धि देखने में आई है। वर्ष 2024 में सैलानियों की संख्या लगभग 21,000 थी जो 2025 में साढ़े तीन गुना वृद्धि बढ़कर 70,000 से अधिक हो गई।
    मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि उनका समग्र अनुभव बेहतर हो सके। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने शिपकी-ला के माध्यम से व्यापार गतिविधियों को फिर शुरू करने के संबंध में केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और सकारात्मक संकेत मिले हैं। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण, भारत और चीन दोनों लिपुलेख दर्रे, शिपकी-ला दर्रे और नाथू-ला दर्रे के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से खोलने पर सहमत हुए हैं।
    उन्होंने रंगरिक में प्रस्तावित हवाई अड्डे की प्रगति की भी समीक्षा की और सेना के अधिकारियों से परियोजना पर काम में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन और संपर्क को काफी बढ़ावा मिलेगा।
    बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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