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  • राज्यपाल ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन की पुस्तक का विमोचन किया
  • राज्यपाल ने आईटी कंपनी के स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की
  • कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग का किया गया पुनर्गठनः मुख्यमंत्री
  • समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने के लिए हिमाचल को मिला पुरस्कार
  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और डाइट संस्थानों का होगा पुनर्गठनः मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने क्षय रोग पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की बैठक का शुभारम्भ किया
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  • मुख्यमंत्री ने क्षय रोग पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स की बैठक का शुभारम्भ किया
    हिमाचल में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा हैः मुख्यमंत्री
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय टास्क फोर्स की दो दिवसीय बैठक का शुभारम्भ किया। इस बैठक में देशभर के क्षय रोग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। हिमाचल प्रदेश दूसरी बार इस महत्त्वपूर्ण बैठक की मेजबानी कर रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘मेरी टीबी की कहानी चरण-2’ पहल का शुभारंभ किया। इस पहल का उद्देश्य टीबी से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना और इस बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना है। इस अभियान के दूसरे चरण का शुभारंभ करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है।
    हिमाचल प्रदेश में क्षय रोग विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि बैठक के दौरान मूल्यवान जानकारी और सुझाव प्राप्त होंगे, जो इस खतरनाक बीमारी से निपटने में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और राज्य में हर वर्ष लगभग 15,000 टीबी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इस बीमारी से निपटने में किए गए प्रदेश के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी के मरीजों की सुविधा के लिए पिछले दो वर्षों में प्रारम्भिक स्तर पर ही टीबी का पता लगाने के लिए राज्य में मॉलीक्यूलर परीक्षण सुविधाएं शुरू की गई हैं और पांच जिलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस पोर्टेबल एक्स-रे मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। शीघ्र ही इस सेवा का विस्तार शेष जिलों में भी किया जाएगा। इस बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए हिमाचल प्रदेश की अनुकूल जलवायु के महत्व के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल के शुद्ध वातावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। 
    मुख्यमंत्री ने बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीकें अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने नवीनतम चिकित्सा उपकरणों के लिए एम्स दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय और आईजीएमसी, शिमला में स्वास्थ्य सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है तथा डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की कार्यप्रणाली में सुगमता लाने के लिए अस्पताल में अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 2,700 पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है। 
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों को विशेष स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता रहती है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार वृद्धजनों के लिए घर-द्वार के निकट चिकित्सा जांच सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए नई योजना शुरू करने पर विचार कर रही है। राज्य में कैंसर के मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन और नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा दिया जा रहा है और जिला सोलन के नालागढ़ में एक मेगावाट के हरित हाइड्रोजन संयंत्र की स्थापना की जा रही है। 
    स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रयासों के फलस्वरूप टीबी के बारे में सामाजिक दृष्टिकोण में काफी बदलाव आया है। उन्होंने जन जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि राज्य में इस बीमारी को समूल मिटाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में टीबी रोगियों को सरकार से 1,500 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है और लोगों को विशेष रूप से दुर्गम क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। 
    उन्होंने निराश्रित बच्चों के कल्याण, उनकी शिक्षा, देखभाल और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आरम्भ की गई मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के वंचित वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। 
    इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, एनएचएम मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा, स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. गोपाल बैरी, राष्ट्रीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष डॉ. अशोक भारद्वाज, केंद्रीय टीबी प्रभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. संजय कुमार मट्टू और डीडीजी-टीबी डॉ. उर्वशी सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 
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  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और डाइट संस्थानों का होगा पुनर्गठनः मुख्यमंत्री
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विद्यालयों के विलय के दृष्टिगत सरप्लस मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को समीपवर्ती स्कूलों में समायोजित किया जाएगा और उनकी सेवाओं को समाप्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से वर्तमान शिक्षा प्रणाली में क्रान्तिकारी बदलाव ला रही है और शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से सरकारी स्कूलों का विलय किया जा रहा है। 
    श्री सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिष्द और जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थानों का पुनर्गठन किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्रदेश के विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर 21वें स्थान पर फिसल गया है और वर्तमान प्रदेश सरकार सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षकों का ज्ञानवर्धन करने और उन्हें विश्वस्तरीय शिक्षण पद्धतियों की जानकारी प्रदान करने के लिए विदेशों में शिक्षण भ्रमण करवाया ताकि प्रदेश के विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें। प्रदेश सरकार शिक्षा, खेल और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मेधावी विद्यार्थियांे के लिए भी इस तरह के भ्रमण कार्यक्रम आयोजित करवाएगी ताकि विद्यार्थियों की प्रतिभा में और निखार आ सके। 
    उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार शैक्षणिक संस्थानों में खेल अधोसंरचना उन्नयन करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के विद्यार्थी अण्डर 14 टूर्नामेंट्स में भाग ले सकते हैं और इन टूर्नामेंट में 6 से 11 आयु वर्ग के विद्यार्थियों के लिए अलग खेल प्रतियोगिताओं आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल गतिविधियों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने खिलाड़ियों की डाइट मनी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। इसके अन्तर्गत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी को 240 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये किया गया है। जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 300 रुपये तथा खण्ड स्तरीय प्रतियोगिताओं में 240 रुपये दिए जाते हैं। प्रदेश के बाहर प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की डाइट मनी को बढ़ाकर 500 रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त खिलाड़ियों को सुविधा प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के बाहर आयोजित होने वाले आयोजनों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की यात्रा सुविधा में भी वृद्धि की गई है। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में खेल गतिविधियों में बढ़ावा दे कर नशे की प्रवृत्ति से दूर रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि खेल जीवन का अभिन्न अंग है जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखती हैं। प्रदेश सरकार ने सभी स्कूलों को शारीरिक व्यायाम के लिए हर दिन कम से कम 15 मिनट समर्पित करने के निर्देश दिए है। 
    शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिक्षा सचिव राकेश कवंर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। 
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  • समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने के लिए हिमाचल को मिला पुरस्कार
    गुजरात के गांधीनगर में केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने किया सम्मानित
     
     
    जल विद्युत क्षमता में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के लिए हिमाचल प्रदेश को वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में समग्र जल विद्युत क्षमता में सर्वोच्च उपलब्धि हासिल करने वाले राज्य से सम्मानित किया गया। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज गुजरात के गांधीनगर में आयोजित वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं एक्सपो में हिमाचल प्रदेश को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। राज्य सरकार की ओर से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक नीरज नैयर ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस उपलब्धि पर बधाई देते कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए कारगर कदम उठा रही है और इसके लिए सरकार ने अब तक कई पहल भी की हैं।
    उन्होंने कहा कि जल विद्युत और नवीनीकरण ऊर्जा का दोहन करने के लिए सरकार विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड छह माह के भीतर पेखूबेला स्थित 32 मेगावाट के सोलर प्लांट का संचालन शुरू कर दिया गया है। वहीं, दो सौर ऊर्जा परियोजनाओं, 10 मेगावाट की कुटलैहड़ और पांच मेगावट की भांजल परियोजना को भी जल्द जनता को समर्पित किया जाएगा।
    उन्होंने कहा इन परियोजनाओं के शुुरू होने से जहां कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, वहीं जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता भी कम होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है। सरकारी विभागों में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से बाहर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार हरित उद्योगों को बढ़ावा दे रही है।
    उन्होंने सरकार पर भरोसा जताने के लिए प्रदेश की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि लोगों के दृढ़ सहयोग के कारण राज्य सरकार सफलतापूर्वक विभिन्न नीतियां एवं कार्यक्रम क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणामस्वरूप आगामी कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य के रूप में विकसित होगा।
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  • राज्यपाल ने आईटी कंपनी के स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की


    युवाओं से नौकरी चाहने के बजाय नौकरी देने वाले उद्यमी बनने का आह्वान
     
    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने युवाओं विशेषकर युवा उद्यमियों में सत्यनिष्ठा, अनुशासन, सेवा भावना और ईमानदारी के मूल्यों को विकसित करने पर बल दिया। वह आज नई दिल्ली में वीएसईआरवी इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के आठवें स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि  संबोधन कर रहे थे।
    राज्यपाल ने कहा कि युवा उद्यमियों को उपभोक्ताओं के बीच अपने ब्रांड की विश्वसनीयता बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, तभी वे सफलता के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने व्यक्तिगत तरक्की और राष्ट्र के विकास के लिए जी तोड़ मेहनत करने पर बल दिया।
    उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वालों की भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने युवाओं से समाज की सेवा करने का भी आह्वान किया। उन्होंने आईटी क्षेत्र में कंपनी को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए मुख्य परिचालन अधिकारी रमन शुक्ल को बधाई दी।
    उन्होंने इस अवसर पर कंपनी की वार्षिक पत्रिका वीएसईआरवीपीडिया (VSERVPEDIA) का विमोचन भी किया। इस मौके पर कंपनी के कर्मचारी उपस्थित थे।
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  • राज्यपाल ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन की पुस्तक का विमोचन किया


    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज नई दिल्ली में दिव्य प्रेम सेवा मिशन की पुस्तक ‘महाकुंभ  - भारतीय संस्कृति की अजस्त्र चेतना’ का विमोचन किया। यह पुस्तक प्रयागराज में आयोजित कुंभ के दौरान दिए गए प्रवचनों का संग्रह है। पुस्तक का संपादन हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन के समन्वयक संजय चतुर्वेदी ने किया है और प्रभात प्रकाशन द्वारा इसे प्रकाशित किया गया है। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि भारत संतों की भूमि है और कुंभ हमारी समृद्ध संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।
    उन्होंने कहा कि कुंभ में न केवल आध्यात्मिक गुरुओं की मौजूदगी होती है, बल्कि इसमें विद्वानों और संतों का समागम भी होता है। यह सभी आध्यात्मिकता, धर्म, योग, आयुर्वेद, वैदिक ज्योतिष, गणित और संबंधित विषयों पर सार्थक चर्चा और शास्त्रार्थ करते हैं। उन्होंने कहा कि यह चर्चाएं और शास्त्रार्थ न केवल हमारे वैदिक ज्ञान को संरक्षित करने में सहायक होते हैं, बल्कि दुनिया भर के विद्वानों का ध्यान भी आकर्षित करते हैं।
    उन्होंने सभी से पवित्र कुंभ में जाने का आह्वान किया जिससे न केवल मनुष्य के भीतर का विवेक जागृत होता है बल्कि जीवन जीने के लिए एक नई दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म से जुड़ी सभी तरह की विचारधाराओं के विद्वान इस पवित्र आयोजन में शामिल होते हैं जोकि हमारी विविधता में एकता का अद्भुत प्रतीक है।
    वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक राम बहादुर राय ने कार्यक्रम के दौरान  कुंभ  के संदर्भ में अपने विचार रखे और सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भावी पीढ़ियों के लिए इसके संरक्षण पर बल दिया।
    दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने मिशन की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और पुस्तक की विषयवस्तु और इसके उद्देश्यों के बारे में बताया। मिशन के सदस्य व विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े गणमान्य लोग इस मौके पर उपस्थित थे।
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  • अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा कर्टेन रेजर समारोह नई दिल्ली में आयोजित


    अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में पहली बार होगा सम्मिश्रण सांस्कृतिक कार्यक्रम

     प्रदेश के रंगारंग लोक नृत्यों के साथ-साथ विभिन्न देशों की संस्कृति की दिखेगी झलक

    मुख्य संसदीय सचिव एवं जिला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा आयोजन समिति के अध्यक्ष सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि इस बार 13 से 19 अक्तूबर, 2024 तक अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशों की इसमें सहभागिता हो। इस बार एक विशेष सम्मिश्रण सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारतीय और विदेशी संस्कृति का मिश्रण प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर वर्ष की भांति अंतरराष्ट्रीय नृत्य महोत्सव इस आयोजन का मुख्य आकर्षण है, जिसमें हिमाचल प्रदेश के रंगारंग लोक नृत्यों के साथ-साथ विभिन्न देशों की संस्कृति को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
    यह बात श्री ठाकुर ने शुक्रवार सायं नई दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में आयोजित ‘30 डेज टू गो’ उद्घाटन समारोह (Curtain Raiser Ceremony) को संबोधित करते हुए कही। मुख्य संसदीय सचिव ने 17वीं शताब्दी से चली आ रही कुुल्लू दशहरा की ऐतिहासिक परंपरा की झलक दिखाई। उन्होंने कहा कि कुल्लू में लगभग 365 स्थानीय देवी-देवता निवास करते हैं इसलिए इस भूमि को देवभूमि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के आयोजन के लिए अब तक 332 स्थानीय देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा जा चुका है।
    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं इसलिए न केवल कार्यक्रमों की गुणवत्ता में सुधार करने के प्रयास किए जा रहे हैं, बल्कि इसके विस्तार पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सात दिवसीय यह कार्यक्रम बीते वर्षों की परंपरा के अनुसार मनाया जाएगा, हालांकि वाणिज्यिक व्यापार मेले दीवाली के त्योहार तक जारी रहेंगे। इसमें ऑटो मेला, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और विभिन्न अन्य संगठनों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी और स्टॅाल शामिल हैं।
    मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कुल्लू दशहरा के बारे में लोगों को व्यापक स्तर पर जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता  है जहां वे हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र आदि उत्कृष्ट वस्तुएं भी खरीद सकते हैं।
    श्री ठाकुर ने देशभर के लोगों का कुल्लू में इस भव्य आयोजन को देखने के लिए आने का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि रथ यात्रा, सांस्कृतिक परेड, कुल्लू कार्निवाल, ललहरी, खेल गतिविधियां, कला केंद्र प्रदर्शन और व्यापार मेला सात दिवसीय इस आयोजन के मुख्य आकर्षण होंगेे। इस अवसर पर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा विवरणिका का विमोचन भी किया।
    प्रधान आवासीय आयुक्त एस. के. सिंगला ने आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
    इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक नीरज चड्डा ,उपायुक्त कुल्लू के सहायक आयुक्त शशि पाल नेगी भी उपस्थित थे।
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