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  • स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में केडर सेपरेशन की अधिसूचना
  • मुख्यमंत्री ने मनिकरण में भू-स्खलन की घटना में छह लोगों की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया
  • मुख्यमंत्री ने अनाथ बच्चों से किया एक और वादा पूरा
  • नशा तस्करी के खिलाफ प्रदेश सरकार की निर्णायक कार्रवाई
  • राज्यपाल ने पौधरोपण कर मनाया जन्मदिवस
  • विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ रही हिमाचल सरकार
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  • कानून की पढ़ाई से जागृत होती है आत्मविश्वास की भावनाः मुख्यमंत्री
    कानून उनके लिए है, जिन्हें इसकी नितांत आवश्यकता हैः न्यायमूर्ति सूर्यकांत
    एचपीएनएलयू शिमला में दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित
     
    हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचपीएनएलयू), शिमला ने आज हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी, शिमला में अपना दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें कड़ी मेहनत, समर्पण और दृढ़ इच्छाशक्ति से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
    समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अपने जीवन से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की, लेकिन कभी वकालत नहीं की। उन्होंने कहा कि राजनीति और समाज सेवा में उनकी विशेष रुचि थी और राज्य के लोगों के सहयोग और आशीर्वाद से उन्हें प्रदेश की सेवा करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि जीवन की चुनौतियां डिग्री प्राप्त करने के बाद शुरू होती हैं और अनुभव से ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि कानून की पढ़ाई से लोगों में आत्मविश्वास की भावना पैदा होती है, चाहे वह व्यवसाय के लिए किसी भी क्षेत्र का चुनाव करें। 
    ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षों से व्यवस्थागत विषयों के समाधान के साथ-साथ वित्तीय स्थिति में आशातीत सुधार लाकर व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय से महत्वपूर्ण बदलाव लाए है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए कानूनी सुधारों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए कानून बनाकर लगभग 6000 बच्चों का भविष्य सुनिश्चित किया है। हिमाचल प्रदेश यह कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बना है। प्रदेश में बेटियों को संपत्ति में समान अधिकार देने का प्रावधान किया गया है और लड़कियों की विवाह की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष की गई है। 
    उन्होंने कहा कि हाल ही में बजट सत्र के दौरान, राज्य विधानसभा ने हिमाचल प्रदेश नशा निवारण अधिनियम और संगठित अपराध अधिनियम पारित किया, जिससे नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला है। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की गई है, जिससे ड्रग सप्लाई चेन को ध्वस्त करने में मदद मिली है। नशे की लत से जूझ रहे युवाओं के पुनर्वास और उनकी मदद के लिए सिरमौर ज़िला के कोटला बड़ोग में एक अत्याधुनिक पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हुई प्रगति पर भी प्रकाश डाला और कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। 
    इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकान्त ने छात्रों को अपने ध्येय को प्राप्त करने के दृष्टिगत दृढ़ता से आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और बुद्धिमत्ता अति आवश्यक होती है। उन्होंने कानून के छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करते हुए कहा कि उनमें आत्म-संदेह, सत्यनिष्ठा और निरंतर विकास जैसे गुणों का होना आवश्यक है। छात्रों को हर चुनौती का सामना धैर्य और संयम से करना चाहिए। उन्होंने कहा कानून केवल उन लोगों के लिए नहीं है जो इसे वहन कर सकते हैं, बल्कि उन लोगों के लिए है जिन्हें इसकी नितांत आवश्यकता होती है।
    समारोह के दौरान, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शकधर को कानून के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें डॉक्टर ऑफ लॉज़ की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर 451 छात्रों को भी उपाधियां प्रदान की गई, जिनमें बीए, एलएलबी पाठ्यक्रम के 114, बीबीए एलएलबी पाठ्यक्रम के 111 और एलएलएम के 211 छात्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 15 छात्रों को पी.एच.डी. की डिग्री प्रदान की गई।
    इस अवसर पर उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए छात्रों को सम्मानित भी किया गया। स्नातकोत्तर उपाधि के 2021 के ओवरऑल टॉपर सूर्य देव सिंह भंडारी, 2022 के लिए टिसी एनी थॉमस और 2023 के लिए निवेदिता शर्मा को संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक से नवाजा गया। 2018 बैच की शीनम ठाकुर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले, जिनमें के.के. लूथरा मेमोरियल गोल्ड मेडल (क्रिमिनल लॉ), श्री तरसेम कुमार स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ महिला टॉपर), श्री श्याम सुंदर गोयल मेमोरियल गोल्ड मेडल (स्नातक टॉपर), संस्थापक कुलाधिपति स्वर्ण पदक (हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के रूप में), संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक (सर्वश्रेष्ठ ओवरऑल टॉपर) और संस्थापक कुलाधिपति फैलोशिप पुरस्कार (हिमाचल प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विधि छात्र के रूप में) जैसे पुरस्कार शामिल हैं।
    इसके अलावा, अदिति शर्मा को 2018 के लिए न्यायमूर्ति धर्मपाल सूद स्वर्ण पदक (संवैधानिक कानून में उत्कृष्ट प्रदर्शन) प्रदान किया गया। लिपि आर्यन को 2019 के लिए के.के. लूथरा मेमोरियल गोल्ड मेडल (आपराधिक कानून) से सम्मानित किया गया। अंकिता शर्मा को 2019 के लिए श्री तरसेम कुमार स्वर्ण पदक, श्री श्याम सुंदर गोयल मेमोरियल स्वर्ण पदक और संस्थापक कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। हिया शर्मा को 2019 के लिए संस्थापक कुलाधिपति स्वर्ण पदक और संस्थापक कुलाधिपति फैलोशिप पुरस्कार से नवाजा गया, जबकि संचित शर्मा को 2019 के लिए न्यायमूर्ति धर्मपाल सूद स्वर्ण पदक (संवैधानिक कानून में उत्कृष्ट प्रदर्शन) से सम्मानित किया गया।
    समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति आर. महादेवन, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. प्रीति सक्सेना और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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  • 20 अप्रैल तक नशे के नेटवर्क पर विस्तृत डोजियर तैयार करें पुलिस अधीक्षकः मुख्यमंत्री
    मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को जन शिकायतों के समाधान को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए
     
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी जिला प्रशासन को 20 अप्रैल तक पंचायत स्तर पर ‘चिट्टा’ के सप्लायर व उसके आदी सहित ड्रग नेटवर्क की मैपिंग पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष 15 मार्च तक मैपिंग पूरी करने के निर्देश के बावजूद अभी तक किसी भी जिले ने लक्ष्य हासिल नहीं किया है।
    एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को पंचायत स्तर तक नशे के तस्करों और उपभोक्ताओं पर पूरी गंभीरता के साथ विस्तृत डोजियर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वह 20 अप्रैल को फिर से प्रगति की समीक्षा करेंगे और गलत रिपोर्ट देने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह पंचायत स्तर पर औचक निरीक्षण भी करेंगे।
    नशे के दुरुपयोग को खत्म करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए, श्री। सुक्खू ने सभी पुलिस अधीक्षकों को नशे के नेटवर्क को खत्म करने के लिए प्रयास तेज करने के निर्देश दिए तथा नशे से संबंधित गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने तथा निरंतर निगरानी रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि नशा माफिया द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को ध्वस्त किया जाएगा तथा कार्रवाई के लिए 259 संपत्तियों की पहचान की गई है। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम तथा हिमाचल प्रदेश नशा निरोधक अधिनियम पारित किया है, जिसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करने पर विचार कर रही है तथा इसके लिए डीसी को खाली पड़े सरकारी भवनों की पहचान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने जन शिकायतों के समाधान को प्राथमिकता देने तथा मामलों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देरी करने की प्रथा को रोका जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने खंड स्तर पर अधिकारियों को सरकारी स्कूलों को गोद लेने तथा नियमित मासिक दौरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों में नशे के दुष्परिणामों तथा अन्य सामाजिक बुराइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा जिम्मेदार नागरिकों को आकार देने में मदद करने के लिए राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने के लिए कहा। इसके अलावा, उन्होंने सभी डीसी को ब्लाक स्तर पर सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा करने और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। श्री सुक्खू ने ‘विधवा और एकल नारी आवास योजना’ और ‘महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना’ की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी डीसी को पात्र लाभार्थियों की पहचान में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि उन्हें जल्द से जल्द लाभ मिल सके। बैठक में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, सचिव आशीष सिंहमार और राजेश शर्मा मौजूद थे, जबकि डीजीपी डॉ. अतुल वर्मा सहित सभी डीसी और एसपी वर्चुअली बैठक में शामिल हुए।.0.
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  • हिमाचल और तेलंगाना के मध्य सेली और मियार जल विद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित
    नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अंतरराज्यीय सहयोग के नये युग की शुरूआतः मुख्यमंत्री
     
    हिमाचल प्रदेश ने आज यहां तेलंगाना सरकार के साथ जिला लाहौल-स्पीति में स्थापित होने वाली 400 मेगावाट सेली और 120 मेगावाट क्षमता की मियार जल विद्युत परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किये। यह पहली बार है कि प्रदेश के इतिहास में इस तरह की साझेदारी की पहल की गई है। यह कदम प्रदेश की अपार जल विद्युत क्षमताओं के दोहन में मील पत्थर साबित होगा।
    इन समझौता ज्ञापनों पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू तथा तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री भाटी विक्रामारका मालु की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से सचिव ऊर्जा राकेश कंवर तथा तेलंगाना सरकार की ओर से प्रधान सचिव ऊर्जा संदीप कुमार सुल्तानिया ने हस्ताक्षर किए। 
    यह दोनों परियोजनाएं चिनाब नदी पर 6200 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार की जाएंगी और इनसे रोजगार के लगभग 5000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। समझौता ज्ञापन के अनुसार, तेलंगाना सरकार ने अग्रिम प्रीमियम राशि के रूप में 26 करोड़ रुपये का भुगतान किया है तथा इन परियोजनाओं के आरंभ होने के उपरांत हिमाचल प्रदेश को कुल विद्युत उत्पादन में से शुरूआती 12 वर्षों तक 12 प्रतिशत, अगले 18 वर्षों तक 18 प्रतिशत और आखिरी 10 वर्षों तक 30 प्रतिशत मुफ्त बिजली दी जाएगी। 40 वर्षों की अवधि पूर्ण होने के उपरांत तेलंगाना सरकार इन दोनों परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश को सौंपेगी। तेलंगाना सरकार इन दोनों परियोजनाओं की लागत का 1.5 प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र विकास निधि तथा लागत का एक प्रतिशत इस क्षेत्र को निःशुल्क विद्युत प्रदान करने पर व्यय करेगी। इन परियोजनाओं से प्रभावित परिवारों को 10 वर्षों तक 100 यूनिट प्रतिमाह के समान वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएंगे। 
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री भाटी विक्रामारका मालु का स्वागत करते हुए कहा कि दोनों राज्यों के मध्य यह साझेदारी नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अंतरराज्यीय सहयोग के नये युग की शुरूआत है। मुख्यमंत्री ने तेलंगाना सरकार को पावर बैंकिंग और ट्रेडिंग के क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाएं तलाशने को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल के लोगों को जल विद्युत परियोजनाओं से अधिक से अधिक लाभान्वित करने के साथ ही राज्य के संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना सरकार को दोनों परियोजनाएं स्थापित करने में राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी, ताकि इनका निर्माण तय समय-सीमा के भीतर सुनिश्चित किया जा सके। यह समझौते दोनों सरकारों के लिए लाभप्रद होंगे। 
    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों की लूट को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी। जल संसाधन राज्य की अमूल्य संपत्ति है और प्रदेश सरकार विद्युत क्षेत्र में बड़े सुधार कर रही है, ताकि हिमाचल प्रदेश एक आत्मनिर्भर राज्य बन सके। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में 11,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन किया जा चुका है लेकिन इसका अधिकांश लाभ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार इस स्थिति को बदलने के लिए दृढ़ संकल्पित है और राज्य के जल संसाधनों का उपयोग प्रदेशवासियों की आर्थिक समृद्धि के लिए सुनिश्चित करेगी।
    तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री श्री मालु ने कहा कि तेलंगाना सरकार दोनों राज्यों की बढ़ती ऊर्जा मांग और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन ‘तेलंगाना क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी नीति 2025’ के अन्तर्गत राज्य के ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने और पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 
    भाटी विक्रामारका मालु ने कहा कि राज्य सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयासरत है और यह समझौता ऊर्जा क्षेत्र में अन्तरराज्यीय सहयोग के महत्व को दर्शाता है।
     स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, मुख्य प्रबन्ध निदेशक टी.जी.एस.पी.डी.सी.एल. मुशर्रफ फारूकी, निदेशक ऊर्जा राकेश प्रजापति, विशेष सचिव (विद्युत) अरिन्दम चौधरी तथा दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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  • उप-मुख्य सचेतक ने मुख्यमंत्री को प्राकृतिक खेती के उत्पाद भेंट किए

    उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने आज यहां मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू को प्राकृतिक खेती से पैदा गए उत्पाद भेंट किये।
    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य में अनेक योजनाएं आरम्भ की हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से पैदा किए गए उत्पादों को उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है ताकि किसान इस खेती को अपनाने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रूपये प्रति किलोग्राम तथा गेहूं को 60 रूपये प्रति किलोग्राम किया है।
    डिप्टी चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रदेश के किसान प्राकृतिक खेती को मिशन के रूप में अपना रहे हैं तथा उन्होंने इस खेती से पैदा किए गए उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
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  • मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता की धर्मपत्नी के निधन पर शोक व्यक्त किया
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज सोलन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेन्द्र सेठी के आवास पहुंचकर उनकी धर्मपत्नी के निधन पर संवेदनाएं प्रकट की और दिवंगत आत्मा को श्रद्धाजंलि अर्पित की।
    सुरेन्द्र सेठी की धर्मपत्नी 68 वर्षीय रेणु सेठी का 21 मार्च, 2025 को लम्बी बीमारी के उपरांत निधन हो गया था।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि रेणु सेठी जीवनपर्यन्त समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण के प्रति समर्पित रही और उन्होंने सभी को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
    इसके पश्चात, उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोलन में निर्माणाधीन बहुउद्देशीय अस्पताल के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह निर्माणाधीन बहुउद्देश्य अस्पताल सोलन जिला के साथ-साथ सिरमौर और शिमला जिला के निवासियों एवं पर्यटकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सभी जिला मुख्यालयों सहित अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ कर रही है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि लोगों को समय पर गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो।  
    इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी, नगर निगम सोलन की महापौर ऊषा शर्मा, जोगिंद्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, प्रदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम निदेशक मण्डल के सदस्य जतिन साहनी, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता दयाल प्यारी, कांग्रेस नेता रमेश ठाकुर, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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  • लोगों ने उत्साह के साथ मुख्यमंत्री का जन्मदिन मनाया
    मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज अपने आधिकारिक निवास ओक ओवर में मंत्रिमंडल के सदस्यों, विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं, विभिन्न बोर्डों एवं निगमों के अध्यक्षों, वरिष्ठ अधिकारियों और बड़ी संख्या में आए लोगों के साथ अपना 62वां जन्मदिन मनाया। 
    ढोल और नगाड़ों की स्वर लहरियों के साथ पारम्परिक परिधानों में सजे उत्साहित लोगों ने ओक ओवर पहुंचकर मुख्यमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री के उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घ आयु के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रार्थना की और केक काटा।
    राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दूरभाष के माध्यम से मुख्यमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।
    मुख्यमंत्री के जन्मदिवस के अवसर पर रिज पर राज्य युवा कांग्रेस द्वारा रक्तदान शिविर लगाया गया।
     इससे पहले, मुख्यमंत्री ने मॉल रोड हिमाचल प्रदेश सचिवालय  से जागरूकता वॉकथॉन का शुभारंभ किया, मालरोड़ होते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय में इसका समापन हुआ। मुख्यमंत्री के जन्मदिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं खेल नियंत्रण बोर्ड ने यह आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने हलवा भी वितरित किया। मुख्यमंत्री इस वॉकथॉन में भाग लेते हुए ओक ओवर तक पहुंचे।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वॉकथॉन का मुख्य उद्देश्य लोगों में सड़क सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और समाज में व्याप्त अन्य बुराईयों के प्रति जागरूक करना है। 
    कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष विनय कुमार, विधायकगण संजय रत्न, संजय अवस्थी, सुरेश कुमार, अजय सोलंकी, आशीष बुटेल, अनुराधा राणा, कैप्टन रणजीत सिंह और विवेक शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं खेल नियंत्रण बोर्ड के उपाध्यक्ष कुलविंद्र सिंह महा सचिव अनूप कुमार सकलानी, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव कुमार, महा सचिव कमल कृष्ण शर्मा और संघ के अन्य पदाधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। 
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