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21th December 2014

गरीब परिवारों के लिए वरदान सिद्ध हो रही अन्तोदय अन्न योजना

हिमाचल प्रदेश में 4794 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली को प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 17,41,789 राशनकार्डों पर प्रत्येक व्यक्ति को सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। गरीबी रेखा से ऊपर एपीएल परिवारों को सस्ता राशन उपलब्ध करवाने पर प्रदेश सरकार सालाना औसतन 220 करोड़ रूपये का अनुदान प्रदान कर रही है। विशेष श्रेणी में गरीबी रेखा से नीचे 3,01,131 परिवार व अन्तोदय अन्न योजना के अन्तर्गत 1,95,381 गरीब परिवार इस योजना से लाभान्वित हो रहे हंै। प्रदेश सरकार लोगों को सस्ता अन्न प्रदान करने पर प्रति माह रूपये का अनुदान दे रही है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में राजीव गान्धी अन्न योजना को पहली अगस्त, 2013 से लागू किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 7 अप्रैल 2013 को ग्राम सभा की बैठकों में अद्यतन की गई सूची के आधार पर अन्तोदय अन्न योजना के सभी लाभार्थी स्वतः ही कवर माने गए। इसके अलावा, सभी परिवार जो गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे हैं और अतिरिक्त परिवार जो बीपीएल की दरों पर अन्तोदय अन्नूपर्णा योजना में लाभान्वित किये जा रहे है। वह सभी परिवार जो सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हों जैसे बृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांगता पेंशन तथा कुष्ठ रोगी पेंशन को भी सम्मिलित माना गया। अन्नापूर्णा योजना के लाभार्थी, वे तिब्बतियन जिन्हें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत समुचित जांच के उपरान्त परमिट जारी किये गए हैं। ऐसा परिवार जिसका कोई सदस्य सरकारी सेवा अथवा निगम, बोर्ड, बैंक में नियमित अथवा अनुबन्ध पर सेवारत हो, स्वतः ही अन्तोदय अन्नूपर्णा योजना की लाभार्थी सूची से बाहर हो जाएगा। इसके अलावा आयकर अदा करने वाला परिवार, पेंशनर, पंजीकृत ठेकेदार भी इस येाजना के लाभार्थी नहीं माने जाएंगे। अन्तोदय अन्न योजना जो पहली मार्च 2001 से लागू की गई है, में हिमाचल प्रदेश को 1,97,100 गरीब परिवारों के चयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत अन्तोदय परिवारों को प्रति माह 35 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिसमें 2 रूपये की दर से 20 किलोग्राम गन्दम तथा तीन रूपये प्रति किलो की दर से 15 किलोग्राम चावल उपलब्ध करवाया जा रहा है। प्रदेश में अन्तोदय परिवारों के सदस्यों की संख्या 9,50,696 हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत अन्तोदय परिवारों, बीपीएल परिवारों व अन्य प्राथमिक गृहस्थियों को शामिल किया गया है, जिसके तहत केन्द्र से प्रदेश को अक्तूबर 2013 से लेकर 9,101 मीट्रिक टन गन्दम तथा 6,395 मीट्रिक टन चाल आबंटित किए जा रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 के दौरान से अभी तक 17 करोड़ रूपये का आंबटन किया गया है। प्रदेश में अन्नापूर्णा योजना प्रथम अप्रैल, 2000 से लागू की गई। इस योजना के अन्तर्गत 65 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग के ऐसे असहाय वृद्ध नागरिक, जो राष्ट्रीय वृद्धावस्था पैंशन पाने के हकदार हैं, परन्तु जिन्हें यह पैंशन नहीं मिल रही है, को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रति माह 10 किलोग्राम चावल निःशुल्क मुहैया करवाऐ जा रहे हैं। इस योजना के अन्तर्गत खाद्य मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा आबंटित खाद्यान्न (चावल) खाद्य एंव आपूर्ति विभाग द्वारा पात्र लाभार्थियों को उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना के अन्तर्गत आबंटित खाद्यान्न 565 रूपये प्रति क्ंिवटल की दर से खरीदे जा रहे हैं तथा भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से उचित मूल्य की दुकान तक का भाड़ा व अन्य खर्चें भी प्रदेश सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने इस योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश के लिये 6,373 लाभार्थियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में इस योजना के अन्तर्गत 2,063 लाभार्थी लाभान्वित हो रहे हैं क्योंकि प्रदेश में अधिकतर वृद्धों को वृद्धावस्था पेंशन प्रदान की जा रही है। अन्नापूर्णा योजना के अन्तर्गत प्रदेश में वर्ष 2012-13 से सितम्बर 2014 तक 9.82 लाख रूपये के खाद्यान्न, पात्र लोगों को वितरित किये गए हैं।

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