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6th November 2016

राज्य में सतत् शहरी विकास सुनिश्चित बनाने में हिमुडा का अहम् योगदान

नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने, सामाजिक समावेशन सुनिश्चित बनाने तथा आर्थिक एवं पर्यावरण प्रभावों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार भविष्यवादी योजनाओं के साथ स्मार्ट एकीकृत शहरों के विकास के साथ-साथ मौजूदा मध्यम आकार के उपनगरों के आधुनिकीकरण एवं जीर्णोंद्वार को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। 
शहरी क्षेत्रों के तेजी से होते विस्तार के कारण आवासों की मांग निरन्तर बढ़ रही है, और इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार राज्य में आवासीय कालोनियों की व्यवस्थित योजना एवं विकास सुनिश्चित बना रही है। सरकार न केवल लोगों की आवासीय आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है, लेकिन सतत् शहरी विकास को भी सुनिश्चित बना रही है।
हिमाचल प्रदेश एक पर्वतीय भौगोलिक परिक्षेत्र है, जहां मकानों के निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता एक प्रमुख समस्या है। मौजूदा शहरों के केन्द्रीय क्षेत्रों में भूमि शेष नहीं बची है तथा अतिरिक्त जनसंख्या के लिए आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए मौजूदा अधोसंरचना पर्याप्त नहीं है, जबकि आवश्यक बुनियादी सुविधाओं सहित आवासों की मांग निरन्तर बढ़ रही है। शहरों में आबादी का प्रवासन निरंतर बढ़ रहा है और ऐसा कतई नहीं लगता कि यह प्रवासन कम होगा। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने गुणात्मक एवं परिमाणात्मक ‘एकीकृत उपनगर बसाने’ की अवधारणा को अपनाया है। 
ये उपनगर शिमला, सोलन, कसौली, मण्डी, हमीरपुर तथा धर्मशाला शहरों के समीप विकसित किए जा रहे हैं तथा इन परियोजनाओं के विकास में यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि इनसे न केवल राज्य के लोगों, बल्कि बाहरी लोगों एवं गैर प्रवासी भारतीयों की आवश्यकताएं भी पूरी हों। नए उपनगरों की गतिशीलता एवं जुड़ाव मौजूदा शहरों के साथ करने पर बल दिया जा रहा है। 
राज्य सरकार, हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण के माध्यम से आवासीय एवं विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। आवासीय एवं विकास योजनाओं में भूमि विकास योजना, शहर, नगर अथवा ग्राम विकास योजना, औद्योगिक क्षेत्र विकास योजना, पर्यटन योजना तथा अधोसंरचनात्मक योजना शामिल हैं। 
हिमुडा ने अभी तक विभिन्न स्थानों पर 73 आवासीय कालोनियां तथा 17229 आवास/फ्लैट/प्लाटों का निर्माण किया हैं। शिमला, नाहन, धर्मशाला तथा कुल्लू में 146 और फ्लैटों का निर्माण तथा 181 प्लाटों का विकास प्रगति पर है। शील, धर्मपुल, त्रिलोकपुर तथा मोगीनानंद में 301 प्लाटों व 400 फ्लैटों की चार नई आवासीय कालोनियां तथा शिमला में एक व्यावसायिक परिसर का निर्माण प्रगति पर है।
राज्य की राजधानी में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए शिमला के समीप जाठिया देवी में एक एकीकृत उपनगर की स्थापना के लिए निजी मालिकों से 206535 वर्गमीटर भूमि की खरीद की गई है, जबकि 116334 वर्गमीटर सरकारी भूमि पहले ही चिन्हित कर ली गई है। इस नए शहर में लोगों की सुविधा के लिए आधुनिक परिवहन, सामुदायिक केन्द्र, बस अड्डा, मनोरंजन केन्द्र, अस्पतालों, पार्कों, शिक्षण संस्थानों तथा अन्य सम्बद्ध शहरी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना सिंगापुर के विशेषज्ञों की सहायता से क्रियान्वित की जाएगी, जिसके लिए अंतरिम अनुबंध पहले ही हस्ताक्षरित किया जा चुका है।
हिमुडा ने अब आवासीय एवं व्यावसायिक परिसम्पत्तियों के विकास एवं  आवंटन की पुरानी संरचना से हट कर निर्णय लिया है। हिमुडा शॉपिंग मॉल, लग्जरी होटलों, सॉफ्टवेयर प्रौद्यागिकी पार्कों, विश्राम स्थलों तथा मनोरंजन सुविधा जैसे रियल एस्टेट संघटकों सहित गुणात्मक शहरी अधोसंरचना के सृजन पर बल दे रहा है।
कोर रियल एस्टेट परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सार्वजनिक निजी सहभागिता मोड के माध्यम से निवेश लाने तथा तय समय सीमा के भीतर इन परियोजनाओं का निर्माण सुनिश्चित बनाने के लिए महत्वकांक्षी नीति अपना रहा है।
राज्य के शहरी एवं नगर नियोजन विभाग ने निर्माणकर्ताओं अथवा विकासकों की सुविधा के लिए मानदण्डों को सरल बनाया है और हिमाचल प्रदेश ऑनलाइन स्वीकृतियां प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। इसी प्रकार, सभी आवेदनों को एक स्थान पर निपटाने के लिए मोबाइल ऐप भी शुरू की गई है।
 

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