यात्रियों तथा पर्यटकों को सुरक्षित, आरामदेय और आधुनिक यातायात सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल सरकार नई परिवहन नीति-2014 लाई है। नई परिवहन नीति राज्य में सड़कों को आवागमन के मुख्य साधन के तौर पर ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
परिवहन नीति में राज्य में आरामदेय और सुरक्षा के उच्च मानकों की परिवहन सुविधाएं प्रदान करने के प्रयास किये गये हैं। यात्रियों को किफायती दरों पर विलासितापूर्ण यात्रा सुविधा प्रदान करने पर बल दिया गया है साथ ही परिवहन को निजी से सार्वजनिक परिवहन में तबदील करने का प्रयास भी है। इससे उचित कीमतों पर सामान की आवाजाही के लिये गुणवत्तायुक्त बुनियादी ढांचे कोे बढ़ावा मिलेगा, वहीं भारी एवं कीमती सामान को कम समय में पहंुचाने और भीड़भाड़, प्रदूषण तथा दुर्घटनाओं जैसे बाहरी बाधाओं से निजात मिलेगी।
परिवहन नीति में सड़क सुरक्षा पर विशेष बल दिया गया है। परिवहन विभाग का नाम बदलकर सड़क सुरक्षा एवं परिवहन विभाग रखा जाएगा। स्टेज कैरिज बसों के सभी चालकों को परिवहन विभाग के साथ सम्बद्ध किया जायेगा। चालकों को हर वर्ष प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रत्येक वर्ष बेडे़ में 300 नई बसें शामिल की जाएंगी, जिससे पुरानी बसों को क्रमबद्ध तरीके से सड़कों से हटाया जाएगा। सड़क दुघर्टनाओं की जानकारी का डाटा पुलिस की मदद से एकत्र किया जाएगा। स्टेज कैरियर वाहनों में ओवरलोडिंग तथा अन्य प्रकार यातायात के नियमों की अवहेलना पर वाहन को जब्त करने का अधिकार क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण को होगा।
नये रूटों के निर्धारण के लिये 60ः40 के अनुपात की नीति का अनुसरण किया जाएगा और परमिट आबंटित करने में महिलाओं, सहकारी सोसायटियों, बेरोजगार युवाओं तथा पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जायेगी। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में बसों की कमी है तथा ओवरलोडिंग की समस्या है, ऐसे मार्गों को चिन्हित करने की प्रक्रिया आगामी छः माह में पूरी कर ली जायेगी। रूट के निर्धारण के लिये अन्तराष्ट्रीय स्तर के मानकों की नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाएगा और पर्याप्त बसें लगाई जाएंगी।
समयबद्ध बस सेवा उपलब्ध करवाने के लिये सभी सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों की बसों में आधुनिक सूचना प्रोद्यौगिकी तन्त्र जिसमें वाहन ट्रैकिंग के लिये जीपीएस प्रणाली शामिल हैं, को बढ़ावा देने के अलावा यात्रियों को विभाग द्वारा कार्ड जारी करके कैशलैस यात्रा सुविधा प्रदान की जायेगी।
पर्यटकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये उच्च तकनीकी सुविधा और सुरक्षा सुविधाओं से सम्पन्न नवीनतम आरामदेय वाहन शामिल किये जाएंगे। रेडियो-टैक्सी सेवओं को भी स्थानीय अन्वेषण की सुविधा के लिए प्रमुख पर्यटन शहरों में शुरू किया जायेगा। नीति में छात्रों और संकायों के परिवहन के लिये निगम की बसों का अधिग्रहण करने को प्रोत्साहित किया जायेगा। परिवहन विभाग की सभी गतिविधियों को आॅनलाईन किया जाएगा और आपे्रटरों के समय को बचाने के लिये साॅफ्टवेयर के माध्यम से चैबीसों घण्टे करों और शुल्कों के भुगतान की सुविधा होगी।
नीति में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा पर विशेष बल दिया गया है। प्रदेश के मुख्य बस अड्डों पर स्वच्छ शौचालय, प्रतिक्षा कक्ष और बच्चे की देखभाल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। सभी सार्वजनिक व निजी स्थानीय बसों में महिलाओं तथा विशेष व्यक्तियों के लिये 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित रहेंगी और बस ठहरावों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि चैबीसों घन्टे निगरानी रखी जा सके। परिवहन योजना में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित बनाने के लिये राज्य परिवहन प्राधिकरण तथा निगम के निदेशक मण्डल में एक महिला सदस्य की नियुक्ति की जायेगी।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल्य क्षेत्रों, जिनमें बस सेवा की कमी है, पर्याप्त बस सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी तथा इन क्षेत्रों में परिवहन सेवा को सुचारू बनाने के लिये कर में रियायत दी जायेगी।
बस अड्डांे पर यात्रियों के लिये बुकिंग काउन्टर, कार्यालय कक्ष, महिलाओं व पुरूषों के लिये अलग-अलग प्रतिक्षालय, चालकों व परिचालकों को आराम कक्ष, एटीएम और दुकानों की उपलब्धता जैसी मूल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। प्रदेश में निर्मित होने वाले सभी बस अड्डों पर बेसमेन्ट में आउटसोर्सिंग आधार पर सार्वजनिक पार्किंग सुविधा उपलब्ध रहेगी। बस अड्डांे को निजी सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर विकसित किया जायेगा और प्रदेश के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जायेगी।
प्रदेश में सस्ते और पर्यावरण मित्र जल परिवहन को प्रोत्साहन दिया जाएगा और जलमार्ग से माल ढोने की व्यवहारिता का पता लगाने के लिये व्यापक अध्ययन किया जायेगा। गोबिन्दसागर, महाराणा प्रताप सागर और कोल डैम में केबल कार, टॅªाम इत्यादि जैसी वैकल्पिक परिहवन व्यवस्था उपलब्ध करवाई जायेगी और निजी क्षेत्र को निवेश के लिये आमंत्रित किया जायेगा।
प्रदेश सरकार का विश्वास है कि अब यह समय आ चुका है जब हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम एक ब्रैण्ड के तौर पर अपनी छवि को प्रस्तुत कर सकता है, जो आधुनिक, कुशल, विश्वसनीय, सुविधाजनक, आरामदायक और सुरक्षित परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिये सक्षम है।
नई परिवहन नीति को 25 नवम्बर, 2014 को प्रदेश मंत्रिमण्डल ने अन्तिम रूप दिया है। नीति में लोगों को निजी वाहन घर में रखकर नियमित यात्रा के लिये बसों का उपयोग करने के लिये प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा गया है।
जारीकर्ता,
निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग,
हिमाचल प्रदेश, शिमला।