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12th October 2014

आधुनिक सुविधाओं से सामाजिक-आर्थिक उत्थान 225 गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने की कवायद

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2011 में आरम्भ की गई थी। योजना का उद्देश्य 200 या इससे अधिक जनसंख्या वाले ऐसे गांवों जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल हों, को चयनित करके इनका एकीकृत विकास सुनिश्चित बनाकर ‘आदर्श गांवों’ के रूप में विकसित करना है। गांव में सभी वर्गों के लोग आपसी ताल-मेल और समरसता के साथ जीवन यापन करें, इसके लिये मूलभूत आवश्कताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त भौतिक और संस्थागत अधोसंरचना का निर्माण करके गांव को उन्नतिशील और गतिबोधक बनाया जा रहा है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना दो जिलों सिरमौर और सोलन में कार्यान्वित की जा रही है। इन जिलों में कुल 225 गांवों को आदर्श गांवों के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन गांवों की आधारित संरचना के लिये सर्वेक्षण पहले ही वर्ष 2011 में किया जा चुका है। योजना के अन्तर्गत विकास के विभिन्न कार्यों के कार्यान्वयन के लिये सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है, साथ ही योजना के तहत दूसरे लाईन विभागों सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य, लोक निर्माण, वन एवं पर्यावरण, कृषि व बागवानी द्वारा विभागों से सम्बद्व योजनाओं के निष्पादन का कार्य इन गांवों में किया जा रहा है। आदर्श गांव में सम्मानित जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिये सभी आवश्यक सुविधाओं को मुहैया करवाने के साथ ऐसा वातावरण तैयार करना है जहां सभी वाशिंदे अपनी क्षमता का पूरा उपयोग कर सकें। इसके अलावा गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे विशेषकर अनुसूचित जाति के परिवारों को भोजन और जीवन यापन की सुरक्षा प्रदान करना है जिससे महिलाओं और बच्चों में किसी प्रकार के कुपोषण की शिकायत न हो। प्रदेश में योजना के सफल कार्यान्वयन के लिये राज्य और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय संचालन एवं प्रबोधन समिति बनाई गई है जबकि उपायुक्त की अध्यक्ष्ता में जिला सतर्कता एवं निगरानी समिति का गठन किया गया है। ये समितियां समय-समय पर गांवों में किये जा रहे विकास कार्यों का जायजा लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे रही हैं। सिरमौर जिला के पांच विकास खण्डों में 125 गांवों का चयन किया गया हैं। इनमें राजगढ विकास खण्ड में 31 गांव, पच्छाद में 29, नाहन में 20, पांवटा में 20 तथा संगड़ाह में 25 गांव शािमल हैं। इसी तरह सोलन जिला के चार विकास खण्डों में एक सौ गांवों को आदर्श गांव के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इनमें कुनिहार में 24, धर्मपुर में 34, सोलन में 25 तथा कण्डाघाट में 17 गांव को योजना के तहत शामिल किया गया है। चयनित समस्त गांवों की आबादी 200 से अधिक और अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत से अधिक है। योजना के तहत चयनित सभी गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिये प्रति गांव 20 लाख रूपये की औसत से धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि गांव में रहने वाले लोगों को पर्याप्त भौतिक और सामाजिक-आर्थिक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनमें मुख्यतः सम्पर्क सड़कें, शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवाएं, पानी व बिजली की आपूर्ति, सिंचाई सुविधा, स्ट्रीट लाईटें, सभी को आवास, शारीरिक सुरक्षा यार्ड सहित वरिष्ठ नागरिकों और अक्षम व्यक्तियों के लिये सेवाएं शामिल हैं। योजना के अन्तर्गत सिरमौर जिला के 125 गांवों में 1249 विकास व निर्माण कार्यों के लिये कुल 2978 लाख रूपये की धनराशि जारी की गई है जिसमें से 1720 लाख रूपये खर्च करके 325 योजनाओं को पूरा किया किया गया है और 824 योजनाओं के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। इसी तरह सोलन जिला के एक सौ गांवों के लिये 2200 लाख रूपये की धनराशि जारी करके सभी खण्ड विकास अधिकारियों को उपलब्ध करवाई गई है। जिला के चयनित गांवो के लिये कुल 1352 योजनाएं बनाई गई हैं जिनमें से 143 पूरी हो चुकी हैं जबकि 523 पर कार्य प्रगति पर है। जिला में अभी तक 820 लाख रूपये की राशि व्यय की गई है। इसी तजऱ् पर प्रदेश के सभी जिलों के 59 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में ‘मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ को कार्यान्वित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत हर वर्ष प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के दो गांवों का चयन करके उन्हें आदर्श गांवों के रूप में विकसित किया जा रहा हैै। इसके लिये प्रत्येक विस क्षेत्र के चयनित गांव के विकास के लिये 20 लाख रूपये की राशि प्रदान की जा रही है। योजना के आरम्भ से अभी तक 334 गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने के लिये 33.40 करोड़ रूपये की राशि जारी की गई है। जारीकर्ताः निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, हिमाचल प्रदेश शिमला-2

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