हिमाचल प्रदेश ने शिक्षण संस्थानों के सुदृढ़ नेटवर्क के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों के दौरान साक्षरता स्तर, व्यापक एवं समान पहुंच में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य ने प्रारम्भिक शिक्षा में नामांकन दर लगभग 100 प्रतिशत हासिल कर ली है और माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के निर्धारित लक्ष्य को वर्ष 2017 तक हासिल करने की ओर अग्रसर है।
वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य में 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के सभी बच्चों को गुणात्मक प्रारम्भिक शिक्षा प्रदान करने के प्रयास कर रही है। इसके लिये दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में नये प्राथमिक पाठशाला खोले जा रहे हैं और वर्तमान पाठशालाओं को स्त्तरोन्नत किया जा रहा है। प्रदेश सरकार, मानदण्डों के अनुरुप राज्य के सभी प्रारंभिक स्कूलों में अध्यापकों के रिक्त पदों को भरने के लिये कटिबद्ध है जिसके लिये शिक्षा विभाग में अध्यापकों की विभिन्न श्रेणियों के पदों पर हजारों नियुक्तियां की गई हैं।
राज्य सरकार राजकीय पाठशालाओं के विद्यार्थियों को हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में स्कूल तक पहुंचने व वापिस घर तक निःशुल्क परिवहन सुविधा प्रदान कर रही है। राज्य में यह योजना पहली अप्रैल, 2013 से कार्यान्वित की जा रही है।
प्रदेश सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल के दौरान प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों के 1522 पदों पर नई नियुक्तियां की हैं। अनुबंध पर कार्यरत 1497 टीजीटी अध्यापकों की सेवाएं पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर नियमित की हैं। वर्ष 2015-16 में 684 पैरा अध्यापकों (टीजीटी) की सेवाएं भी नियमित की गई हैं। पीटीए पर कार्यरत 919 टीजीटी अध्यापकों की सेवाओं को अनुबन्ध पर परिवर्तित किया है जबकि 356 जेबीटी और 59 सी एण्ड वी अध्यापकों को पदोन्नत किया गया है।
इसी अवधि के दौरान सी. एण्ड वी. अध्यापकों के 847 पदों को नई नियुक्तियांे अथवा बैच आधार पर भरा गया है। वर्ष 2015-16 के दौरान इस श्रेणी के 695 पैरा अध्यापकों की सेवाएं नियमित की गई हैं। पीटीए/जीआईए पर कार्यरत सी. एण्ड वी. श्रेणी के 2307 अध्यापकों की सेवाएं अनुबंध पर की गई हैं। इसी श्रेणी के 97 अनुबन्ध अध्यापकों को नियमित करने के साथ-साथ सीधी भर्ती से जेबीटी के 1197 पद भरे गए हैं।
स्नातक अध्यापकों की पीटीए ग्रांट 6950 रुपये से बढ़ाकर 12510 रुपये तथा सी एण्ड वी अध्यापकों की ग्रांट 6750 रुपये से 12150 रुपये मासिक की गई है। प्राथमिक सहायक अध्यापकों का मासिक मानदेय 7500 रुपये से बढ़ाकर 8900 रुपये करने के साथ-साथ प्रारम्भिक शिक्षा में जेबीटी से मुख्याध्यापक पदोन्नत होने पर एक वेतन वृद्धि को मंजूरी प्रदान की गई है।
वर्तमान राज्य सरकार ने सेवा से बर्खास्त किये गए पीटीए अध्यापकों की सेवाओं को पीटीए नीति के अनुरुप बहाल करने का निर्णय लिया था जिसके अनुसार इन अध्यापकों के पदों को भरा हुआ माना गया।
राज्य में पिछले तीन वर्षों के दौरान 210 प्राथमिक पाठशालाओं को माध्यमिक पाठशाला स्तरोन्नत करने के अलावा 121 नये प्राथमिक पाठशाला खोले गए। नये स्तरोन्नत किये गए स्कूलों के लिये विभिन्न श्रेणियों के 830 पदों को सृजित किया गया।
प्रारंभिक स्तर पर विद्यार्थियों के अध्ययन स्तर में सुधार एवं गुणात्मकता लाने के उद्देश्य से बाह्य रुप से पांचवीं तथा आठवीं कक्षाओं का आंकलन एवं मूल्यांकन करने का निर्णय लिया गया है। सभी अंशकालीन कर्मियों की सेवाएं 31 मार्च, 2014 को आठ वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के उपरांत दैनिक भोगी कर्मियों में परिवर्तित की गई।
राज्य की विभिन्न पाठशालाओं में केन्द्रीय/राज्य की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अन्तर्गत अंशकालीन जलवाहकों की नियुक्ति के लिये वांछित आय प्रमाण पत्र के लिये अधिकतम आय की सीमा को 12 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपये किया गया है जिससे और अधिक लोग इन पदों के लिये पात्र होंगे।
अंशकालीन जलवाहक ों का मासिक मानदेय पहली अप्रैल, 2014 में 1300 से बढ़ाकर 1500 रुपये तथा पहली अप्रैल, 2015 में इसे 1700 रुपये किया गया। राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में अंशकालीन जलवाहकों के 829 पदों को भरा गया। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर क्लर्क-कम-डाटा एंट्री आप्रेटर के 164 नियुक्तियां की गई हैं। अनुबन्ध पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितिकरण के लिये कार्यकाल को संशोधित कर छः वर्ष से पांच वर्ष किया गया।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले अध्यापकों को सेवानिवृति के उपरांत सेवा विस्तार प्रदान किया जा रहा है।