हिमाचल प्रदेश में स्थापित हो रही औद्योगिक इकाईयों, संस्थानों तथा प्रतिष्ठानों को तकनीकी एवं उच्च कुशल श्रमशक्ति उपलब्ध करवाने तथा बेरोजगार युवाओं के कौशल उन्ययन एवं उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने मई, 2013 में 500 करोड़ रुपये की कौशल विकास भत्ता योजना आरम्भ की है। इस योजना के अन्तर्गत, कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह तथा शारीरिक तौर पर 50 प्रतिशत से अधिक विकलांगजनों को 1500 रुपये प्रतिमाह भत्ता प्रदान किया जा रहा है। भत्ते को अधिकतम दो वर्षों तक प्रदान करने का प्रावधान है। इस योजना के अन्तर्गत अभी तक 1,10,601 युवाओं को लाभान्वित किया जा चुका है और लाभार्थियों को 74,01,23,354 रुपये का भत्ता प्रदान किया गया है।
युवा हिमाचली युवा जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय दो लाख रुपये से कम हो तथा 16 से 36 वर्ष आयु के कोई भी बेरोजगार युवा इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अभ्यर्थी की शैक्षणिक योग्यता कम से कम आठवीं पास होनी चाहिए, लेकिन मिस्त्री, बढ़ई, लोहार व पलम्बर का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त को समाप्त कर दिया है, ताकि अधिक संख्या में युवाओं को लाभान्वित किया जा सके।
राज्य सरकार ने ऐसे प्रशिक्षण संचालकों, जिनके पास अपर्याप्त अधोसंरचना सुविधा है, पर अंकुश लगाने तथा लाभार्थियों को गुणात्मक प्रशिक्षण सुनिश्चित बनाने के उद्देश्य से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गैर-सूचना प्रौद्योगिकी निजी प्रशिक्षण संस्थानों को सूचीबद्ध करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में संबंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया गया है। वर्तमान में राज्य में 909 प्रशिक्षण संस्थान प्रमाण पत्र/डिप्लोमा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का संचालन कर रहे हैं। इन संस्थानों में से 350 सरकारी संस्थान, 355 सरकारी मान्यता प्राप्त निजी प्रशिक्षण संस्थान तथा 204 प्रशिक्षण संस्थान जिला स्तर समितियों द्वारा सूचीबद्ध हैं।
यह महत्वकांक्षी योजना आई.टी.आई. के सभी पाठ्यक्रमों, पाॅलीटैक्निक, राष्ट्रीय कौशल योग्यता संरचना, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य परिषद, सरकारी संस्थान/होटल प्रबन्धन, राष्ट्रीय परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त होटल प्रबन्धन संस्थानों द्वारा होटल प्रबन्धन में डिप्लोमा/प्रमाण पत्र तथा सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों को कवर करती है। इसके अतिरिक्त, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान किए जाने वाले आई.टी/कम्पयूटर सर्टिफिकेट/डिप्लोमा, सरकार द्वारा प्राधिकृत प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों जैसे एनआईआईटी, एपटैक, एआईएसईसीटी, हिन्दुस्तान कम्पयूटर्स, कम्पयूटर मेंटिनेंस कारर्पोरेशन और जैटकिंग इत्यादि संस्थानों में प्रदान किए जाने वाले प्रशिक्षण भी योजना के अन्तर्गत आते हैं।
इसके अतिरिक्त जिला स्तर की समितियों द्वारा सूचीबद्ध संस्थान फैशन डिजाईनिंग, ब्यूटीशियन, कटाई एवं सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, साॅफट टवाय मेकिंग, मोबाईल मुरम्मत, वनों पर आधारित बांस की टोकरियां, मूर्तिकला व हस्तशिल्प इत्यादि सूक्ष्म उद्यमों, जो युवाओं को स्वरोजगार आरम्भ करने में मदद करते हैं, भी योजना के अन्तर्गत शामिल किए गए हैं।
नर्सिंग क्षेत्र में रोज़गार की संभावनाओं के दृष्टिगत नर्सिंग में डिप्लोमा/सर्टिफिकेट प्रशिक्षण के अतिरिक्त, बीएससी नर्सिंग/सरकारी एवं सरकारी संबद्धता प्रशिक्षण संस्थान से नर्सिंग में कोई भी स्नातक डिग्री को अप्रैल, 2015 से इस योजना में शामिल किया गया है।
कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य में कौशल विकास निगम की स्थापना की गई है। ऊना जिले के हरोली में अनुमानित 18 करोड़ रुपये की लागत से एक कौशल विकास संस्थान की स्थापना की जा रही है। राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे संस्थान खोलने पर विचार कर रही है। इन संस्थानों मेें औद्योगिक इकाईयों की आवश्यकताओं के अनुसार बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और इससे प्रशिक्षणार्थियों की 100 प्रतिशत प्लेसमेंट सुनिश्चित होगी।
युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए सरकार औद्योगिक संगठनों से उन्हें कुशल मानव शक्ति की जरूरतों को पूरा करने के लिए सम्पर्क कर रही है। उद्योगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये योजना के अन्तर्गत नये पाठ्यक्रमों को शामिल करने के लिये आवश्यक पग उठाए जा रहे हैं।
राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के युवाओं के कैरियर कांऊसलिंग सेवाओं पर बल दे रही है। इसके लिए, सरकार एशियन विकास बैंक के सहयोग से 10 जिला स्तरीय रोजगार कार्यालयों को आदर्श कैरियर केन्द्रों में परिवर्तित किया जा रहा है जिसके लिये 31.70 करोड़ रुपये की राशि आबंटित की गई है। हिमाचल रोजगार कार्यालयों का आधुनिकीकरण करने वाला देश का अग्रणी राज्य होगा। ये माॅडल कैरियर केन्द्र राज्य के विद्यालयों, कालेजों तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थानों में कैरियर काउसिलिंग सेवाएं प्रदान करेंगे। कैरियर काउसिलिंग के दौरान कौशल उन्ययन प्रशिक्षण तथा वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में इसके महत्व के बारे में मार्गदर्शन किया जायेगा।
हिमाचल प्रदेश द्वारा शुरू की गई यह महत्वकांक्षी योजना राज्य के बेरोज़गार युवाओं के लिये वरदान साबित होने के साथ-साथ उद्योगों को उनकी मांग के आधार पर कुशल मानवशक्ति भी उपलब्ध करवा रही है