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P-3 June 20125th November 2015

हिमाचल में तम्बाकू नियंत्रण मुहिम के सकारात्मक परिणाम

हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बदौलत राज्य के सभी जिला मुख्यालय धूम्रपान मुक्त घोषित किये गए हैं। हिमाचल के इन प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है और राज्य को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तम्बाकू निषेध अभियान के तहत बेहतर उपलब्धि हासिल करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन- दक्षिण पूर्व एशिया, क्षेत्रीय कार्यालय पुरस्कार- 2012 प्रदान किया गया है।

राज्य सरकार ने तम्बाकू निषेध के लिए जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण कदमों के अलावा कानून द्वारा भी इसके उपयोेग पर रोक लगाई है। राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू निषेध के लिए गठित कार्यक्रम व कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के अनुश्रवण व समन्वय के लिए राज्य/जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया है। प्रदेश सरकार विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है और शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर पांबदी लगाई गई है और इस अभियान को संयुक्त रूप से स्वास्थ्य विभाग,  पुलिस विभाग, शिक्षा विभाग, गैर सरकार संगठनों और पंचायती राज संस्थानों द्वारा चलाया जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय तम्बाकू कार्यक्रम के अन्तर्गत नहीं लिया गया है और न ही केन्द्र सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण के लिए कोई वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू निषेध के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, जिन्हें देश के अन्य राज्यों द्वारा भी अपनाया जा रहा है और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहा गया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शिमला शहर को 2 अक्तूबर, 2010 को धूम्रपान मुक्त शहर घोषित किया गया था क्योंकि शिमला शहर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों पर 90 प्रतिशत खरा उतरा है।

कांगड़ा जिला के ताशीजाॅंग गांवों को देश का पहला तम्बाकूमुक्त गांव घोषित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की नीतियों के प्रभावी नियंत्रण को ‘एमपावर’ से जाना जाता है, जिसका अर्थ है तम्बाकू का नियंत्रण अनुश्रवण, लोगों को संरक्षण, इस आदत से निजात दिलाने में सहायता करना लोगों को तम्बाकू के उपयोग से होने वाले नुकसान बारे चेतावनी देना, कानून को लागू करना और तम्बाकू उत्पादों पर कर को बढ़ाना राज्य सरकार इन सभी कदमों पर प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है।

राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू उपयोग पर नजर रखने के लिए समय-समय पर तम्बाकू नियंत्रण सर्वेंक्षण आयोजित किये जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा गत तीन वर्षों में धूम्रपान मुक्त नियमों को लागू करने पर तीन सर्वेक्षण आयोजित किये गए। तम्बाकू उपयोग के विरूद्ध ग्राम पंचायत व गांव तक विशाल जागरूकता अभियान आरम्भ किए गए हैं। समस्त जिला अस्पतालों में तीन बिस्तरों वाले नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना की गई है। तम्बाकू नियंत्रण के लिए खण्ड स्तर तक भी सुविधाएं उपलब्ध करवाईं जायेंगी।

राज्य में गत तीन वर्षों में सार्वजनिक स्थलों में धूम्रपान करने के लिए 42,591 लोगों को जुर्माना किया गया, जिससे उनसे जुर्माने के रूप में 55 लाख रुपये वसूले गए और 137 मामले न्यायालयों में दायरे किये गये। कानून की अवहेलना पर एकत्रित धनराशि तम्बाकू निषेध गतिविधियों पर खर्च किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा तम्बाकू उत्पादों पर कर को बढ़ाया गया है ताकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के तम्बाकू नियंत्रण नीतियों के तहत इसका उपयोग कम हो सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि शीघ्र ही प्रदेश का दौरा करेंगे। इस दौरान वे हिमाचल प्रदेश की धूम्रपान मुक्त नीतियों के प्रभावों का अध्ययन करेंगे ताकि इसे देश भर में लागू किया जा सके। प्रदेश सरकार के सतत प्रयासों से वह दिन दूर नहीं, जब हिमाचल प्रदेश धूम्रपान निषेध अभियान को लागू करने में पूरी तरह सफल होगा।

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