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13th September 2015

अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्प-संख्यकों का कल्याण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों विशेषकर अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्प संख्यकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान एवं कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार द्वारा इन वर्गों का कल्याण सुनिश्चित बनाने के लिए अनेक योजनाएं कार्यान्वित जा रही हैं। प्रदेश में गद्दी, गुज्जर, गोरखा, लबाणा आदि के लिए कल्याण बोर्ड गठित किए गए हैं ताकि इन वर्गों के विकास के लिए आरम्भ की गई योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन सुनिश्चित बनाया जा सके। वृद्धों, विधवाओं तथा शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को आर्थिक सम्बल प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा योजना प्रभावी रूप से कार्यान्वित की जा रही है, जिसके तहत पात्र लोगों की सामाजिक सुरक्षा पैंशन को गत दो वर्षों के दौरान 450 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये किया गया है। योजना के तहत 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की सामाजिक सुरक्षा पैंशन 800 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये की गई है। इस वर्ष के दौरान सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान करने के लिए 30,643,27 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। वर्तमान में, प्रदेश सरकार 3,39,921 लोगों को सामाजिक सुरक्षा पैंशन प्रदान कर रही है। समाज में छुआछूत की कुप्रथा को दूर करने के उद्देश्य से प्रदेश में अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना आरम्भ की गई है। योजना के अन्तर्गत सामान्य जाति के ऐसे युवक-युवतियां जिन्होंने अनुसूचित जाति के युवक या युवती से विवाह किया हो, को 50 हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में प्रदान की जा रही है। योजना के अन्तर्गत वर्ष 2014-15 में 406 युवक-युवतियांे को लाभान्वित किया गया है। इस वित्त वर्ष के दौरान 390 युवक-युवतियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है तथा 194.75 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 35 हजार रुपये से कम हो और जिनके नाम राजस्व रिकार्ड में मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध हो और जिनके पास मकान न हो, को आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से गृह निर्माण पर 75 हजार रुपये का अनुदान प्रदान किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत ऐसे पात्र व्यक्तियों को भवन की मुरम्मत के लिए 25 हजार रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। गत वित्त वर्ष के दौरान योजना के अन्तर्गत 3128 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। अनुसूचित जाति वर्ग बाहुल ऐसे गांव जहां इन वर्गों की जनसंख्या 40 प्रतिशत या कुल जनसंख्या 200 से अधिक है, के समग्र विकास व मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना आरम्भ की है, जिसके तहत प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दो ऐसे गांवों का चयन किया करके इन गांवों का समग्र विकास किया जा रहा है। योजना के तहत प्रत्येक गांव के विकास के लिए 10 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है। गत वित्त वर्ष के दौरान सरकार द्वारा ऐसे गांवों के विकास के लिए 1165.40 लाख रुपये की धन राशि जारी गई और इस वित्त वर्ष के दौरान योजना के तहत 12 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति के बीपीएल परिवारों से संबंधित अभियार्थियांे या जिनकी वार्षिक आय 60 हजार से कम है, को कम्पयूटर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कम्पयूटर एप्लीकेशन एंव समवर्गी क्रियाकलापों में प्रशिक्षण एवं दक्षता योजना आरम्भ की गई है, जिसके अन्तर्गत ऐसे अभ्यार्थियों को 1200 रुपये प्रतिमाह पशिक्षण शुल्क तथा प्रशिक्षण के दौरान 1000 रुपये प्रतिमाह छात्रवृति प्रदान की जा रही है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर सफल उम्मीदवार को छः माह के लिए सरकारी/गैर सरकारी संस्थानों में कम्पयूटर एप्लीकेशन मे प्रविणता प्राप्त करने के लिए रखा जाता है तथा इस अवधि के दौरान उसे 1500 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृति प्रदान की जाती है। योजना के तहत इस वर्ष 434.00 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति/जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के ऐसे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय 35 हजार से कम है तथा जिन्होंने आईटीआई या किसी अन्य प्रशिक्षण केन्द्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया है, को स्वावलम्बी बनाने के लिए राज्य सरकार उन्हें सिलाई मशीन, औजार एवं उपकरण खरीदने के लिए 1500 रुपये अनुदान के रूप में प्रदान कर रही है। योजना के तहत गत वित्त वर्ष के दौरान 5624 पात्र युवाओं को सिलाई मशीनें व उपकरण खरीदने के लिए 84 लाख रुपये प्रदान किए गए। इस वर्ष इस योजना के तहत 7447 लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।

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