जन कल्याण वर्तमान प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है और इसके दृष्टिगत प्रदेश में नीतियों व नियमों का निर्धारण किया जा रहा है। सरकार ने आम लोगों को अधिक सुविधाएं व सहुलियतें प्रदान करने के उद्देश्य से अनेक ठोस कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के विरूद्ध ‘जीरो टाॅलरेंस’ की नीति अपनाते हुए प्रदेशवासियों को स्वच्छ, पारदर्शी, नागरिक मित्र और प्रभावी प्रशासन उपलब्ध करवा रही है। लोगों को समयबद्ध सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने के लिए प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश जन सेवा गारन्टी अधिनियम के अन्तर्गत आवास, परिवहन, गृह और स्वास्थ्य विभाग इत्यादि सहित अन्य विभागों की 30 और सेवाएं इस अधिनियम के तहत शामिल कर इसे अधिक प्रभावी तरीके से कार्यान्वित कर रही है जिससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।
प्रदेश सरकार में जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित बनाने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश जन सेवा गारन्टी अधिनियम व नियम पारित किया गया है। यह अधिनियम प्रदेशवासियों को निर्धारित समयावधि में अधिसूचित जन सेवाएं उपलब्ध करवाने की गारन्टी भी प्रदान करता है। इस अधिनियम में निर्धारित समयावधि में सेवा न प्रदान करने अथवा देरी पर अधिकारियों पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। इस अधिनियम को और अधिक प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है ताकि लोगों को निर्धारित समयावधि के भीतर अधिसूचित सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।
इस अधिनियम के अन्तर्गत जनता से सीधे सरोकार वाले 15 विभागों की 86 सेवाओं को सम्मिलित किया गया है। अधिनियम के अन्तर्गत निर्धारित समयावधि में सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सम्मिलित किए विभागों में स्वास्थ्य, वन, पंचायती राज, राजस्व, उद्योग, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, कृषि, पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, गृह (अग्निशमन सेवाएं), बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा, शहरी विकास तथा नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग शामिल हैं।
अधिनियम को अधिक प्रभावी बनाने के दृष्टिगत राज्य मुख्य सूचना आयुक्त के समक्ष दूसरी अपील का प्रावधान किया गया है, जबकि अन्य राज्यों में यह शक्तियां संबंधित विभागाध्यक्षों के पास हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य प्रशिक्षण नीति के अन्तर्गत सभी विभागों के लिए प्रशिक्षण एक्शन प्लान तैयार किया है ताकि कर्मचारियों को पूरी तरह दक्ष किया जा सके, जिससे वे लोगों को बेहतर सेवाएं
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उपलब्ध करवाने के अपने उत्तरदायित्व का भलिभांति निर्वहन कर सकें। इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें जिला और विभागीय स्तर पर तैनात किया जाएगा जिससे यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि विभाग निर्धारित समयावधि के भीतर सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएंगे।
अधिनियम के अन्तर्गत निर्धारित समयावधि के भीतर सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए अधिसूचित की गई सेवाओं में पशुपालन विभाग से संबंधित तीन सेवाओं, कृषि विभाग से संबंधित एक सेवा, स्वास्थ्य विभाग की नौ, अग्निशमन सेवाओं की दो, पुलिस से संबंधित 11 सेवाओं, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य की तीन, उद्योग विभाग से संबंधित सात सेवाओं, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की चार सेवाओं, पंचायत राज तथा राजस्व विभाग की क्रमशः छः-छः सेवाओं, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग की सात, शहरी विकास विभाग की नौ, आवास की 11, परिवहन की तीन और वन विभाग की चार सेवाओं को अधिसूचित किया गया है।
कृषि विभाग में मृदा परीक्षण (नमूना) की अधिसूचित सेवा को संबंधित क्षेत्र का मृदा परीक्षण अधिकारी 60 दिनों की निर्धारित समयावधि में उपलब्ध करवा रहा है। इसी प्रकार सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में घरेलू अथवा वाणिज्यिक पानी के कनेक्शन की स्वीकृति एक माह के भीतर प्रदान किया जाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, पेयजल आपूर्ति तथा सिंचाई योजनाओं में छुटपुट खराबी को विद्युत आपूर्ति की बहाली के एक दिन के भीतर ठीक किया जाना अनिवार्य है। अधिनियम के अन्तर्गत संबंधित जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में अनिवार्य दस्तावेजों के साथ आवेदन के तीन दिनों के भीतर वरिष्ठ नागरिकों को पहचान पत्र जारी करना होगा। इसी प्रकार, संबंधित जिला कल्याण अधिकारी उक्त प्रक्रिया अनुसार ही तीन दिनों के भीतर अपंग व्यक्तियों को अपंगता पहचान पत्र जारी करना सुनिश्चित बनाता है।
अधिनियम के अन्तर्गत चरागाह परमिट 24 घण्टों के भीतर उपलब्ध करवाना, मोर्टगेज अनुमति दो सप्ताह के भीतर, जन्म, मृत्यु तथा विवाह पंजीकरण दो दिनों के भीतर जबकि जन्म, मृत्यु और विवाह प्रमाण पत्र की कापी 15 दिनों के भीतर उपलब्ध करवाना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, राशनकार्ड 60 दिनों की निर्धारित समयावधि के भीतर बनाना अनिवार्य होगा। अधिनियम के तहत संबंधित पुलिस थाना प्रभारी को पुलिस सहायता नम्बर 94501-00100पर प्राप्त शिकायत तथा आॅनलाईन दर्ज की गई शिकायत पर 24 घण्टों के भीतर कार्यावाही करना अनिवार्य होगा।
प्रशानिक सुधार विभाग की वैबसाईट पर इन सेवाओं के सन्दर्भ में पूरी जानकारी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, इनके बारे में प्रदेश भर में कार्यशील सभी 2350 लोक मित्र केन्द्रों से भी इनकी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए संबंधित विभागों का सक्रिय सहयोग सुनिश्चित बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है।
हिमाचल प्रदेश जन सेवा गारन्टी अधिनियम निःसंदेह संवेदनशील, जवाबदेह और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित बनाने और लोगों को जन सेवाओं की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित बनाने की दिशा में एक कारगर पहल है। यह अधिनियम प्रदेश सरकार के विकास को गति देने के प्रयासों को और मजबूत करने के साथ-साथ जनता को तीव्र गति से सेवाएं उपलब्ध करवाने की प्रतिबद्धता को मूर्तरूप देने में मील का पत्थर साबित होगा।