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26th July 2015

खेलों एवं युवा गतिविधियों को बढ़ावा दे रही प्रदेश सरकार

ऊर्जा व बागवानी के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश खेलों के क्षेत्र में भी अपना एक खास मुकाम हासिल कर रहा है। प्रदेश के युवा विभिन्न खेल गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम ऊंचा कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने युवा एवं खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं। खेल कोटे से सरकारी नौकरी के अलावा विभिन्न खेल एवं युवा गतिविधियों में अव्वल रहने वाले युवाओं की नगद प्रोत्साहन राशि करीब चार गुणा बढ़ाई गई है। प्रदेश के युवाओं को राष्ट्रीय स्तर पर खेल गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रोत्साहन राशि में भारी वृद्धि की है। राष्ट्रीय स्तर पर युवा प्रतिस्पर्धाओं के एकल वर्ग में प्रथम स्थान हासिल करने पर नगद प्रोत्साहन राशि 20 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 80 हज़ार रुपये, दूसरा स्थान प्राप्त करने पर 10 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 40 हज़ार रुपये और तीसरा स्थान प्राप्त करने पर प्रोत्साहन राशि 6 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 24 हज़ार रुपये की गई है। इसी तरह टीम प्रतिस्पर्धाओं में प्रथम स्थान हासिल करने पर प्रोत्साहन राशि 4 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 16 हज़ार रुपये, दूसरा स्थान प्राप्त करने पर 2 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 8 हज़ार रुपये और तीसरा स्थान प्राप्त करने पर यह प्रोत्साहन राशि एक हज़ार रुपये से बढ़ाकर 4 हज़ार रुपये कर दी गई है। राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित युवाओं की प्रोत्साहन राशि में भी आठ गुणा की वृद्धि करते हुए इसे 5 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 40 हज़ार रुपये किया गया है। प्रदेश सरकार ने युवा गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए युवा क्लबों का गठन कर उनको प्रदान की जाने वाली राशि में भी बढ़ौतरी की है। नोडल युवा क्लब योजना के तहत जिला मुख्यालयों पर युवा स्वयंसेवियों का मानदेय 3 हजार रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये किया गया है। इसी योजना के अन्तर्गत सांस्कृतिक तथा खेल उपकरणों की खरीद के लिए प्रति ब्लाॅक आवंटित होने वाली धनराशि 18 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 20 हज़ार रुपये कर दी गई है। प्रदेश सरकार ने अपने अढ़ाई साल के कार्यकाल के दौरान स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस तथा पूर्ण राजत्व दिवस के मौकों पर 225 राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं, 7 पर्वतारोहियों और 13 विशेष बच्चों को 1 करोड़ 8 लाख 35 हज़ार 186 रुपये की नगद राशि देकर सम्मानित किया है। इसके अलावा 55 उम्दा खिलाडि़यों को 3 प्रतिशत खेल कोटे के तहत विभिन्न सरकारी विभागों में रोजगार प्रदान किया गया है। प्रदेश सरकार युवाओं की ऊर्जा को राष्ट्र पुनर्निर्माण तथा सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन की दिशा में मोड़ना चाहती है। इसके दृष्टिगत सरकार सभी जिला मुख्यालयों पर जहां यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, बहुद्देशीय अन्तरंग खेल परिसरों का निर्माण करवा रही है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थानों पर खेल मैदानों तथा खेल छात्रावासों का निर्माण करवाया जा रहा है। इसके लिए वर्ष 2015-16 में 35 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। धर्मशाला में एक फुटबाल अकादमी की स्थापना भी की जा रही है। प्रदेश की कुल जनसंख्या का 40 प्रतिशत युवा हैं, जिन्हें आत्म अभिव्यक्ति और आत्म विकास के लिए समुचित अवसरों की दरकार है। प्रदेश में युवा गतिविधियों को बल देने के लिए वर्ष 2014-15 में युवा क्लबांे के वार्षिक अनुदान को 10 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 18 हज़ार रुपये किया गया और अब वर्ष 2015-16 में इसे बढ़ाते हुए 20 हज़ार रुपये कर दिया गया है। प्रदेश सरकार खेलों में बेहतर सुविधाएं और आधारभूत ढांचा विकसित करने पर भी जोर दे रही है। अपने वर्तमान कार्यकाल में सरकार ने खेल अधोसंरचना की मरम्मत तथा निर्माण कार्यों पर 1386.08 लाख रुपये खर्च किए हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे खेल मैदानों के निर्माण पर एक करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। प्रदेश सरकार के इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि हिमाचल के खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय स्तर पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्ष 2014-15 में आयोजित सातवीं राष्ट्रीय ग्रामीण खेल प्रतियोगिता में प्रदेश के 134 खिलाडि़यों ने विभिन्न खेलों में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। इस प्रतियोगिता में प्रदेश ने मुक्केबाजी में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक तथा जूडो में चार रजत और एक कांस्य तथा बैडमिंटन में एक रजत पदक हासिल किया। वर्ष 2013-14 में आयोजित छठे राष्ट्रीय ग्रामीण खेल मुकाबलों में हिमाचल के 130 खिलाडि़यों ने विभिन्न खेलों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और बैडमिंटन व मुक्केबाजी में दो रजत पदक, ताईक्वांडो में 2 रजत तथा एथलेटिक्स (3000 मीटर दौड़) मुकाबलों में एक रजत पदक प्राप्त किया। इसके अलावा असम में जनवरी, 2015 में आयोजित राष्ट्रीय युवा महोत्सव में प्रदेश के 72 युवाओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए कथक में प्रथम स्थान और सितार वादन में तीसरा स्थान हासिल किया। इसी तरह राष्ट्रीय महिला खेल प्रतियोगिता (नवम्बर, 2013) में हिमाचल प्रदेश की टीम ने वालीबाल मुकाबले में प्रथम स्थान तथा कबड्डी में तीसरा स्थान हासिल किया। प्रदेश सरकार ने ग्रामीण युवाओं को खेल गतिविधियों से जोड़ने के लिए ‘पायका’ के तहत राज्य स्तरीय मुकाबलों का आयोजन सिरमौर जिला के नाहन तथा मण्डी में और ऊना तथा बिलासपुर में गत अढ़ाई वर्षों में किया है, जिसमें करीब 80 हजार से ज्यादा युवाओं ने भाग लिया। साथ ही विशेष रूप से सक्षम वर्ग के खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करते हुए कुल्लू में राज्य स्तरीय मुकाबलों का आयोजन किया गया, जिसमें 2 हजार से ज्यादा ऐसे खिलाडि़यों ने भागीदारी की। राज्य सरकार के प्रभावी प्रयासों से हिमाचल के युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में और बेहतर प्रदर्शन कर प्रदेश तथा राष्ट्र का नाम रोशन करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।

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