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5th July 2015

सुरक्षित एवं आरामदेय आवागमन के लिये परिवहन का आधुनिकीकरण

विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते हिमाचल प्रदेश में भूतल परिवहन आवागमन का मुख्य साधन है। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार लोगों को उच्च मानकों वाली आरामदायी, सुरक्षित और सुविधाजनक आवागमन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये हर सम्भव प्रयास कर रही है। यात्रियों को भी सरकार से उनके घर-द्वार के समीप गुणात्मक, बेहतर, विश्वसनीय एवं आरामदेय आवागमन सुविधाओं की सदैव अकांक्षा रहती है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये सरकार परिवहन व्यवस्था को अद्यतन बनाने में जुटी है। हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेडे़ में तेजी के साथ आधुनिक तकनीकयुक्त बसों को सम्मिलित करने के अतिरिक्त, मूलभूत सुविधाओं वाले बस अड्डों एवं कार्यशालाओं का निर्माण, स्तरोन्यन एवं आधुनिकीकरण किया जा रहा है। प्रदेश के हर कोने में लोगों की सेवा एवं सुविधा के लिये पिछले दो वर्षों के दौरान परिवहन निगम के बेड़े को 2018 से 2255 तक बढ़ाया गया है और अब इसे 2500 तक बढ़ाया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान हि.प्र. लोक निर्माण विभाग द्वारा पास की गई सभी नई सम्पर्क सड़कों के अलावा ओवरलोडिंग वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त बस सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। निगम के बेड़े में जीपीएस, सीसीटीवी एवं यात्री सूचना प्रणाली से सुसज्जित आधुनिक तकनीकयुक्त 800 नई बसों को शामिल की जा रही हैं। इन बसों में दरवाजा खुला होने पर बस नहीं चलती जिससेे विशेषकर ओवरलोडिंग की सूरत में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। इसके अलावा, बस को पीछे करते वक्त चालक को सीसीटीवी की मदद मिलेगी। लोगों की सुरक्षा के दृष्टिगत राज्य सरकार ने 10 वर्ष से अधिक पुरानी बसों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का निर्णय लिया है और इनके स्थान पर हर वर्ष 300 नई बसें खरीदी जाएंगी। अढ़ाई वर्षों में निगम के बेड़े में शामिल की गई 1076 बसें प्रदेश के लोगों को सुरक्षित एवं भरोसेमन्द आवागमन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिये निगम ने बीते दो वर्षों के दौरान 500 नई स्टार बसें खरीदी हैं। इन बसों को यात्रियों से भरपूर सराहना मिल रही है। जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के अन्तर्गत प्रदेश को स्वीकृत 800 बसों में से 576 प्राप्त हो चुकी हैं और इन्हें क्रियाशील बनाया गया है। इसके साथ-साथ निगम द्वारा दस सुपर लग्ज़री बसें खरीदी जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, चार वोल्वो बसों को ‘वैट लीज’ पर हायर किया जा रहा है। इनमें से दो वोल्वो हमीरपुर-दिल्ली रूट पर दो बसों के स्थान पर चलाई जाएंगी जबकि मनाली-दिल्ली रूट पर दो और वोल्वो सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त, नई लग्जरी एवं वातानुकूलित बसों को निगम के बेड़े में शामिल किया जा रहा है जो राज्य के मुख्य नगरों को जोडंेगी और इन बसों की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। नई पहल करते हुए निगम पर्यटकों को मुख्य गन्तव्यों के लिये सुलभ एवं आरामदेय आवाजाही के दृष्टिगत शिमला-मनाली-धर्मशाला और चण्डीगढ़ के बीच 7-12 सीट वाली बसें चलाएगा। स्कूली बच्चों और विशेष श्रेणी यात्रियों को मुफत यात्रा सुविधा प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को परिहवन निगम की बसों में प्रदान की जा रही निःशुल्क यात्रा सुविधा को इस वर्ष से केन्द्रीय विद्यालयों के बच्चों को भी प्रदान किया जा रहा है। निःशुल्क यात्रा सुविधा शारीरिक एवं मानसिक तौर पर विशेष रूप से सक्षम लोगों, दृष्टि एवं श्रवण बाधित व्यक्तियों सहित कुष्ठ रोगियों एवं अन्यों को भी उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, हि.प्र. अधीनस्थ चयन बोर्ड हमीरपुर एवं हि.प्र. लोक सेवा आयोग शिमला में साक्षात्कार वाले उम्मीदवारों को निगम की बसों में 30 प्रतिशत छूट दी जा रही है। निगम की सभी बसों मेें शारीरिक एवं दृष्टि वाधित व्यक्तियों को अलग से सीटेें आरक्षित करने के अलावा महिलाओं को स्थानीय बसों में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। निगम के राजस्व में लगभग 100 करोड़ रूपये की बढ़ौतरी पिछले वित्त वर्ष के दौरान निगम का सकल राजस्व 514 करोड़ रूपये से बढ़कर 610 करोड़ रूपये हुआ है। अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के लिये हिमाचल पथ परिवहन निगम ने प्रदेश के सभी जिलों में फिटनेस केन्द्र आरम्भ किए हैं और इन केन्द्रों के माध्यम से 2.52 करोड़ रूपये अर्जित किये गए हैं। राज्य के विभिन्न भागों में बस अड्डों और कार्यशालाओं के निर्माण, रखरखाव एवं स्तरोन्यन को विशेष तरजीह दी जा रही है। स्वारघाट, निरमण्ड, ठियोग, सुन्नी, कोटली, जयसिंहपुर, दुल्हर एवं मैहरे में 25 करोड़ रूपये की लागत से नौ नये बस अड्डों के निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इसके अलावा, 2.13 करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न बस अड्डों की मुरम्मत का कार्य प्रगति पर है। जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन के अन्तर्गत 67.18 करोड़ रूपये की लागत से 16 कार्यशालाओं का निर्माण किया जा रहा है। ये कार्यशालाएं बैजनाथ, बिलासपुर, कुल्लू, ठियोग, धर्मशाला, हमीरपुर, तारादेवी, नालागढ़, नगरोटा-बगवां, सुन्दरनगर, नाहन, जसूर, ऊना, रोहडू, रामपुर और मण्डी में बनेंगी। इसके अतिरिक्त, सार्वजनिक-निजी-सहभागिता (पीपीपी) के आधार पर बस अड्डों एवं व्यावसायिक परिसरों के विकास के लिये राज्य में विभिन्न 14 स्थलों का चयन किया गया है। प्रदेश के लोगों और पर्यटकों को सस्ती एवं सुलभ आवागमन सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार केबल कार, ट्राॅमस् के अलावा पौंग, भाखड़ा एवं कोल जलाशयों में वाटर-बोट जैसी वैकल्पिक परिवहन सेवाएं आरम्भ कर रही है और इस सम्बन्ध में प्रस्ताव मंजूरी के लिये केन्द्र सरकार को भेजा गया है। चालक व परिचालक परिवहन निगम की रीढ़ हैं। आधुनिक तकनीकयुक्त बसों के सुचारू संचालन व इन कर्मियों के कौशल उन्नयन के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों में विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है जहां चरणबद्ध तरीके से सभी चालकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने कांगड़ा, हमीरपुर, नाहन और नालागढ़ में भारी वाहन चालन प्रशिक्षण केन्द्र खोलने के लिये सैद्धान्तिक तौर पर मंजूरी प्रदान की है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के लिये लाईसेन्स में ‘हिल ड्राईविंग एण्डोरसमेन्ट’ करवाना अनिवार्य किया गया है। लोगों को आरामदेय एवं सुरक्षित आवागमन सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिये प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयासरत है और परिवहन सुविधाओं को व्यवहारिक रूप देने में आम जनमानस का सहयोग भी जरूरी है।

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