Feature
   

--24th May 2015

आधुनिकीकरण की ओर बढ़ते हिमाचल पुलिस के कदम

24 मई, 2015 हिमाचल प्रदेश, अपने शांत वातावरण, शांतिप्रिय व सौहार्दपूर्ण माहौल एवं चुस्त दुरूस्त कानून व्यवस्था के लिए जाना जाता है। बेहतर कानून व्यवस्था में हिमाचल का नाम देश भर में सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शुमार है। राज्य पुलिस जिसे ईमानदारी, कर्तव्यपरायणता एवं प्रतिबद्धता के लिये जाना जाता है, प्रदेश में कानून व व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। पुलिस की भूमिका एवं नागरिकों को प्रदान की जा रही सेवाओं के मद्देनजर राज्य सरकार पुलिस विभाग के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। प्रदेश के लोगों को और बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से वर्तमान सरकार ने पुलिस विभाग में आवश्यकतानुसार अधोसंरचना सृजन सहित इसे आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने के लिये अनेक निर्णय लिये हैं। पुलिस बल को सुदृढ़ करने के लिये पुरूष कन्सटेबल के 600 पद और महिला कन्सटेबल के 200 पदों को भरने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है। शिमला, मण्डी तथा धर्मशाला में तीन महिला पुलिस थाने खोले एवं क्रियाशील बनाए गए हैं। राज्य सरकार इस वर्ष बद्दी और कुल्लू में दो और महिला थानों की स्थापना करने जा रही है। एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में सरकार ने प्रदेश में सभी 128 पुलिस पोस्टों को अधीनस्थ पुलिस स्टेशन के तौर पर नामित किया है जिससे अब इन पोस्टों में भी प्राथमिकी दर्ज करवाने की सुविधा उपलब्ध हुई है। पुलिस पोस्टें पुलिस स्टेशनों के अधीन कार्य कर रही हैं लेकिन पहले इन पोस्टों को प्राथमिकी दर्ज करने की शक्तियां नहीं थी, जिसके चलते लोगों को पुलिस स्टेशन में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिये लम्बी दूरी तय करनी पड़ती थी। सभी अधीनस्थ पुलिस चैकियों का पूरी तरह कंप्युट्रीकरण किया जा रहा है और इन्हें ब्राॅडबैंड के माध्यम से राष्ट्रीय अपराध एवं आपराधिक जांच नेटवर्क व प्रणाली परियोजना से जोड़ा जा रहा है। पुलिस आवासों के लिये इस वर्ष राज्य सरकार ने 20 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया है। पुलिस स्टेशनों के निर्माण एवं रखरखाव के लिये भी पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। प्रदेश में पिछले अढ़ाई वर्षों के दौरान आवश्यकतानुसार पदों के सृजन एवं इन्हें भरने के अलावा अनेक पुलिस स्टेशन एवं पुलिस पदों का सृजन एवं स्तरोन्यन किया गया है। महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिये राज्य के हर पुलिस स्टेशन में महिला पुलिस अधिकारी की तैनाती की गई है। वाॅयस विश्लेषण एवं डिजीटल सुविधाओं के अभाव में अपराधों की जांच में देरी के मद्देनजर प्रदेश सरकार जुन्गा स्थित राज्य फोरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला में एक वाॅयस विश्लेषण और एक डिजीटल फोरेन्सिक डिवीजन का सृजन कर रही है। इससे वाॅयस एवं डिजीटल नमूनों को जांच के लिये राज्य से बाहर नहीं भेजना पड़ेगा। इसी वर्ष एक सचल फोरेन्सिक इकाई बिलासपुर में स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। नये उभर रहे साईबर अपराधों से निपटने के लिये राज्य सरकार ने एक अत्याधुनिक साईबर सुरक्षा जांच एवं नवोन्वेषण केन्द्र की स्थापना करने का निर्णय लिया है। इस केन्द्र को साईबर अपराध पुलिस स्टेशन के तौर पर अधिसूचित किया जाएगा। बेहतर प्रमाणिकता के कारण विभिन्न आपराधिक एवं नागरिक मामलों में जांच को पुख्ता करने के लिये डीएनए एक बेहद जरूरी तकनीक है। वर्तमान में यह सुविधा राज्य फोरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशाला जुन्गा में उपलब्ध है और अब इसेे मण्डी एवं धर्मशाला स्थित क्षेत्रीय फोरेन्सिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। जन शिकायतों के निपटारे के लिये पुलिस विभाग एसएमएस गेटवे सुविधा प्रदान कर रहा है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के मामलों की रिपोर्ट के लिये आम जनता को टाॅल-फ्री दूरभाष नम्बर 0177-2629893 की सुविधा प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त, भ्रष्टाचार निरोधक हैल्पलाईन के तौर पर टाॅल फ्री नम्बर 1064 भी उपलब्ध है। सड़क सुरक्षा प्रबन्धन एवं नियोजन के उद्देश्य से राज्य पुलिस, लोक निर्माण तथा परिवहन विभागों द्वारा सड़क दुर्घटना डाटा प्रबन्धन प्रणाली (आरएडीएमएस) लागू की गई है। लोगों को उनके पासपोर्ट समय पर बनवाने की सुविधा प्रदान करने करने के लिये पुलिस विभाग पासपोर्ट प्रमाणीकरण का कार्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समयावधि के अन्दर सुनिश्चित कर रहा है। जन शिकायतों के निवारण के लिये विभिन्न स्तरों पर समयावधि को तवज्जो प्रदान की जा रही है। पुलिस थाना स्तर पर शिकायतों का निराकरण 15 दिनों में, उपमण्डल पुलिस अधिकारी स्तर पर 21 दिनों में, जिला स्तर पर एक माह जबकि पुलिस महानिदेशालय स्तर पर शिकायतों का निपटारा 45 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जा रहा है। पुलिस विभाग पुलिस चैकियों, पुलिस स्टेशनों, उपमण्डल एवं जिला स्तर पर सामुदायिक पुलिस योजना को कार्यान्वित कर रहा है। विभाग ने राज्य में अवैध खनन के मामले पंजीकृत करने में अभूतपूर्व उपलब्धियों हासिल की हैं। अवैध खनन को रोकने के लिये समय-समय पर विभिन्न जिलों में विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं। जारीकर्ताः निदेशक, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, हिमाचल प्रदेश, शिमला। .0.

You Are Visitor No.हमारी वेबसाइट में कुल आगंतुकों 10445629

Nodal Officer: UC Kaundal, Dy. Director (Tech), +919816638550, uttamkaundal@gmail.com

Copyright ©Department of Information & Public Relations, Himachal Pradesh.
Best Viewed In Mozilla Firefox