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13th January 2019

युवाओं को रोजगार के लिए सक्षत बना रही हैं कौशल विकास योजनाएं

प्रदेश में युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करके रोज़गार प्राप्त करने के लिए सक्षम बनाया जा सके। वर्तमान में राज्य में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, एशियन विकास बैंक के सहयोग से कौशल विकास योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य विकास योजना चलाई जा रही हैं। इन सभी योजनाओं के अंतर्गत प्रदेश के लगभग एक लाख युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोज़गार प्राप्त करने के योग्य बनाया जाएगा।

कौशल विकास निगम द्वारा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए 22 प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण देने का कार्य सौंपा गया है। 22 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। लगभग 2340 प्रशिक्षुओं द्वारा प्रशिक्षण पूरा किया गया, 341 प्रशिक्षुओं को रोज़गार भी प्राप्त हुआ है।

कौशल विकास निगम के सहयोग से उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्नातक (वोकेशनल) कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें शैक्षणिक सत्र 2017-18 में 824 तथा वर्ष 2018-19 सत्र में 1010 विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है।

कौशल विकास निगम द्वारा चयनित महाविद्यालयों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ग्रेजुएट एड-ऑनकार्यक्रम आरम्भ किया गया है, जिसमें इस सत्र में 750 विद्यार्थी शामिल हुए। 28 मार्च, 2018 को एशियन विकास बैंक के साथ 650 करोड़ रुपये की पांच वर्षीय कौशल विकास परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस परियोजना के तहत 53 हजार से भी ज्यादा युवाओं का कौशल विकास किया जाएगा, 50 आई.टी.आई. स्तरोन्नत की जाएगी, 6 शहरी आजीविका केन्द्र तथा 7 ग्रामीण आजीविका केन्द्र खोले जाएंगे। एशियन विकास बैंक के सहयोग से चलाए जा रहे कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत तीन प्रशिक्षण सेवा प्रदाताओं को अल्पावधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में 7 हजार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

एशियन विकास बैंक की इस परियोजना के अंतर्गत निगम द्वारा आदर्श कैरियर केन्द्र, हमीरपुर, राजकीय महिला तकनीकी महाविद्यालय, कांगड़ा, शहरी आजीविका केन्द्र, शमशी, शहरी आजीविका केन्द्र, सुन्दरनगर तथा शहरी आजीविका केन्द्र, नाहन के निर्माण कार्य आरम्भ किए।

मंडी ज़िले में ग्रामीण आजीविका केन्द्र, सडियाना, शिमला ज़िला के ग्रामीण आजीविका केन्द्र, चौपाल तथा प्रगतिनगर के निर्माण कार्य भी आरम्भ किए गए।

77 करोड़ रुपये की लागत से दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी लागू की गई। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 21.56 करोड़ रुपये की पहली किश्त प्राप्त हुई है। इससे लगभग 50,000 युवाओं को रोजगार सम्बन्धी कौशल प्रदान किया जाएगा।

सभी रोजगार केन्द्रों को कौशल पहचान केन्द्रों तथा आदर्श कैरियर परामर्श केन्द्रों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। इससे युवाओं को परामर्श देने से रोजगार एवं प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे।

ग्रामीण महिलाओं को पंचायत स्तर पर संगठित करके अधिकारों के प्रति उन्हें जागरूक कराना, उनके उत्थान के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे उन्हें अवगत करवाने तथा कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने के उद्देश्य से नई सशक्त महिला योजना आरम्भ की गई है।

इन सभी कौशल विकास गतिविधियों से राज्य के युवाओं को रोजगार और अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के अवसर मिलेंगे।

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