Cabinet Decision
   

420/2014-Pub27th June 2014

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में लगभग 3300 उन अनुबंध कर्मियों की सेवाएं नियमित करने का निर्णय लिया गया, जिन्होंने 31 मार्च, 2014 को 6 वर्ष का नियमित कार्यकाल पूरा कर लिया है।

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक में लगभग 3300 उन अनुबंध कर्मियों की सेवाएं नियमित करने का निर्णय लिया गया, जिन्होंने 31 मार्च, 2014 को 6 वर्ष का नियमित कार्यकाल पूरा कर लिया है। मंत्रिमण्डल ने उन सभी दिहाड़ीदारों/कंटिनजेंट पेड वर्करों की सेवाओं नियमित करने का निर्णय लिया, जो 31 मार्च, 2014 को सात वर्ष का नियमित सेवाकाल पूरा कर चुके हैं। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से ऐसे लगभग पांच हजार पात्र कर्मचारी लाभान्वित होंगे। बैठक में अनुबंध कर्मचारियों को पांच दिन का विशेष अवकाश और अनुबंध पर कार्यरत महिला कर्मचारियों को 16 सप्ताह का मातृत्व अवकाश प्रदान करने का निर्णय लिया गया। पहले अनुबंध महिला कर्मियों को 12 सप्ताह का मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाता था। बैठक में 31 मार्च, 2014 को आठ वर्ष का नियमित सेवाकाल पूरा करने वाले अंशकालीन कर्मियों की सेवाएं दैनिक भोगी के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय भी लिया गया। वर्तमान में नियत तिथि को आठ वर्ष की नियमित सेवा अवधि पूरी करने वाले लगभग तीन हजार अंशकालिक कर्मी हैं। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014-15 के बजट अभिभाषण में यह सभी घोषणाएं की थीं। समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान को समर्पित बजट वायदे के अनुरूप मंत्रिमण्डल ने निम्न आय समूहों की आय सीमा को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मापदण्डों के अनुरूप 12,000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 35,000 रुपये प्रतिवर्ष करने को स्वीकृति प्रदान की। शिक्षा विभाग में अंशकालीन जलवाहक पद पर नियुक्ति के लिए आय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए भी आय सीमा को 12,000 रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 35,000 रुपये प्रतिवर्ष करने का निर्णय भी लिया गया। बैठक में नाबार्ड के अन्तर्गत हाल ही में स्वीकृत ‘संरक्षित खेती के अन्तर्गत सब्जी उत्पादन के लिए पाॅलीहाउस परियोजना’ का नाम ‘डाॅ. वाई.एस. परमार स्वरोजगार योजना’ रखने और इसे कार्यान्वित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में इंडियन स्कूल आफ माइन्स, धनबाद, झारखंड तथा भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलुरू में प्रवेश पाने वाले हिमाचली विद्यार्थियों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान करने का निर्णय भी लिया गया। मंत्रिमण्डल ने स्टेट होम, बाल/बालिका आश्रमों में रहने वालों को अपना व्यापार आरम्भ करने के लिए पुनर्वास सहायता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने तथा मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अन्तर्गत नारी सेवा सदन को उपभोग योग्य पदार्थों में संशोधन का निर्णय लिया। बैठक में सेना/नौ-सेना/वायु सेना मेडल तथा ‘मंेशन इन डिस्पैच’ की वार्षिकी को 3000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये प्रतिवर्ष एवं सर्वोत्तम युद्ध सेवा मेडल/उत्तम युद्ध सेवा मेडल/युद्ध सेवा मेडल/विशिष्ट सेवा मेडल की वार्षिकी को 3000 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये प्रतिवर्ष करने को स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय प्रथम अप्रैल, 2014 से प्रभावी माना जाएगा।

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