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21th October 2018

गृहिणी सुविधा योजना ने बदले महिला सशक्तिकरण के मायने

 
अगले दो साल में राज्य के हर परिवार को गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण को प्रयासरत प्रदेश सरकार की गृहिणी सुविधा योजना सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। लान्च होने के करीब 5 माह में ही इस योजना ने अपने तय लक्ष्य का करीब 66  प्रतिशत सफर तय कर लिया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने गृहिणी सुविधा योजना के अन्तर्गत मौजूदा वित्त वर्ष में 33,264 रसोई गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा था जबकि 16 अक्टूबर 2018 तक करीब 22 हज़ार रसोई गैस के कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत पात्र परिवारों को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग रसोई गैस का सिलेंडर, आईएसआई मार्क वाला स्टोव, सुरक्षा पाइप व रेगुलेटर निशुल्क उपलब्ध करा रहा है। अब तक विभाग को इस योजना के तहत 1,61,207 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। विभाग को योजना के तहत कनेक्शन उपलब्ध करवाने में 3500 रुपए का खर्च आता है। सरकार इस योजना के अंतर्गत अगले दो साल में प्रदेश के प्रत्येक परिवार को रसोई गैस की सुविधा प्रदान करना चाहती है।
मुख्यमंत्री ने 26 मई 2018 को इस योजना का शुभारंभ शिमला से किया था। बजट में गृहिणी सुविधा योजना के लिए राज्य सरकार ने 12 करोड़ का बजट रखा था, जिसमें से 8 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण राज्य सरकार की इस योजना का विशेष उद्देश्य है। गृहिणी सुविधा योजना से महिलाओं को रसोई के लिए लकड़ी इक्टठा करने व चूल्हे के धुएं से मुक्ति मिल रही है। योजना के तहत उन परिवारों को लाया गया है, जो केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के अन्तर्गत लाभ नहीं ले पा रहे थे। 
योजना के लिए पात्रताः
इस योजना के तहत किसी भी श्रेणी का परिवार आवेदन कर सकता है, लेकिन कुछ शर्तें भी हैं। सबसे पहले परिवार के पास पहले से कोई रसोई गैस का कनेक्शन नहीं होना चाहिए। परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी/अर्ध-सरकारी, स्वायत्त संस्था, बोर्ड व निगम का कर्मचारी और पेंशनभोगी नहीं होना चाहिए। परिवार को कोई भी सदस्य आयकर दाता न हो। इसके अलावा परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी एजेंसी में पंजीकृत ठेकेदार नहीं होना चाहिए। ऐसे परिवार भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते, जिनका विभाजन एक जनवरी 2018 के बाद हुआ है। ऐसे परिवारों को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया जाता है। 
लाभाथियों का चयनः
गृहिणी सुविधा योजना के लिए एक सरल फॉर्म के जरिए किया जा सकता है। ये फॉर्म ग्राम पंचायतों में भी उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अलावा विभाग की वेबसाइट से भी इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। लाभाथियों का चयन ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतें व शहरी क्षेत्रों में शहरी स्थानीय निकाय करते हैं। गैस एजेंसियां भी एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से डी-डुपलिकेशन को चैक करती हैं। इसके बाद गैस का कनेक्शन परिवार की महिला के नाम पर दिया जाता है। ऐसे परिवारों को भी कनेक्शन मिलता है, जिनमें कोई महिला सदस्य नहीं है। 
आपदा प्रभावितों को भी कनेक्शनः
गृहिणी सुविधा योजना के तहत प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवार को भी रसोई गैस का कनेक्शन दिया जाता है। बाढ़, बादल फटने या आग लगने जैसी घटनाओं के बाद प्रभावित परिवारों को तुरंत रसोई गैस की सुविधा प्रदान की जाती है, चाहे परिवार के पास पहले से ही कोई कनेक्शन क्यों न हो। 
शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबरः
अगर पात्र परिवारों को इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने में कोई असुविधा हो रही हो, तो वह इसकी शिकायत विभाग के पास कर सकते हैं। इसके लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 1967 टोल फ्री नंबर भी जारी किया है। इस टोल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों का निपटारा करने के लिए एक कॉल सेंटर स्थापित किया गया है। इसके अलावा योजना के नोडल अधिकारी व विभाग के संयुक्त निदेशक रमेश गंगोत्रा से भी उनके कार्यालय में फोन नंबर 0177-262497 पर भी संपर्क किया जा सकता है। 
क्या कहते हैं मंत्री ?
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री किशन कपूर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जो प्रदेश से प्रत्येक परिवार को धुआं रहित स्वच्छ ईंधन उपलब्ध करवाएगा। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के मार्गदर्शन में विभाग की गृहिणी सुविधा योजना बेहद सफल साबित हो रही है। यह योजना पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा एक मील का पत्थर साबित होगी। 
 

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