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19.8.201819th August 2018

रोजगार सृजन में वरदान सिद्ध होगी ‘मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना’

  • बेरोज़गार युवाओं को अनेक क्षेत्रों में अवसर प्रदान करेगी  योजना

हिमाचल प्रदेश में उच्च साक्षरता दर है और अकेले सरकारी क्षेत्र में सभी को रेजगार प्रदान करना संभव नहीं है। इसलिए सरकार निजी क्षेत्र में भी युवाओं को रोजगार प्रदान करने के प्रयास कर रही है। राज्य सरकार लगातार सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में युवाओं के लिए और अधिक अवसर पैदा करने के लिये काम कर रही है और इसके लिये नीतियां तैयार की गई हैं।

राज्य सरकार ने प्रदेश के शिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजनाअधिसूचित की है। यह एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें युवाओं को स्वरोजगार के बहुत से अवसर मौजूद हैं। 

योजना को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है ताकि ग्रामीण युवाओं का रोजगार की तलाश में शहर में प्रवासन पर अंकुश लगाया जा सके। योजना में विनिर्माण और सेवा गतिविधियों को शामिल किया गया है जो न केवल ग्रामीण लोगों की आवश्यकताओं को पूरा करेगी, बल्कि गांवों के विकास का अवसर भी प्रदान करेगी। योजना में हिमाचली पुरूषों और महिलाओं के लिए क्रमशः 25 प्रतिशत और 30 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के रूप में वित्तीय लाभ की परिकल्पना की गई है और इसके अलावा 40 लाख रुपये तक के ऋण पर तीन साल के लिए पांच प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान करने का भी प्रावधान है।

योजना के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उद्योग विभाग के निदेशक राजेश शर्मा ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत सेवा क्षेत्र भी खुला है, जिसमें कंप्यूटर ग्राफिक्स और डेटा प्रोसेसिंग, किराए पर उपकरण और पट्टेदारी, औद्योगिक आर एंड डी प्रयोगशालाएं शामिल हैं। औद्योगिक परीक्षण प्रयोगशालाएं, कम्प्यूट्रीकृत डिजाइन और ड्राफ्टिंग, सॉफ्टवेयर, विकास, गांव स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल परीक्षण प्रयोगशालाएं, कच्चे माल/तैयार उत्पाद, संसकरण, सभी प्रकार के रखरखाव, मुरम्मत, परीक्षण या सर्विसिंग में लगे उपक्रम इलेक्ट्रॉनिक्स/इलेक्ट्रिकल उपकरण यानी माप/नियंत्रण उपकरण, टेलीविजन, मोबाइल, ट्रांसफॉर्मर, मोटर, घड़ियां इत्यादि सहित किसी भी प्रकार के ऑटो और मशीनरी सहित वाहन, कृषि उपकरणों की सेवा जैसे ट्रैक्टर, पंप, उबाऊ मशीन इत्यादि को शामिल किया गया है।

इसके अलावा योजना में वजन पुल, ब्लू प्रिंटिंग और ड्राइंग/डिजाइन सुविधाओं का विस्तार, अस्पतालों को भोजन की आपूर्ति के लिए सामुदायिक रसोई, वृद्धावस्था आश्रम, अनाथाश्रम, आवास और उद्योग, सौंदर्य पार्लर, स्वास्थ्य और फिटनेस सुविधाएं, डेस्कटॉप प्रकाशन, फ्लेक्स प्रिंटिंग और डिजाइनिंग, प्रसंस्करण प्रयोगशाला सुविधा के साथ डिजिटल फोटो प्रयोगशाला/फोटो या वीडियो स्टूडियो, वॉयस एएनबी डाटा संचार लिंक, पुष्पोत्पादन गतिविधियां, कैम्पिंग साइट्स गतिविधियां, ट्रेकिंग सेवाएं, प्रिंटिंग प्रेस ऑफसेट और लेटर प्रेस, बैंक्वेट हॉल, ऑटो फैब्रिकेशन, लाँड्री और ड्राई क्लीनिंग सेवाएं, इको टूरिज्म, सिनेमाघर, लाइव बैंड और अन्य संबद्ध सेवा, साहसिक पर्यटन, टेंट, साहसिक स्टिक इत्यादि जैसे कैम्पिंग उपकरण, राफ्टिंग, अपशिष्ट निपटान सेवाएं, एक्स-रे क्लिनिक, इवेंट मैनेजमेंट सर्विसेज, पैकेजिंग सेवाएं, कार्गो ऑपरेटर, फैशन डिजाइन, भण्डारण और गादाम सेवाएं, वाणिज्यिक प्रशिक्षण/कौशल विकास या कोचिंग से आरवीआईएस, तकनीकी परीक्षण और विश्लेषण सेवा, आवासीय परिसर के अलावा निर्माण सेवाएं, वाणिज्यिक/औद्योगिक भवनों या सिविल संरचनाओं सहित, बौद्धिक संपदा धारक द्वारा सेवाएं, कॉपीराइट के अलावा बौद्धिक संपदा सेवाएं प्रदान करना, सर्वेक्षण और खनिज, सर्वेक्षण और नक्शा बनाने की सेवा के अन्वेषण, पैकेजिंग सेवा शामिल हैं।

इसके अलावा योजना में इंटरनेट दूरसंचार सेवाएं, विज्ञापन सेवाओं, विनिर्माण के लिए आकस्मिक सेवाएं, भवन निर्माण सेवाएं, प्रिंटिंग प्रकाशन, कूरियर सेवाएं, मोशन पिक्चर और वीडियो टेप उत्पादन, ध्वनि रिकॉर्डिंग, स्वच्छता और इसी तरह की सेवा, अस्पताल सेवाएं, अन्य मानव स्वास्थ्य सेवाएं, ट्रैवल एजेंसियां और टूर ऑपरेटर सेवाएं, पर्यटक मार्गदर्शिका सेवा, मनोरंजक, सांस्कृतिक और खेल सेवाएं (अतिरिक्त सेवाओं के अलावा), आंतरिक जलमार्ग, भंडारण और गोदाम सेवाओं, विपणन परामर्श, औद्योगिक परामर्श, टाइपिंग सेंटर, फोटोकॉपी सेंटर (जेरोक्सिंग) के लिए सहायक सेवाएं, औद्योगिक फोटो ग्राफी, डेस्क टॉप प्रकाशन, इंटरनेट ब्राउजिंग/साइबर कैफे की स्थापना, पारिवारिक नियोजन, सामाजिक वानिकी, ऊर्जा संरक्षण और वाणिज्यिक विज्ञापन जैसे विषयों पर वृत्तचित्र फिल्में, टेलीप्रिंटर/फैक्स सेवाएं, रंगीन या काले और सफेद स्टूडियो प्रसंस्करण प्रयोगशाला से सुसज्जित, नर्सिंग सेवाएं व चिकित्सा सेवाओं सहित प्रशासन सेवाओं को भी योजना में शामिल किया गया है।

इन सेवाओं को शामिल करने से न केवल नौकरियों की तलाश में ग्रामीण युवाओं के प्रवासन को कम किया जाएगा बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की स्थिति से निपटने के लिए निश्चित रूप से उन्हें आत्म-निर्भर बनाया जाएगा।

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