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3rd June 2018

बैंकों की सक्रिय भागीदारी से मिलेगा कृषि-आर्थिकी को बल

हिमाचल प्रदेश सरकार ने बैंकों के सक्रिय सहयोग से किसानों को उदार ऋण उपलब्ध करवाकर कृषि-आर्थिकी को बल प्रदान करने की दिशा में अनेक कारगर कदम उठाए हैं। विभिन्न बैंकों द्वारा कृषि एवं बागवानी विभागों के साथ मिलकर ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए एक जागरूकता अभियान आरम्भ किया है।
कृषकों की, फसल बिजाई व बीज इत्यादि खरीदने की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक, कृषकों को इस योजना के तहत बड़ी संख्या में ऋण प्रदान करने के लिए आगे आए हैं। गत वर्ष इस योजना के अन्तर्गत 1.62 लाख किसानों ने 3000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा का लाभ उठाया है।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की महत्ता को समझते हुए राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड के सहयोग से इस क्षेत्र में निवेश ऋण को व्यापक बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। क्षेत्रीय क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, ऋण योजनाएं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार बनाई गई हैं। हितधारकों से विस्तृत चर्चा करने के उपरान्त ही कृषि से जुड़ी गतिविधियों का चयन किया गया है। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 22390 करोड़ रुपये की क्षमता आधारित ऋण योजनाएं स्वीकृत की गई हैं।
विभिन्न बैंकों द्वारा वित्तीय समावेश अभियान के अन्तर्गत लगभग 10.30 लाख प्रधानमंत्री जन-धन खाते खोले गए तथा 11.60 लाख खाताधारक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत लाए गए हैं। ऐसे 90 प्रतिशत से ज्यादा खाते आधार नम्बरों के साथ जोड़े दिए गए हैं।
डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम में आधार की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए प्रदेश में विभिन्न बैंक शाखाओं में लगभग 167 आधार पंजीकरण और उन्नयन केन्द्र खोले जा रहे हैं ताकि आधार कार्ड की सुविधा से वंचित ग्रामीणों को नजदीक ही आधार बनाने की सुविधा उपलब्ध हो सके।
प्रदेश में इस समय 2128 विभिन्न बैंक शाखाओं और लगभग 1937 एटीएम का नेटवर्क उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक ए.टी.एम. खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि ग्रामीणों को बेहतर बैंक सेवाएं उपलब्ध हो सकें। दुर्गम क्षेत्रों में जहां बैंक शाखाएं खोलना संभव नहीं है, विभिन्न बैंकां द्वारा 2 हजार ‘बैंक मित्र’ तैनात किए गए हैं ताकि ऐसे क्षेत्रों में रह रहे लोग बैंक सुविधाआें का लाभ उठा सकें।
राज्य अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए, नाबार्ड ने कृषि क्षेत्र के तहत निवेश ऋण बढ़ाने पर विशेष जोर दिया है। हिमाचल प्रदेश में कुल कृषि ऋण में निवेश ऋण का अनुपात लगभग 30 प्रतिशत है और इस क्षेत्र में निवेश ऋण को 40 प्रतिशत तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ और संशोधित मौसम आधारित फसल बीमा योजना को और अधिक प्रभावी बनाया गया है। सभी किसानों के विवरण ‘अपलोड’ करने के लिए बैंकों को अनिवार्य बनाया गया है ताकि प्रभावित किसानों को किसी भी असुविधा से बचाया जा सके और समयबद्ध आधार पर उन्हें मुआवजा मिल सके।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने कृषि और बागवानी क्षेत्रों के विकास के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किए है और कृषि क्षेत्र में स्वरोज़गार सृजन पर बल देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण योजनाएं आरम्भ की जा रही हैं।
कृषि क्षेत्र में ये प्रयास कृषि-अर्थव्यवस्था को अवश्य बढ़ावा देंगे, जिससे किसानों को वर्ष 2022 तक अपनी आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी।
 

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