Feature
   

-8th March 2015

ई-समाधान से जन शिकायतों के त्वरित निपटारे को प्राथमिकता

लोगों को पारदर्शी एवं उत्तरदायी प्रशासन प्रदान करने की प्रतिबद्धता को पूरा करते हुए प्रदेश सरकार आॅन लाईन जन शिकायत समाधान (ई-समाधान) के माध्यम से जन शिकायतों के त्वरित निपटारे को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। इससे न केवल लोगों की जायज समस्याओं और शिकायतों का निराकरण करने में मदद मिली है, बल्कि ई-समाधान से राज्य में उत्तरदायी एवं संवेदनशील शासन सुनिश्चित बनाया जा रहा है। लोगों को उनकी शिकायतें प्रस्तुत करने की सुविधा के लिए राज्य, जिला और उपमण्डल स्तर पर जन शिकायत निवारण समितियों का गठन किया गया है। यह भी सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि इन समितियांे के नियमित अंतराल पर बैठकें आयोजित हों, ताकि प्राप्त शिकायतों और मांगों का त्वरित एवं प्रभावी निदान सुनिश्चित बनाया जा सके। विभिन्न विभागों से संबंधित मामलों पर प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। जिला स्तर पर ये बैठकें समय-समय पर मंत्री अथवा संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। इसके अतिरिक्त, ‘प्रशासन जनता के द्वार’ कार्यक्रम के अंतर्गत दुर्गम एवं दूर-दराज क्षेत्रों में जिला और उपमण्डल स्तर पर एक दिवसीय शिविरों का आयोजन करके जन शिकायतों का समाधान किया जा रहा है। इन शिविरों में विशेषकर गरीब और जरूरतमंद लोगों की विभिन्न प्रकार के प्रमाण-पत्रों को जारी करने, बिजली, पानी, पेंशन अदायगी, भूमि एवं राजस्व से जुड़े मामलों का समाधान भी किया जा रहा है। आम जन की समस्याओं का शीघ्र निपटारा करने की अपनी वचनबद्धता को पूरा करते हुए राज्य में कांग्रेस की सरकार ने वर्ष 2004 के दौरान एक स्वतंत्र लोक शिकायत निराकरण विभाग का गठन किया था। ई-समाधान प्रणाली ने राज्य के दूरवर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों को घर बैठे अपनी शिकायतों को दर्ज करवाने की सुविधा के साथ सरकार के स्तर पर अपनी शिकायतों के समाधान की स्थिति का पता लगाने की सुविधा भी उपलब्ध हुई है। प्रदेश सरकार राज्य के प्रत्येक भाग में बड़ी संख्या में स्थापित लोकमित्र केंद्रों के माध्यम से भी लोगों को उनकी शिकायतों को दर्ज करवाने की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। जन शिकायतों के समाधान के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाते हुए राज्य सरकार ने जनवरी 2014 से ईमेल सेवाओं ;रंदेीपांलजदपअंतंद/दपबण्पदद्ध और दूरभाष नंबर 0177-2880490 के माध्यम से भी जन शिकायतों को दर्ज करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। जन शिकायत विभाग के पास फरवरी, 2015 के अंत तक कुल 44198 शिकायतें दर्ज हुई, जिनमंे से 39,730 का निपटारा किया गया। इसके अतिरिक्त, 21,501 मांगे प्राप्त हुई, जिनमें से 17,489 का समाधान किया गया और शेष शिकायतों और मांगों को समयबद्ध आवश्यक कार्यवाही के लिए संबंधित विभागों को भेजा गया है। महिलाओं की शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करने की राज्य सरकार की पहल के आशाजनक परिणाम सामने आए हैं। वर्ष 2014 के दौरान महिलाओं की कुल 129 शिकायतें दर्ज की गई, जिनमें से 84 मामलों को सीधे महिला आयोग, संबंधित विभागों, संबंधित उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों से उठाकर तीव्रता से निपटारा किया गया। इनमें से 26 मामलों को विधिक प्रक्रिया के लिए भेजा गया, जबकि शेष 19 मामलों पर उच्च स्तर पर सफलतापूर्वक कार्रवाई की गई। भारत के राष्ट्रपति के कार्यालय, प्रधानमंत्री के कार्यालय तथा केंद्र सरकार के जन शिकायत समाधान विभाग से प्राप्त जन शिकायतों का भी विभाग द्वारा समयबद्ध निपटारा सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य सरकार लोकायुक्त की तर्ज पर जन शिकायतों का निराकरण करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ती पर विचार कर रही है, जिससे राज्य में शिकायत निवारण प्रणाली को और प्रभावी एवं सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी। इस कदम से जन शिकायतों के समाधान के दौरान कोताही बरतने वालों के विरूद्ध कार्रवाई सुनिश्चित होगी। विभागीय स्तर पर समस्याओं का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने सभी विभागों में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत सेवाएं प्रदान करने के लिए तय समय सीमा निश्चित की है। इससे अधिकांश जन शिकायतों का निचले स्तर पर निपटारा करने में मदद मिली है।

You Are Visitor No.हमारी वेबसाइट में कुल आगंतुकों 10418448

Nodal Officer: UC Kaundal, Dy. Director (Tech), +919816638550, uttamkaundal@gmail.com

Copyright ©Department of Information & Public Relations, Himachal Pradesh.
Best Viewed In Mozilla Firefox