निजी मकानों, कार्यालयों, संस्थानों व सार्वजनिक स्थलों पर स्थापित किए जा रहे हैं सौर ऊर्जा संयंत्र
बिजली बुनियादी ढांचे के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, और राष्ट्रों के विकास के लिये ऊर्जा अति आवश्यक है। कोयला, लिग्नाइट, प्राकृतिक गैस, तेल, पन बिजली तथा परमाणु ऊर्जा जैसे पारंपरिक संसाधनों से लेकर पवन, सौर, कृषि व घरेलु कचरे जैसे ऊर्जा उत्पादन के व्यवहार्य गैर-परंपरागत संसाधन मौजूद हैं। देश में बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है और आने वाले वर्षो में यह मांग और अधिक बढ़ेगी। देश में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये मौजूदा उत्पादन क्षमता में भारी वृद्धि करने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन के जरिए स्वच्छ ऊर्जा के हिस्से को बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिये, सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन, पूंजी और ब्याज सब्सिडी, व्यवहार्यता अंतरण वित्त, रियायती ऋण, वित्तीय सहायता जैसे अनेक प्रोत्साहन प्रदान कर अक्षय ऊर्जा संसाधनों को अपनाने के लिये एक सक्रिय भूमिका निभा रही है।
भविष्य में ऊर्जा की मांग को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश सरकार ऊर्जा विकास एजेंसी (हिमऊर्जा) के माध्यम से राज्य में अक्षय ऊर्जा कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से लागू किया है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और व्यक्तियों, समुदायों, संस्थानों तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों के लिये सौर फोटोवोल्टेइक प्रणाली के प्रभावी और अभिनव उपयोग को प्रदर्शित करना है।
सौर स्ट्रीट लाईट प्रणाली, सौर घरेलू प्रकाश प्रणाली तथा सौर फोटोवोल्टेइक प्रणाली संयंत्रों जैसी सौर फोटोवोल्टेइक प्रणालियों के लिये नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम के तहत केन्द्रीय वित्तीय सहायता का प्रावधान है। सब्सिडी के अनुमोदन के लिये पंचायतों, संस्थानों और सरकारी विभागों से प्राप्त प्रस्तावों को केन्द्र को भेजा जाता है। सौर फोटोवोल्टिक पावर संयंत्रों की स्थापना के लिए सहायता प्रदान करने के अलावा, आवासीय और सामाजिक क्षेत्र को 70 प्रतिशत तक का अनुदान प्रदान किया जा रहा है।
अभी तक, सरकार ने सिरमौर जिला के बडू साहिब में 200 किलोवाट सौर ऊर्जा प्लांट, हि.प्र. सचिवालय के लिए 6.5 किलोवाट, जिला उपायुक्त कार्यालयों में 4 किलोवाट क्षमता के 12 एसपीवी ऊर्जा प्लांट स्वीकृत किए हैं। इसी प्रकार, 10 किलोवाट सौर ऊर्जा प्लांट रनसेर टापू, किब्बर के लिए 10 किलोवाट, राज्य के 216 पुलिस स्टेशनों प्रत्येक के लिए 2 किलोवाट, कांगड़ा जिला में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के लिए 450 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा प्लांट, रिज मैदान, पुराना बस अड्डा तथा पंचायत भवन शिमला के लिए 55 किलोवाट क्षमता के प्लांट तथा राजभवन शिमला में 25 किलोग्राम सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं।
राज्य में व्यक्तिगत तौर पर एक किलोवाट क्षमता के 250 एसपीवी ऊर्जा प्लांट स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 152 प्लांट स्थापित किए जा चुके है तथा शेष को शीघ्र स्थापित किया जाएगा। हि.प्र. उच्च न्यायालय के लिए 100 किलोवाट एसपीवी ऊर्जा प्लांट, हिप्पा के लिए भी 100 किलोवाट का तथा हि.प्र. विश्वविद्यालय शिमला में 50 किलोवाट एसपीवी ऊर्जा प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं।
हिमऊर्जा ने रिकांगपिओ के बचत भवन में 5 किलोवाट का प्लांट, अतिरिक्त उपायुक्त काजा तथा बीएसएनएल टावर माने गोम्पा गांव, आईटीवीपी की 43वीं बटालियन, सुगर पवांइट स्पिति वैली, आईटीवीपी सुमदो तथा आईटीआई सोलन प्रत्येक में पांच केवी क्षमता के संयंत्र स्थापित किए गए हैं। स्पिति घाटी के मोरमी दोगरी स्थित आईटीवीपी में 10 किलोवाट का प्लांट, जबकि स्पिति घाटी के आईटीवीपी कौरिक, आईटीवीपी बरियोग तथा आईटीवीपी लेपचा प्रत्येक में 2-2 किलोवाट के प्लांट स्थापित किए गए है। सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग काजा में 3 किलोवाट का सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किया गया है।
इसके अलावा, 100 किलोवाट क्षमता के 3 एसपीवी ऊर्जा प्लांट शिमला के घण्डल स्थित न्यायिक एकादमी में, एक किलोवाट क्षमता के 14 एसपीवी प्लांट आईपीएच काजा, पांगी तथा भरमौर में व्यक्तिगत तौर 100 परिसरों में प्रत्येक में एक किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित किए गए है। इसी प्रकार, भारतीय मॅस्कुलर डैस्ट्रॉफी एसोसिएशन सोलन में 50 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट, हिमाचल प्रदेश के 34 न्यायालय परिसरों में 567 किलोवाट के सौर ऊर्जा प्लांट तथा कांगड़ा जिला के बड़ा बंगाल के गांव में 10 किलोवाट क्षमता के 5 सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने का कार्य प्रगति पर है।
राज्य सरकार 40 प्रतिशत अथवा इससे अधिक की आवादी वाले अनुसूचित जाति गांवों में एसपीवी स्ट्रीट लाईट प्रणालियां स्थापित करने के लिए अनुसूचित जाति घटक योजना के अन्तर्गत धनराशि प्रदान कर रही है। इस कार्यक्रम के आरम्भ होने से अभी तक 7961 एसपीवी लाईटें स्थापित की जा चुकी है। इसके अलावा, राज्य में गत साढ़े चार वर्षो के दौरान 55, 230 एसपीवी सीएफएल लालटेन, 22,586 एसपीवी घरेलू लाईटें तथा 674 एसपीवी एलईडी घरेलू लाइटें स्थापित की गई हैं।