News
 

   No. 891/2019-PUB ` 11th September 2019

बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की

 

बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन में एक सादे एवं गरिमापूर्ण समारोह में हिमाचल प्रदेश के 27वें राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश धर्मचंद चैधरी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और लेडी गर्वनर वसंथा भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल को इस अवसर पर शानदार गार्ड आॅफ आॅनर भी दिया गया।
मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने राज्यपाल का नियुक्ति पत्र पढ़कर सुनाया तथा राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर लिए।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा प्रो. प्रेम कुमार धुमल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, केन्द्रीय राज्य मंत्री गृह जी.कृष्ण रेड्डी, आरट्रेक के चीफ आॅफ स्टाफ ले.जनरल जी.एस. सांघा, विधायकगण, नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सेना, पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर, पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और इसे वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां की उच्च परम्पराएं, समृद्ध संस्कृति और रीति-रिवाज़ हैं, जो इस पहाड़ी प्रदेश को अन्य राज्यों से अलग करता है। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि हिमालय की गोद में बसे इस प्रदेश में मुझे राज्यपाल के रूप में कार्य करने का मौका मिला है। प्रकृति ने हिमाचल को अपार सौंदर्य प्रदान किया है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य की चर्चा हमारे दक्षिण भारत में खूब होती है, विशेष कर यहां के पहाड़, बर्फ और स्वच्छ वातावरण की। उन्होंने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में जनसेवा का लम्बा अनुभव है और अब उन्हें संवैधानिक पद के दायित्व की जिम्मेवारी का निर्वहन करना है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पद पर रहकर हम केवल संवैधानिक दायरे में रहकर ही प्रदेश के विकास की गति को और तेज करने में सहयोग कर सकते हैं। गरीब से गरीब व्यक्ति व समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए सरकार द्वारा कार्यान्वित योजनाओं को लाभ कैसे प्राप्त हो, इसमें अपना योगदान दे सकते हैं ताकि इन योजनाओं और कार्यक्रमों का वास्तविक लाभ आम जनता तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह कोशिश रहेगी कि सबको साथ लेकर विकास की गति को आगे बढ़ाया जाए।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि दक्षिण को उत्तर भारत से जोड़ने में पयर्टन की अहम भूमिका हो सकती है। उनकी कोशिश रहेगी कि विभिन्न माध्यमों से दोनों क्षेत्रों को जोड़कर एकरूपता लाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ बिन्दुओं पर कार्य करने की रूपरेखा तैयार की है, जिनमें सबसे पहला, प्रदेश में पर्यटन विकास में सहयोग है।
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है यहां की प्रकृति को बचाये रखना है। यहां का सौंदर्य बना रहे, हरियाली, जंगल, नदियां प्रदूषित न हों और विश्वस्तर तक आकर्षण बना रहे, इसके लिए सबके सहयोग से कार्य करने की आवश्यकता है। विशेष तौर पर स्कूल के बच्चे इस मुहिम में हमारे एम्बेसेडर की भूमिका निभा सकते हैं। स्वयं सेवी संगठन और वन विभाग के सहयोग से इस मिशन को हम आगे लेकर जाएंगे। उन्होंने संस्कृति का संवर्द्धन पर भी बल दिया ताकि भावी पीढ़ी अपने संस्कारों से बंधी रहे।
राज्यपाल ने कहा कि साक्षरता दर में हिमाचल प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है। लेकिन, शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह प्रयास करेंगे कि उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा की दिशा में कैसे आगे बढ़ा जाए तथा गुणात्मक के साथ-साथ नैतिक मूल्यों पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से गरीब, उपेक्षित, मजदूर व किसान वर्ग से जुड़े रहे। उनकी कोशिश रहेगी कि जितने भी कार्यक्रम व योजनाएं सरकार इस दिशा में चला रही है उसका लाभ इस वर्ग को मिले।
उन्होंने कहा कि देवभूमि में नशे का कोई स्थान न हो, सात्विकता हो, सकारात्मकता हो, अध्यात्म के साथ हम बच्चों को अच्छे संस्कार दें ऐसा कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा कि नशे जैसी बुराई के खिलाफ हम मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सब के सहयोग से हिमाचल के विकास के लिए काम किया जाएगा।
.0.

संख्याः 921/2019-पब           शिमला        10 सितम्बर, 2019
बंडारू दत्तात्रेय ने हिमाचल के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की
बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन में एक सादे एवं गरिमापूर्ण समारोह में हिमाचल प्रदेश के 27वें राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश धर्मचंद चैधरी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और लेडी गर्वनर वसंथा भी उपस्थित थीं।
राज्यपाल को इस अवसर पर शानदार गार्ड आॅफ आॅनर भी दिया गया।
मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने राज्यपाल का नियुक्ति पत्र पढ़कर सुनाया तथा राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर लिए।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तथा प्रो. प्रेम कुमार धुमल, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, केन्द्रीय राज्य मंत्री गृह जी.कृष्ण रेड्डी, आरट्रेक के चीफ आॅफ स्टाफ ले.जनरल जी.एस. सांघा, विधायकगण, नगर निगम शिमला की महापौर कुसुम सदरेट, पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सेना, पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर, पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और इसे वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां की उच्च परम्पराएं, समृद्ध संस्कृति और रीति-रिवाज़ हैं, जो इस पहाड़ी प्रदेश को अन्य राज्यों से अलग करता है। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि हिमालय की गोद में बसे इस प्रदेश में मुझे राज्यपाल के रूप में कार्य करने का मौका मिला है। प्रकृति ने हिमाचल को अपार सौंदर्य प्रदान किया है। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य की चर्चा हमारे दक्षिण भारत में खूब होती है, विशेष कर यहां के पहाड़, बर्फ और स्वच्छ वातावरण की। उन्होंने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में जनसेवा का लम्बा अनुभव है और अब उन्हें संवैधानिक पद के दायित्व की जिम्मेवारी का निर्वहन करना है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल के पद पर रहकर हम केवल संवैधानिक दायरे में रहकर ही प्रदेश के विकास की गति को और तेज करने में सहयोग कर सकते हैं। गरीब से गरीब व्यक्ति व समाज के सबसे कमजोर व्यक्ति के लिए सरकार द्वारा कार्यान्वित योजनाओं को लाभ कैसे प्राप्त हो, इसमें अपना योगदान दे सकते हैं ताकि इन योजनाओं और कार्यक्रमों का वास्तविक लाभ आम जनता तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि यह कोशिश रहेगी कि सबको साथ लेकर विकास की गति को आगे बढ़ाया जाए।
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि दक्षिण को उत्तर भारत से जोड़ने में पयर्टन की अहम भूमिका हो सकती है। उनकी कोशिश रहेगी कि विभिन्न माध्यमों से दोनों क्षेत्रों को जोड़कर एकरूपता लाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ बिन्दुओं पर कार्य करने की रूपरेखा तैयार की है, जिनमें सबसे पहला, प्रदेश में पर्यटन विकास में सहयोग है।
उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण है यहां की प्रकृति को बचाये रखना है। यहां का सौंदर्य बना रहे, हरियाली, जंगल, नदियां प्रदूषित न हों और विश्वस्तर तक आकर्षण बना रहे, इसके लिए सबके सहयोग से कार्य करने की आवश्यकता है। विशेष तौर पर स्कूल के बच्चे इस मुहिम में हमारे एम्बेसेडर की भूमिका निभा सकते हैं। स्वयं सेवी संगठन और वन विभाग के सहयोग से इस मिशन को हम आगे लेकर जाएंगे। उन्होंने संस्कृति का संवर्द्धन पर भी बल दिया ताकि भावी पीढ़ी अपने संस्कारों से बंधी रहे।
राज्यपाल ने कहा कि साक्षरता दर में हिमाचल प्रदेश देश भर में दूसरे स्थान पर है। लेकिन, शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वह प्रयास करेंगे कि उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा की दिशा में कैसे आगे बढ़ा जाए तथा गुणात्मक के साथ-साथ नैतिक मूल्यों पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से गरीब, उपेक्षित, मजदूर व किसान वर्ग से जुड़े रहे। उनकी कोशिश रहेगी कि जितने भी कार्यक्रम व योजनाएं सरकार इस दिशा में चला रही है उसका लाभ इस वर्ग को मिले।
उन्होंने कहा कि देवभूमि में नशे का कोई स्थान न हो, सात्विकता हो, सकारात्मकता हो, अध्यात्म के साथ हम बच्चों को अच्छे संस्कार दें ऐसा कोशिश रहेगी। उन्होंने कहा कि नशे जैसी बुराई के खिलाफ हम मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सब के सहयोग से हिमाचल के विकास के लिए काम किया जाएगा।
 

You Are Visitor No.हमारी वेबसाइट में कुल आगंतुकों 10447414

Nodal Officer: UC Kaundal, Dy. Director (Tech), +919816638550, uttamkaundal@gmail.com

Copyright ©Department of Information & Public Relations, Himachal Pradesh.
Best Viewed In Mozilla Firefox