ऽ शीघ्र धनराशि जारी करने का मामला प्रधानमंत्री से उठाया जाएगा
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां स्वां नदी तटीकरण प्राधिकरण की शासकीय निकाय की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ऊना जिले की स्वां नदी तटीकरण परियोजना के लिए केन्द्रीय सहायता में देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रलाय द्वारा स्वं नदी की सभी सहायक नदियों के तटीकरण के लिए 922.485 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी। परियोजना का वित्त पोषण 70ः30 के तहत होना था और समझौते के अनुसार केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा परियोजना का 70 प्रतिशत, जबकि प्रदेश सरकार द्वारा 30 प्रतिशत धनराशि वहन करनी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धनराशि न मिलने के कारण स्वां नदी पर यदि तटबंध न किया गया, तो पहले पूर्ण किए गए कार्यों को बाढ़ से नुकसान होगा। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री को सभी जानकारी और समझौते के तहत जारी केन्द्रीय भागीदारी के संदर्भ सहित पत्र लिखने के निर्देश दिए।
प्रथम वर्ष में परियोजना की लागत 330 करोड़ रुपये थी, जिसमें से प्रदेश सरकार द्वारा 99 करोड़ रुपये का योगदान देना था, जबकि शेष 231 करोड़ रुपये केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा दिए जाने थे। वर्ष 2013-14 में 5.551 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता जारी की गई। वर्ष 2014-15 में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रलाय द्वारा परियोजना के लिए 107 करोड़ रुपये जारी किए गए, जबकि वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 में केन्द्र सरकार द्वारा क्रमशः 26 तथा 50 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। इस प्रकार परियोजना के कार्यान्वयन के लिए केन्द्रीय मंत्रालय द्वारा कुल 189.351 रुपये जारी किए गए हैं।
प्रदेश सरकार ने मार्च, 2017 तक नाबार्ड से ऋण लेकर तथा अपने संसाधनों से 276 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अब जब स्वां नदी की 24 सहायक नदियों का कार्य जारी है, जिसको पूरा करने के लिए 50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस परियोजना में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे चुकी है और केन्द्र सरकार से केन्द्र का हिस्सा जारी करने के लिए अगस्त 2015 से 11 बार पत्राचार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्वयं केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय को इस बारे तीन बार लिखा। इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य सचिव स्तर पर आठ बार पत्राचार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार समझौते से पीछे हट रही है और तर्क दे रही है बाढ़ नियंत्रण के तहत 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रदेश सरकार को अपने संसाधनों से प्रबन्ध करना होगा।
हालांकि तटबंध की कुल लम्बाई लगभग 387.6 किलोमीटर है और 7164 हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया जाना है। अभी तक केवल 162.36 किलोमीटर तटबंधों का निर्माण व 2884 हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कांगड़ा जिला की छोंछ नदी पर खनन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए, ताकि बाढ़ के दौरान अवैध खनन से क्षेत्र में जानमाल को कोई खतरा पैदा न हो।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्रीमती विद्या स्टोक्स, अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री तरूण श्रीधर और श्री अरविन्द मेहता, प्रधान सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य श्रीमती अनुराधा ठाकुर, व सम्बन्धित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।