मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कौंथरी खाला पर 3.58 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पुल के शिलान्यास के उपरान्त नाहन विधानसभा क्षेत्र के रामपुर भारापुर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि चुनावों को समीप आते देख बहुत से लोग आगे आ जाते हैं और लोगों को धर्म, जाति व क्षेत्र के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं, जो राज्य के धातक है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग लोगों को आर्थिक प्रलोभन देकर उन्हें लुभाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें लोगों को जाति, रंग व धर्म के नाम पर बांटने से बचना चाहिए और मेरा अनुभव यह है कि ऐसे नेता जो विभाजनकारी नीतियों पर विश्वास करते हैं, वे निकम्में राजनीतिज्ञ हैं।
उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब के समीप होने के कारण यह क्षेत्र आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहा है। क्षेत्र के सभी धर्मों के लोगों के बीच रिश्ते सौहार्दपूर्ण रहे हैं और लोग मिलजुल कर रहते हैं। हमारा उद्देश्य भाईचारे की भावना को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र खेतीबाड़ी के लिए उत्तम है और बाढ़ से निपटने के लिए यह आवश्यक है कि क्षेत्र के नदी नालों का तटीकरण किया जाए। नाहन विधानसभा क्षेत्र के पावंटा से लगते क्षेत्रों के मौसमी नदी नालों के तटीकरण की आवश्यकता है, ताकि इनका पानी सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज क्षेत्र में 29.10 करोड़ रुपये के पुलों की आधारशिलाएं रखीं और इन पुलों के लिए पहले ही वित्तीय प्रावधान किया गया है।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने नाहन विधानसभा क्षेत्र के दुर्गम क्षेत्र पालियों में भी एक जनसभा को सम्बोधित किया और आश्वासन दिया कि त्रिलोकपुर में उप-तहसील खोलने पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
हिमफैड के अध्यक्ष अजय बहादुर तथा जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय सोलंकी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया।
मुख्य संसदीय सचिव विनय कुमार, विधायक किरनेश जंग, रोजगार सृजन एवं संसाधन सृजन के अध्यक्ष हर्षवर्धन चौहान, पूर्व विधायक कुश परमार, हिमाचल प्रदेश राज्य समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सत्य परमार, जिला परिषद अध्यक्ष दिलीप चौहान व कुंजना सिंह भी जिला के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।
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