Shimlaशिमला   No.861/2017-PUB19th September 2017

प्राथमिक पाठशालाओं में छोटे बच्चों के लिए प्री-नर्सरी कक्षाएंः-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने प्राथमिक पाठशालाओं के सुदृढ़ीकरण तथा  छोटे बच्चों के लिए प्राथमिक पाठशालाओं में प्री-नर्सरी कक्षाओं को आरम्भ करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री आज यहां सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) की चौथी शासकीय परिषद बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग सभी जिला मुख्यालयों तथा उप मण्डल स्तर पर ऐसी प्राथमिक पाठशालाओं को चिन्हित करें जहां प्री-नर्सरी कक्षाएं आरम्भ की जा सके। प्रारम्भिक चरण में कुछ चयनित पाठशालाओं में यह कक्षाएं आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा प्रणाली के मूल्यांकन की आज नितान्त आवश्यकता है तथा सरकार इन प्राथमिक पाठशालाओं में विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर सभी कक्षाओं के लिए एक शिक्षक नियुक्त करने का विचार कर रही है। इससे बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान होगी तथा शिक्षकों को कक्षा में अध्यापन के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक पाठशालाएं केवल आवश्यकता के आधार पर ही खोली जाएंगी तथा प्रदेश में वर्तमान में पर्याप्त पाठशालाएं खोली गई है और अब इनके सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है।
श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि अध्यापन केवल पेशा ही नहीं बल्कि एक मिशन है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को प्राथमिक पाठशालाओं में पढ़ने वाले बच्चों के लिए अधिक समय प्रदान करना चाहिए ।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा में सीखने के स्तर तथा शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ौतरी लाने के लिए सुनियोजित सुधारों के लिए ‘प्रेरणा’ तथा ‘प्रयास’ योजनाओं की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी छात्र को उनके घरद्वार के समीप गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए बचनबद्ध है तथा वर्तमान सरकार के कार्यकाल के लगभग 5 सालों में 54 कॉलेज खोले गए हैं जिससे प्रदेश में अधिसूचित कॉलेजों की संख्या 132 हो गई है तथा दो अन्य कॉलेजों की अधिसूचना भी शीघ्र जारी की जाएगी।
इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ श्री आशुतोश गर्ग ने प्रस्तुती दी। उन्होंने कहा कि नालागढ़ उपमण्डल की राजकीय पाठशालाओं में से 11वीं तथा 12वीं कक्षा के 62 चयनित विद्यार्थियों को ‘इन्डैग रबड़ लिमिटेड’ के द्वारा प्रायोजित इंजीनियरिंग तथा मैडिकल प्रवेश परीक्षाओं की वीकैन्ड कोचिंग प्रदान की गई। ये विद्यार्थी इस तरह की कोचिंग पाने में आर्थिक रूप से असमर्थ थे।
मुख्यमंत्री ने 34 पाठशालाओं को उनके संस्थानों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए ‘स्वच्छता पुरस्कार’ भी प्रदान किए।
हिमाचल प्रदेश राज्य शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष श्री बलवीर टेगटा, प्रधान सचिव शिक्षा श्री संजय गुप्ता, उच्च शिक्षा निदेशक श्री बी.एल.बिन्टा, एसएसए तथा आरएमएसए के राज्य परियोजना निदेशक श्री घनश्याम, प्रारम्भिक शिक्षा के निदेशक श्री मनमहोन शर्मा तथा शासकीय परिषद के सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
 
 

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