Shimlaशिमला   No. 1343/2025 6th December 2025

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय छात्र संघ आईजीएमसी के वार्षिक समारोह ‘स्टीमुल्स’ की अध्यक्षता की

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय छात्र संघ आईजीएमसी के वार्षिक समारोह ‘स्टीमुल्स’ की अध्यक्षता की

 
 
 
चिकित्सकों के लिए इन्सेंटिव पॉलिसी लाने की घोषणा 
 
प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालय होंगे विश्व स्तरीय चिकित्सा तकनीक से लैस 
 
आईजीएमसी में लेप्रोस्कोप के लिए पांच करोड़ तथा एनेस्थीसिया विभाग के लिए छह करोड़ रुपये की घोषणा 
 
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला (आईजीएमसी) के सभागार में केन्द्रीय छात्र संघ आईजीएमसी द्वारा आयोजित वार्षिक समारोह स्टीमुल्स-2025-26 की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री ने आकर्षक एवं भावपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि आईजीएमसी के छात्र हर क्षेत्र में सराहनीय प्रदर्शन करते हैं। इस चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों ने देश-विदेश में प्रदेश का नाम रोशन किया है। राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र का विकास इस तरह कर रही है कि प्रदेश के युवा हर वैश्विक चुनौती और प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों के लिए इन्सेंटिव पॉलिसी लाने की घोषणा की। यह इन्संेटिव विभिन्न मानकों पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में पीजी रेजिडेंट छात्रों को प्रथम वर्ष में 50 हजार रुपये, द्वितीय वर्ष में 60 हजार रुपये और तृतीय वर्ष में 65 हजार रुपये प्रतिमाह करने का प्रावधान किया जाएगा। 
मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी में लेप्रोस्कोप के लिए पांच करोड़ रुपये प्रदान करने और एनेस्थीसिया विभाग के लिए छह करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने आईजीएमसी के छात्रावास निर्माण के लिए संबंधित अधिकारियों को भूमि हस्तांतरण शीघ्र करने के निर्देश दिए। उन्होंने आईजीएमसी प्रधानाचार्य को केएनएच से स्त्री रोग विभाग को आईजीएमसी स्थानांतरित करने के लिए प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने को भी कहा। 
मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी, एआईएमएसएस चमियाणा, आरपीजीएमसी टांडा, नेरचौक और हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालयों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट अधोसंरचना विकास के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार डायग्नोस्टिक सेवाओं में विश्वस्तरीय गुणवत्ता लाना चाहती है ताकि मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके। उन्होंने प्रदेश के पांच चिकित्सा महाविद्यालयों को विश्व स्तरीय चिकित्सा तकनीक से लैस करने की घोषणा की। 
उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय छात्र संघ को पांच लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि चमियाणा संस्थान, आईजीएमसी और टांडा चिकित्सा महाविद्याल में स्मार्ट लैब स्थापित करने के लिए 75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। 
प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण, सुलभ तथा आधुनिक बनाने के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। हिमाचल के इतिहास में महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी की सुविधा आरम्भ की है। हाल ही में जिला शिमला के चमियाणा स्थित अटल इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज और जिला कांगड़ा के टांडा अस्पताल में रोबोटिक मशीनें स्थापित कर इस सुविधा की शुरूआत की गई है। यह सुविधा राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र के इतिहास में एक नए युग का आगाज़ है। 
राज्य सरकार ने प्रदेश में आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता तथा स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास और विस्तार पर तीन हज़ार करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि व्यय करने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों में दो दशकों से  इस्तेमाल हो रहे पुराने चिकित्सा उपकरणों को नए और अत्याधुनिक उपकरणों से बदलने का निर्णय लिया है। राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों में चिकित्सा उपकरण गुणवत्ता और आधुनिकता के मानकों में एम्ज दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ के समान होंगे। प्रदेश सरकार ने बीएससी मेडिकल लेबोरेटरी, रेडियोलॉजी एवं इमेजिंग तथा एनेस्थीसिया एवं ओटी तकनीक में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आईजीएमसी शिमला में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 की हैं तथा मेडिकल कॉलेज टांडा में सीटों की संख्या 18 से बढ़ाकर 50 की हैं। 
प्रदेश सरकार ने रेजिडेंट डाक्टरों के कार्य समय रेगुलेट किए, पहले इन्हें 36 घंटे ड्यूटी देनी पड़ती थी, अब सिर्फ 12 घंटे अधिकतम लगातार ड्यूटी निर्धारित की गई है। हम मानवीय मूल्यों को विशेष अधिमान दे रहे हैं। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीनियर रेजिडेंट का स्टाइफंड 60 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया है। सुपर स्पेशियलिटी में स्टाइफंड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक लाख तीस हजार रुपये किया है। पिछले तीन वर्षों में वर्तमान सरकार ने मेडिकल एजुकेशन में आधारभूत संरचना और आधुनिक उपकरणों पर 1,207 करोड़ रुपये व्यय किए हैं, यह भी प्रदेश सरकार की पहल है। चम्बा, हमीरपुर, नेरचौक मेडिकल कॉलेजों में पीजी पाठ्यक्रम आरम्भ करवाए गए हैं।
इसके साथ-साथ सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में डिपार्टमेंट ऑफ एमरजेंसी मेडिसिन आरम्भ किया है। प्रदेश सरकार चिकित्सा शिक्षा में निरंतर गुणवत्ता ला रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों में 57 कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न महाविद्यालयों में आपात सेवाओं के लिए विशेषज्ञों के 32 पद सृजित किए गए हैं, यह देश भर में पहली बार हुआ है। यह भी प्रदेश सरकार की अनूठी पहल है। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल चमियाणा तथा आईजीएमसी में ट्रॉमा और नया ओपीडी ब्लॉक आरम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को न केवल सुदृढ़ कर रही है, बल्कि इस क्षेत्र में आदर्श राज्य बनने के लिए कार्य कर रही है। 
प्रदेश सरकार सकारात्मक सोच के साथ व्यवस्था को बदल रही है ताकि आने वाले समय में प्रदेश आत्मनिर्भर बन सके। हम हर क्षेत्र में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। 
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे छात्रों और चिकित्सकों को सम्मानित किया।  
इस अवसर पर महाविद्यालय के छात्रों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। 
प्रधानाचार्य डॉ. सीता ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चिकित्सा महाविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों, सुविधाओं और मांगों के बारे अवगत करवाया। 
केंद्रीय छात्र संघ के मुख्य सलाहकार डॉ. पुनीत महाजन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विविध गतिविधियों से अवगत करवाया। 
फॉेेरेंसिक चिकित्सा विभाग के प्रो. पीयूष कपिला ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। 
कार्यक्रम में नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, पार्षदगण, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा,  वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव, प्रधानाचार्य और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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