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   Mandi18th September 2019

‘धन्यवाद मुख्यमंत्री जी...अब हम चैन की नींद सोते हैं’

 
 ‘पहले हमारी रातें खेतों में जंगली जानवरों से पहरेदारी करते, उन्हें भगाने को ढोल पीटते, पटाखे बजाते और रह रह कर शोर मचाते हुए गुजरती थीं, मगर हिमाचल सरकार ने हमारी समस्या के निदान का ऐसा पक्का इंतजाम किया है कि अब हम चैन की नींद सोते हैं।’ ये कहना है मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में अपने खेतों की सोलर बाड़बंदी करवाने वाले मंडी जिले के गथाओं गांव के किसान अमर सिंह का। सरकाघाट की बलद्वाड़ा तहसील से संबंध रखने वाले अमर सिंह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार जताते हुए कहते हैं कि उन्हें सोलर फेंसिंग सेे जंगली जानवरों से फसलों के उजाड़ की चिंता से निजात मिल गई है।
अमर सिंह बताते हैं कि सुअरों, बंदरों और अन्य जंगली जानवरों ने उनके लिए खेती करना मुहाल कर दिया था। 6-8 महीने पहले की बात है कि वे इससे इतने तंग आ चुके थे कि खेतों की बिजाई छोड़ने की सोचने लगे थे, फिर कृषि विभाग से मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना का पता चला। आवेदन करने पर विभाग से सूचीबद्ध कंपनी ने उनकी जमीन का आकलन कर 359 मीटर क्षेत्र पर सोलर बाड़बंदी का मामला बनाया। इस पर आए करीब 3 लाख रुपए के कुल खर्च में से उन्हें केवल 60 हजार रुपए ही देने पड़े, सरकार की ओर से 2.40 लाख रुपए की सब्सिडी मिली।
उनका कहना है कि इस दफा भी फसल पर सुअरों ने हमला किया, मगर सोलर बाड़ से मक्की की उनकी फसल का बचाव हो गया, हालांकि उन्हें अफसोस है कि उनकी जमीन के साथ लगते खेत में पड़ोसी ने सोलर बाड़ नहीं लगवाई थी, उसकी पूरी फसल सुअरों ने तबाह कर दी। हां अब जरूर सोलर बाड़ का फायदा देखकर गांव के और लोग भी इसे लगवाने का मन बना रहे हैं।
करंट से भाग जाते हैं जानवर
वे सोलर बाड़ के फायदे गिनाते हुए कहते हैं कि बाड़ में हल्का सौर आधारित करंट होता है और जैसे ही कोई जानवर इसके संपर्क में आता है उसे हल्का करंट लगता है जिससे जानवर वहां से भाग जाता है। करंट हल्का होने के चलते अगर इंसान तार छू जाए तो उसे कोई नुकसान नहीं होता। दूसरा फायदा ये है कि तार छूते ही इससे जुड़ा सायरन बजने लगता है, उससे किसान जानवरों की खेत में घुसने की कोशिश को लेकर सचेत हो जाते हैं।
पशुओं से फसल को बचाने में बड़ी कारगर
अमर सिंह की बात को आगे बढ़ाते हुए सरकाघाट के ही दरकोहल कारनी गांव के एक लाभार्थी किसान दुनी चंद बताते हैं कि सोलर फेंसिंग जंगली जानवरों व लावारिस पशुओं से फसल को बचाने में बड़ी कारगर है। उन्होंने मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत अपनी जमीन पर 702 मीटर क्षेत्र में सोलर बाड़ लगवाई है। इस पर कुल 5.50 लाख रुपए का खर्च आया, पर उन्हें केवल 1.10 लाख रुपए ही देने पड़े, 4.40 लाख रुपए के खर्चा सरकार ने उठाया। अब वे मक्की, गेहूं, धान जैसी फसलें उगा कर लाभ कमा रहे हैं।
कृषि विभाग के पास करें आवेदन
बलद्वाड़ा वृत के कृषि विकास अधिकारी कर्म सिंह का कहना है कि क्षेत्र में किसान सोलर बाड़बंदी के फायदे देखकर इसे लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। बलद्वाड़ा वृत में वे करीब 12.50 लाख की सब्सिडी किसानों को दे चुके हैं। बाड़ लगाने का सारा काम विभाग से संबद्ध कंपनी करती है। इसमें अगर कोई खराबी आए तो कंपनी के कर्मचारी स्वयं इसकी मरम्मत करते हैं। बाड़ लगाने के लिए किसान कृषि विभाग के पास आवेदन कर सकतें हैं। उन्हें जमीन का पर्चा-ततीमा आवेदन के साथ लगाना होता है।
80 और 85 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान
कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक जीत राम ठाकुर बताते हैं कि सरकार ने जंगली जानवरों की उजाड़ के कारण किसानों-बागवानों को हो रही परेशानी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना शुरू की है। योजना के तहत सामूहिक तौर पर सोलर बाड़ लगाने के लिए सरकार ने 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है। व्यक्तिगत स्तर पर खेतों की सोलर बाड़बंदी के लिए कुल लागत पर 80 प्रतिशत सब्सिडी है। सरकार ने अब सोलर के साथ साथ कांटेदार तार लगवाने के काम को भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत लाकर इसमें भी सब्सिडी का प्रावधान किया है। इससे जुड़ी जानकारी के लिए लोग कृषि विभाग के उपनिदेशक कार्यालय के दूरभाष नंबर 01905-236926 पर फोन कर सकते हैं।
जिले में दी 5.66 करोड़ की सब्सिडी
जिलाधीश ऋग्वेद ठाकुर का कहना है कि मंडी जिले में सौर ऊर्जा आधारित बाड़ के अच्छे परिणामों को देखकर किसान-बागवान सोलर फेंसिंग लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। अब तक जिले में योजना के तहत किसानों को 5.66 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा चुकी है। कृषि विभाग की मदद से प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिक से अधिक लोगों तक योजना की जानकारी पहुंचे और वे इससे लाभान्वित हों।
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